प्रारंभिक परीक्षा – ‘तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek-e-Hurriyat) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
भारत सरकार ने ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू एंड कश्मीर (TeH)’ को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA), 1967 की धारा 3 (1) के तहत विधिविरुद्ध संगठन 31 दिसंबर, 2023 को घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है।
- इस समूह को भारत विरोधी प्रचार फैलाते हुए और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखते हुए पाया गया है।
- तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर (TeH) का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग करना और जम्मू और कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करना है।
- यह संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने में शामिल रहा है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।
- इस संगठन के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, RPC और IPC आदि की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek-e-Hurriyat)
- तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू व कश्मीर सैयद अली शाह गिलानी द्वारा स्थापित एक पृथकतावादी (अलगाववादी) राजनीतिक दल है।
- इसकी स्थापना 7 अगस्त 2004 को सैयद अली शाह गिलानी द्वारा की गई थी।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
- भारत सरकार ने ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू एंड कश्मीर (TeH)’ को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA), 1967 की धारा 3 (1) के तहत विधिविरुद्ध संगठन 31 दिसंबर, 2023 को घोषित किया।
- तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर (TeH) का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग करना है।
- तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना 7 अगस्त 2004 को सैयद अली शाह गिलानी ने किया था।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) के प्रमुख विशेषताओं को रेखांकित कीजिए।
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स्रोत: pib