वाणिज्य मंत्रालय ने आवश्यक बुनियादी ढांचे की जरूरतों, संभावित क्षेत्रों और समूहों की पहचान करने के लिए एक कवायद शुरू की है, जिससे देश को वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के वस्तु निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त क्षमता को विकसित करना
- वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए लगभग 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आयात और 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्जिम (निर्यात और आयात) व्यापार को पूरा करने की आवश्यकता है।
- 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात प्राप्त करने के लिए क्षेत्र और क्लस्टर का अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
- व्यापार और कनेक्टिविटी के लिए लचीले निर्यात लॉजिस्टिक्स पर बल देना होगा
- सरकार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (GVC) में भारत के एकीकरण को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि वर्तमान में लगभग 70 प्रतिशत वैश्विक व्यापार इन श्रृंखलाओं के माध्यम से हो रहा है।
- आम तौर पर निर्यात और आयात एक साथ चलते हैं। चीन का निर्यात लगभग 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 3.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात और आयात को संभालने के लिए भारत को व्यापक बुनियादी ढांचे बनाने की आवश्यकता है जो बंदरगाहों में अतिरिक्त 2,000 मिलियन टन माल की आवाजाही का समर्थन करेगा।
- इसी तरह रेलवे को 2030 तक अतिरिक्त 338 मिलियन टन माल ले जाने की अनुमति देगा।
- हवाई अड्डों को माल की आवाजाही के लिए अतिरिक्त 5 मिलियन टन की सुविधाएं बनाने की भी आवश्यकता है।
- ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं। पिछले साल, सीमा पार ई-कॉमर्स व्यापार लगभग 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जिसके वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
- ई-कॉमर्स इकोसिस्टम को सुविधाजनक बनाने के साथ ही निर्यात में इसके व्यापक योगदान देने के लिए अपनी नीतियों को फिर से तैयार करने की जरूरत है।
- चीन का ई-कॉमर्स निर्यात लगभग 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जबकि ऑनलाइन माध्यम से भारत का शिपमेंट केवल 2 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
UNCTAD के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत का सेवा निर्यात 11.4% बढ़कर 345 बिलियन डॉलर हो गया।
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