चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र ने उत्तर प्रदेश के दुधवा-पीलीभीत में ‘तराई हाथी रिज़र्व’ (Terai Elephant Reserve: TER) की स्थापना को मंजूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- यह भारत का 33वाँ हाथी रिज़र्व होगा जो 3,049 वर्ग किमी. क्षेत्र में विस्तृत है। टी.ई.आर. को दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के संयुक्त वन क्षेत्रों में विकसित किया जाएगा।
- इसमें संरक्षित क्षेत्र, वन क्षेत्र और जंगली हाथियों के संरक्षण के लिये गलियारे शामिल हैं।
- इसमें चार जंगली प्रजातियों- बाघ, एशियाई हाथी, स्वैंप डियर और एक सींग वाले गैंडे का भी संरक्षण किया जाएगा जिसमें किशनपुर और कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य भी शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि किशनपुर और कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य क्रमश: लखीमपुर खीरी एवं बहराइच में है। इन दोनों अभयारण्य को वर्ष 1987 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के दायरे में लाया गया।
महत्त्व एवं संरक्षण
- इसकी स्थापना से मानव-हाथी संघर्ष शमन रणनीतियों को लागू करके भारत-नेपाल सीमाई क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा में सहायता मिलेगी। इससे सीमा-पार प्रवासी हाथियों की आबादी के संरक्षण में मदद मिलेगी।
- यह घास के मैदान और गलियारे के रखरखाव के प्रबंधन के मामले में दोनों टाइगर रिज़र्व के लिये भी लाभदायक होगा।
- यह विगत तीन महीनों में ‘प्रोजेक्ट एलीफैंट’ के तहत मंजूरी प्राप्त करने वाला तीसरा हाथी रिज़र्व है। अन्य दो रिज़र्व छत्तीसगढ़ में लेमरू और तमिलनाडु में अगस्त्यमलाई हैं।
- हाथी को भारत के ‘राष्ट्रीय विरासत पशु’ के रूप में मान्यता दी गई है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत इसे संरक्षण प्राप्त है। भारत में 30,000 जंगली और लगभग 3,600 बंदी/पालतू एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है।
- सभी 33 हाथी रिज़र्व लगभग 80,000 वर्ग किमी क्षेत्रफल को कवर करते हैं। तमिलनाडु और असम दोनों राज्यों में सर्वाधिक पाँच-पाँच हाथी रिज़र्व हैं तथा इसके बाद केरल (4) व ओडिशा (3) का स्थान आता है।
प्रोजेक्ट एलीफैंट
- केंद्र प्रायोजित ‘प्रोजेक्ट एलीफैंट’ योजना को वर्ष 1992 में प्रारंभ किया गया था। यह देश में हाथी संरक्षण का समर्थन करती है।
- इसके तहत प्रमुख हाथी आबादी वाले राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।
- इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- मानव-हाथी संघर्ष जैसे मुद्दों को संबोधित करना
- पालतू/बंदी हाथियों (जैसे चिड़ियाघर, अभयारण्य, सर्कस या शिविर में रखे गए) का कल्याण
- हाथी, उनके आवास और गलियारों की रक्षा
- हाथियों को उनके दांतों से होने वाले नुकसान को कम करना।