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तरुण प्लस

 (प्रारंभिक परीक्षा : योजना एवं कार्यक्रम)

संदर्भ

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा के अनुरूप प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत एक नई श्रेणी ‘तरुण प्लस’ को शामिल करते हुए मौजूदा ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया है। 

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में 

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत वर्ष 2015 में की गयी थी।
  • यह योजना गैर-कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, व्यापार या सेवा क्षेत्रों में लगे आय सृजित करने वाले सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख (शुरुआत में 10 लाख रुपये) रुपये तक के सूक्ष्म ऋण/लोन की सुविधा प्रदान करती है। 
    • इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियाँ जैसे मुर्गी पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि भी शामिल हैं।  
  • यह योजना सदस्य ऋण संस्थानों  के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु संस्थाओं की गैर-कॉर्पोरेट तथा गैर-कृषि क्षेत्र की आय सृजित करने वाली गतिविधियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 
    • इन सूक्ष्म एवं लघु संस्थाओं में अनेक स्वामित्व/साझेदारी फर्में शामिल हैं जो लघु विनिर्माण एवं सेवा ईकाइयों, दुकानदार, फल/सब्जी विक्रेता, ट्रक ऑपरेटर, मरम्मत की दुकानें, मशीन ऑपरेटर, लघु उद्योग, कारीगर, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता और अन्य के रूप में काम कर रही हैं। 
  • इस योजना के तहत तीन प्रकार के ऋण उत्पाद हैं:
    • शिशु :  50,000 रुपए तक का ऋण
    • किशोर : 50,000 रुपए  से 5 लाख रुपए तक का ऋण
    • तरुण : 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक ऋण
    • तरुण प्लस :  इस नई श्रेणी के तहत 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के ऋण उन उद्यमियों को प्रदान किए जाएंगे जिन्होंने तरुण श्रेणी के अंतर्गत पिछले ऋणों का लाभ उठाते हुए उनका सफलतापूर्वक भुगतान भी किया है।
  • 20 लाख रुपये तक के पीएमएमवाई (PMMY) ऋणों की गारंटी कवरेज माइक्रो यूनिट्स क्रेडिट गारंटी फंड (CGFMU) के तहत प्रदान की जाएगी।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सदस्य ऋणदाता संस्थाओं द्वारा समय-समय पर ब्याज दरें घोषित की जाती हैं।

ऋण दाता संस्थाएँ

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण, पात्र सदस्य ऋण संस्थाओं (Member Lending Institutions : MLI) के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:  
    • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 
    • निजी क्षेत्र के बैंक  
    • राज्य संचालित सहकारी बैंक  
    • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक  
    • सूक्ष्म वित्त संस्थान (MFI)  
    • गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) 
    • लघु वित्त बैंक (SFB)  
    • मुद्रा लिमिटेड द्वारा सदस्य वित्तीय संस्थाओं के रूप में अनुमोदित अन्य वित्तीय मध्यस्थ
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