New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

टार्डिग्रेड्स

(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) 

 संदर्भ

हाल ही में शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा टार्डिग्रेड्स (Tardigrade) की एक नई प्रजाति ‘हाइप्सिबियस हेनानेंसिस’ में एक ऐसे आनुवंशिक तंत्र की पहचान की है जो उन्हें उच्च स्तर के विकिरण का सामना करने में सक्षम बनता है। 

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष 

  • वैज्ञानिकों ने हाइप्सिबियस हेनानेंसिस में 2,801 ऐसे जीनों की खोज की, जो DNA की मरम्मत में शामिल थे। उन्होंने मुख्यतः तीन ऐसे कारक पाए जो इस प्रजाति को विकिरण से बचाने में मदद करते हैं: 
    • डीएनए मरम्मत प्रोटीन (TRID1) : TRID1 नामक प्रोटीन में विकिरण के संपर्क में आने के कारण डीएनए में डबल-स्ट्रैंड ब्रेक को जल्दी से ठीक करने की क्षमता थी। 
    • माइटोकॉन्ड्रियल प्रोटीन के लिए जीन सक्रियता : दूसरा कारक एक जीन से संबंधित था जो विकिरण के संपर्क में आने के दौरान सक्रिय हो जाता था जिसके परिणामस्वरूप दो प्रोटीन उत्पन्न होते हैं जो माइटोकॉन्ड्रियल संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वे डीएनए की मरम्मत में भी मदद करते हैं। 
  • एंटीऑक्सीडेंट पिगमेंट (बीटालेन): हाइप्सिबियस हेनानेंसिस की बीटालेन नामक विभिन्न प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट पिगमेंट उत्पन्न करने की क्षमता होती है। 
    • नेचर रिपोर्ट के अनुसार ये पिगमेंट (रंगद्रव्य) विकिरण के कारण कोशिकाओं के अंदर निर्मित कुछ हानिकारक प्रतिक्रियाशील रसायनों को सोख सकते हैं।

अध्ययन के निहितार्थ 

  • नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इन निष्कर्षों का उपयोग अंतरिक्ष मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को विकिरण से बचाने, परमाणु प्रदूषण को दूर करने या कैंसर के उपचार में सुधार करने में किया जा सकता है।
  • शोधकर्ताओं ने टार्डिग्रेड के एंटीऑक्सीडेंट पिगमेंट बीटालेन का मानव कोशिकाओं पर परीक्षण किया और पाया कि इससे विकिरण के संपर्क में आने के बाद उनके जीवित रहने की दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

टार्डिग्रेड (Tardigrade) के बारे में

  • टार्डिग्रेड आठ पैरों वाले छोटे जानवरों का एक समूह है जिन्हे‘वॉटर बियर’ या ‘मॉस पिगलेट’ के नाम से भी जाना जाता है। 
  • ये चरम स्थितियों में जीवित रहने की अपनी उल्लेखनीय क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं तथा ऐसे वातावरण का सामना कर सकते हैं जो अधिकांश जीवन रूपों के लिए घातक हो सकते है। 
  •  ये परिस्थतियाँ निम्नलिखित हैं -
    • अत्यधिक उच्च और निम्न तापमान (लगभग शून्य से 150 ℃ से अधिक)
    • अंतरिक्ष में पाए जाने वाले विकिरण और वैक्यूम की उच्च स्तर की स्थिति
    • अत्यधिक निर्जलीकरण
    • उच्च दबाव (समुद्र की सबसे गहरी खाइयों के छह गुना तक)
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR