प्रारम्भिक परीक्षा – स्वर्वेद महामंदिर धाम मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ
इस महामंदिर धाम के प्रथम चरण का लोकार्पण 18 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा किया जायेगा।
स्वर्वेद महामंदिर धाम:-
- इस मंदिर का निर्माण वाराणसी के उमरहां में विहंगम योग संत समाज के द्वारा किया गया है।
- इस महामंदिर का निर्माण कार्य लगभग 20 वर्ष पहले शुरू हुआ था।
महत्व :-
- यह महामंदिर धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
- यह मंदिर वास्तुशिल्प का अद्भुत उदाहरण है।
विशेषता:-
- यह मंदिर 64 हजार वर्ग फीट में 7 मंजिला बनाया गया है।
- इसके मुख्य गुंबद में 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प बनाया गया है।
- इस मंदिर को गुजरात के GRC तकनीक द्वारा बनाया गया है।
- यह मंदिर देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर होगा,जिसमें हजारों साधक एक साथ विहंगम योग साधना करेंगे।
- महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद् गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा स्थापित की गई है।
- मंदिर में गुलाबी/लाल मकराना पत्थरों का उपयोग किया गया है, जिस पर प्राचीन स्थापत्य कला की नक्काशी की गई है।
- मंदिर में 50 हजार वर्ग फीट पर वाटर जेट तकनीक से पांच हजार दोहे उत्कीर्ण किये गए हैं। महामंदिर को खूबसूरत बनाने के साथ ही वास्तुशिल्प का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
- पूर्व दिशा में प्रवाहित नहर जल राशि के रूप में स्थापित की गई है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- स्वर्वेद महामंदिर धाम के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इस मंदिर का निर्माण वाराणसी के उमरहां में विहंगम योग संत समाज के द्वारा किया गया है।
- यह मंदिर देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर होगा,जिसमें हजारों साधक एक साथ विहंगम योग साधना करेंगे।
- इस 5 मंजिला मंदिर के मुख्य गुंबद में 125 पंखुड़ियों का विशालकाय कमल पुष्प बनाया गया है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- स्वर्वेद महामंदिर धाम के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालें।
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