प्रारम्भिक परीक्षा – तीस्ता नदी जल विवाद, तीस्ता नदी, ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3 |
संदर्भ
- सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बांग्लादेश के साथ तीस्ता नदी के जल के बंटवारे पर सहमत होने का आग्रह किया है।
तीस्ता जल संधि विवाद क्या है?
- तीस्ता नदी का पानी साझा करना, जो हिमालय से निकलती है और सिक्किम एवं पश्चिम बंगाल से होकर ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है, यह नदी भारत और बांग्लादेश के बीच सबसे विवादास्पद मुद्दा है।
बांग्लादेश के लिए तीस्ता नदी का महत्त्व
- यह नदी सिक्किम के लगभग पूरे बाढ़ क्षेत्र को कवर करती है, जबकि बांग्लादेश के 2,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इस नदी के जल से अप्रभावित(सूखा) रहता है, जिससे हजारों लोगों का जीवन नियंत्रित होता है।
पश्चिम बंगाल के लिए तीस्ता नदी का महत्त्व
- पश्चिम बंगाल के लिए तीस्ता नदी बहुत ही महत्वपूर्ण है, इसे उत्तरी बंगाल के लगभग आधा दर्जन जिलों की जीवन रेखा माना जाता है।
भारत और बांग्लादेश के मध्य तीस्ता जल संधि क्यों है ?
- वर्ष1971 में पाकिस्तान से अलग होने के बाद बांग्लादेश ने एक बार फिर तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर मुद्दा उठाया था । इसके बाद साल 1972 में भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग का गठन किया गया।
- वर्ष 1996 में गंगा के पानी पर हुए समझौते के बाद तीस्ता के पानी के बंटवारे की मांग ने फिर जोर पकड़ी और तब से यह मुद्दा लगातार विवादों में है।
- वर्ष 1983 में तीस्ता के पानी पर बंटवारे को लेकर एक समझौता हुआ था। जिसके बाद बांग्लादेश को 36 फीसदी और भारत को 39 फीसदी तीस्ता के पानी का इस्तेमाल करने का हक मिला।लेकिन बाकी बचे 25 फीसदी का आवंटन नहीं हो सका।
- वहीं गंगा समझौते के बाद दूसरी नदियों के लिए विशेषज्ञों की एक साझा समिति तैयार की गई।
- इस समिति ने तीस्ता को महत्व देते हुए साल 2000 में समझौते पर एक मसौदा तैयार किया।
- वर्ष 2010 में बांग्लादेश और भारत ने इस मसौदे को अंतिम मंजूरी दे दी थी।
- वर्ष 2011 में तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह बांग्लादेश यात्रा के दौरान तीस्ता करार पर हस्ताक्षर करने वाले थे। लेकिन ममता बनर्जी की तरफ से विरोध जताए जाने पर इसे स्थगित कर दिया गया था।
- तीस्ता नदी का औसत वार्षिक जल प्रवाह लगभग 60 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है। इस नदी में अत्यधिक जल जून और सितंबर के मध्य में प्रवाहित होती है।
तीस्ता नदी का महत्व
- तीस्ता नदी का औसत वार्षिक जल प्रवाह लगभग 60 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है। इस नदी में अत्यधिक जल जून और सितंबर के मध्य में प्रवाहित होती है।
- इस नदी के प्रवाह और मौसमी बदलाव का महत्व कम बारिश के मौसम (अक्टूबर से अप्रैल/मई तक) के दौरान महसूस किया जाता है क्योंकि औसत प्रवाह लगभग 500 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) प्रति माह है।
- इस नदी में मानसून के दौरान बाढ़ आती है और शुष्क अवधि के दौरान सूखा पड़ता है।
- निम्नलिखित परिस्थितियों को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने 2011 में एक ऐसी व्यवस्था का विरोध किया, जिसके तहत कमज़ोर मौसम के दौरान भारत को 42.5% और बांग्लादेश को 37.5% पानी मिलेगा, इस कारण से तीस्ता जल संधि को महत्त्व नहीं दिया गया।
आगे की राह
- प्रमुख बांग्लादेशी जलविज्ञानी और गंगा जल संधि के वास्तुकार ऐनुन निशात के अनुसार, इसका उत्तर विशाल कृत्रिम जलाशयों के निर्माण में निहित है, जहां मानसून के पानी को कम मौसम के लिए संग्रहित किया जा सकता है।
- डॉ. निशात ने इस संवाददाता को पहले बताया था कि भारत में जलाशयों का निर्माण करने की आवश्यकता है क्योंकि देश में कुछ पर्वत-प्रेरित स्थल हैं जो बांग्लादेश के विपरीत जलाशयों के साथ बांधों की मेजबानी के लिए अनुकूल हैं।
- सुश्री बनर्जी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि पानी राज्य का विषय है।
तीस्ता नदी के बारे में
- तीस्ता नदी का उद्गम स्थल हिमालय के निकट चुनाथांग, सिक्किम है। यह नदी भारत के सिक्किम एवं पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से होकर प्रवाहित होती है।
- यह सिक्किम और पश्चिम बंगाल की मुख्य नदी है। पश्चिम बंगाल में यह दार्जलिंग जिले में प्रवाहित होती है।
- तीस्ता नदी को सिक्किम और उत्तरी बंगाल की जीवनरेखा कहा जाता है।
- सिक्किम और पश्चिम बंगाल से बहती हुई यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है अर्थात तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है। इस नदी की पूरी लम्बाई लगभग 315 किमी है।
ब्रह्मपुत्र नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
दिबांग नदी,लोहित नदी, धनसिरी नदी, कामेंग नदी, मानस नदी, तीस्ता नदी, सुबनसिरी नदी आदि हैं।
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- ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में यरलुंग त्संगपो कहा जाता है।
- असम में सांग्पो नदी को ब्रह्मपुत्र और इसी ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में जमुना के नाम से जाना जाता है।
- तीस्ता नदी का उद्गम स्थल हिमालय के निकट चुनाथांग, सिक्किम है। हिन्दू पुराणों के अनुसार 'तिस्ता' का अर्थ 'त्रि-स्रोता' या 'तीन-प्रवाह' है।
- यह नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी में मिलने से पूर्व सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमा॑ओं के रूप में बहती है।
- बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली यह नदी भारत के साथ ही बंगलादेश की समृद्धि की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण नदी है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
- तीस्ता नदी का उद्गम स्थान पूर्वी हिमालय है।
- तीस्ता नदी भारत के तीन राज्यों में प्रवाहित होती है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर : (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - तीस्ता नदी जल विवाद से आप क्या समझते हैं? इस नदी जल विवाद का भारत पर पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
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