संदर्भ
हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम (UK) ने महिलाओं द्वारा प्रयोग किये जाने वाले सैनिटरी उत्पादों पर 5% मूल्य वर्धित कर (VAT) को समाप्त कर दिया है। इस टैक्स को ‘टैम्पोन टैक्स’ कहा जाता था।
प्रमुख बिंदु
- 31 दिसंबर, 2020 तक यू.के. यूरोपीय संघ का सदस्य था। यूरोपीय संघ में मासिक धर्म/पीरियड्स से जुड़े सैनिटरी उत्पादों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी से बाहर रखा गया है और इन उत्पादों पर 5% की दर से टैक्स देना पड़ता है।
- वर्ष 1973 में यूरोपीय संघ ने सेनेटरी उत्पादों को पाँच अलग-अलग वैट दरों के अंतर्गत रखा था, वर्ष 2001 के बाद से यहाँ इन उत्पादों पर सबसे कम 5% स्लैब लागू था।
- ‘टैम्पोन टैक्स’ को कार्यकर्ताओं ने लैंगिक भेदभाव वाला कर बताया था, जिस कारण काफी लम्बे समय से यू.के. में इस टैक्स को समाप्त करने की मांग की जा रही थी।
- अब जबकि यू.के. यूरोपीय संघ से बाहर हो गया है, तो ऐसे में यह उसके नियमों को मानने के लिये बाध्य नहीं है।
- यह संशोधनात्मक उपाय यू.के. के एक व्यापक सरकारी प्रयास का हिस्सा है जिसे ‘एंड पीरियड पावर्टी ’ कहा जाता है।
- सैनिटरी उत्पादों पर कर समाप्त करके यू.के. अब उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने पहले ही इस कर को समाप्त कर दिया है। इस सूची में भारत, ऑस्ट्रेलिया तथा कनाडा शामिल हैं।
- विदित है कि स्कॉटलैंड, जो यू.के. का एक हिस्सा है, ने नवंबर 2020 में सभी सैनिटरी उत्पादों को जरूरतमंद लड़कियों तथा महिलाओं के लिये मुफ़्त कर दिया है। ऐसा करने वाला यह विश्व का पहला देश बन गया है।