प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- अफगानिस्तान के कार्यवाहक वाणिज्य मंत्री ने 19 अक्टूबर,2023 को कहा कि तालिबान प्रशासन औपचारिक रूप से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 'बेल्ट एंड रोड' बुनियादी ढांचा पहल में शामिल होना चाहता है और बातचीत के लिए एक तकनीकी टीम चीन भेजेगा।
मुख्य बिंदु-
- चीन ने वर्ष 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद उसके साथ अपने संबंध मजबूत करने की कोशिश की है, भले ही किसी अन्य विदेशी सरकार ने तालिबानी प्रशासन को मान्यता नहीं दी है।
- सितंबर,2023 में चीन काबुल में राजदूत नियुक्त करने वाला पहला देश बन गया
- जबकि अन्य देशों ने पिछले राजदूतों को बरकरार रखा या प्रभारी डी'एफ़ेयर(d'affaires) क्षमता में मिशन के प्रमुखों को नियुक्त किया है , जिनको वर्तमान सरकार को औपचारिक रूप से प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना जरुरी नहीं है।
- कार्यवाहक वाणिज्य मंत्री हाजी नूरुद्दीन अज़ीज़ी ने कहा, "हमने चीन से अनुरोध किया है कि वह हमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा बनने की अनुमति दे ।"
- पाकिस्तान में आर्थिक गलियारा अफगानिस्तान के पड़ोसी देश में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के प्रमुख खंड को संदर्भित करता है।
- अज़ीज़ी ने कहा कि तालिबानी प्रशासन चीन में एक तकनीकी टीम भी भेजेगा ताकि वह इस पहल में शामिल होने के रास्ते में आने वाले मुद्दों को बेहतर ढंग से समझ सके।
चीन द्वारा अफगानिस्तान में निवेश-
- अफगानिस्तान चीन को प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन प्रदान कर सकता है।
- कई चीनी कंपनियां पहले से ही अफगानिस्तान में काम कर रही हैं, जिनमें मेटलर्जिकल कॉरपोरेशन ऑफ चाइना लिमिटेड (एमसीसी) भी शामिल है, जिसने संभावित विशाल तांबे की खदान की योजना पर तालिबान प्रशासन के साथ-साथ पिछली पश्चिमी समर्थित सरकार के साथ भी कार्य किया है।
- अज़ीज़ी ने कहा, "चीन को अफगानिस्तान में भी निवेश करना चाहिए, क्योंकि हमारे पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ है; जैसे- लिथियम, तांबा और लोहा।"
सुरक्षा की चिंता-
- निवेशकों का कहना है कि सुरक्षा प्रमुख चिंता बनी हुई है।
- आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने काबुल में विदेशी दूतावासों और चीनी निवेशकों के बीच लोकप्रिय एक होटल को निशाना बनाया है।
- अज़ीज़ी ने कहा कि तालिबान द्वारा संचालित सरकार के लिए सुरक्षा प्रमुख प्राथमिकता है।
- उन्होंने कहा कि 20 साल के युद्ध के बाद - जो विदेशी सेनाओं के हटने और तालिबान के कब्जे में आने के बाद समाप्त हुआ - इसका मतलब है कि देश के अधिकांश हिस्से सुरक्षित हैं।
- अज़ीज़ी ने कहा, "अब उन प्रांतों में जाना संभव है जहां उद्योग, कृषि और खदानें हैं जहां पहले कोई नहीं जा सकता था, लेकिन अब सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती है।"
- अफगानिस्तान और 34 अन्य देश 18 अक्टूबर,2023 को बेल्ट एंड रोड फोरम के मौके पर डिजिटल अर्थव्यवस्था और हरित विकास पर एक साथ काम करने पर सहमत हुए।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में कौन तालिबान द्वारा प्रशासित अफगानिस्तान में अपना राजदूत नियुक्त करने वाला पहला देश बन गया है?
(a) पाकिस्तान
(b) ईरान
(c) चीन
(d) रूस
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- चीन द्वारा तालिबान प्रशासित अफगानिस्तान में राजदूत की नियुक्ति भू- राजनीति को किस प्रकार प्रभावित करेगा।मूल्यांकन करें।
|