(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) |
चर्चा में क्यों
एसीएस फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार चाय की पत्तियाँ भारी धातुओं का प्रभावी ढंग से शोधन करने में सक्षम हैं।
चाय द्वारा धातु शोधन के बारे में
- शोध का शीर्षक : 'स्वच्छ जल का आसवन: चाय तैयार करने के धातु-शोधन लाभ' (Brewing Clean Water: The Metal-Remediating Benefits of Tea Preparation)
- शोध का उद्देश्य : भारी धातुओं को सोखने की चाय की क्षमता को मापना और इस प्रभाव को मापकर, दुनिया भर में भारी धातुओं के जोखिम को कम करने में चाय की खपत की निष्क्रिय रूप से योगदान देने की अज्ञात क्षमता को उजागर करना।
शोध के निष्कर्ष
- चाय की पत्तियों द्वारा जल से विषाक्त धातुएँ जैसे- सीसा, क्रोमियम, कैडमियम आदि अधिशोषित (adsorbed) कर ली जाती हैं।
- यह एक ऐसी प्रक्रिया जिसके द्वारा आयन या अणु किसी दूसरे अणु की सतह पर चिपक जाते हैं, जिससे उसकी सतह पर एक झिल्ली बन जाती है।
- इस प्रकार, भारी धातु आयन चाय की पत्तियों की सतह पर चिपक जाते हैं या सोख लिए जाते हैं और वहीं फंस जाते हैं।
- चाय बनाने के माध्यम से पीने के पानी से लगभग 15% सीसा हटाया जा सकता है, भले ही सीसा सांद्रता 10 भाग प्रति मिलियन के उच्च स्तर पर हो।
- जल में चाय बैग भिगोने के समय की अवधि सीधे धातुओं के अधिशोषण को प्रभावित करती है।
- सेल्यूलोज चाय बैग, कपास और नायलॉन बैगों की तुलना में भारी धातुओं को सोखने में बेहतर काम करते हैं।
शोध के लाभ
- चाय दुनिया में सबसे ज़्यादा पिया जाने वाला पेय पदार्थ है, भारी धातु हटाने की क्षमता से सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण परिणाम सामने आ सकते हैं।
- यदि पूरी आबादी में लोग प्रतिदिन एक कप अतिरिक्त चाय पीते हैं, तो शायद भविष्य में उन बीमारियों में कमी होगी जो भारी धातुओं के संपर्क से निकटता से संबंधित हैं।
- यह शोध यह समझने में मदद करेगा कि अधिक चाय पीने वाली आबादी कम चाय पीने वाली आबादी की तुलना में हृदय रोग और स्ट्रोक की घटनाएं कम क्यों होती हैं।