(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार, भारत के पड़ोसी देशों के साथ सम्बंध)
पृष्ठभूमि
‘थाड़’ (THAAD) अमेरिका द्वारा डिज़ाइन व निर्मित एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है। व्यापार-युद्ध, वैश्विक भू-राजनीति और सामरिक रणनीति में बदलाव तथा कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों के कारण कई विशेषज्ञों ने अमेरिका और चीन के मध्य शीत युद्ध की आशंका व्यक्त की है। चीन ने दक्षिण कोरिया में अमेरिका की थाड़ मिसाइल रक्षा प्रणाली की मौजूदगी पर अपनी आपत्तियों को फिर से दोहराया है। इस बार चीन द्वारा विरोध का कारण, हाल ही में, दक्षिण कोरिया में अमेरिकी बेस पर कुछ नई इंटरसेप्टर मिसाइलों को तैनात करने और कुछ को प्रतिस्थापित करने के लिये रात भर चला ऑपरेशन है। चीन इस रक्षा प्रणाली को दक्षिण कोरिया में पहली बार तैनात किये जाने के समय से ही आपत्ति जता रहा है। इस कारण से चीन और दक्षिण कोरिया के मध्य सम्बंधों में गिरावट भी देखी गई है।
थाड़ मिसाइल रक्षा प्रणाली
- थाड़ (THAAD) मूलतः टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (Terminal High Altitude Area Defense- THAAD) का संक्षिप्त रूप है। यह एक प्रकार की स्थानांतरण योग्य और सतह (स्थल) आधारित मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इस प्रणाली को छोटी व मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के उड़ान के अंतिम चरण (Terminal Phase) में इंटरसेप्ट और नष्ट करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- अंतिम चरण में बैलिस्टिक मिसाइलें उच्चतम ऊँचाई से नीचे की ओर आ रही होती है।
- प्रथम बार वर्ष 1987 में प्रस्तावित और अंतत: वर्ष 2008 में पहली बार तैनात की गई थाड़ प्रणाली का प्रयोग दुश्मन के खिलाफ हमले के रूप में नहीं किया जा सकता है।
- इस मिसाइल प्रणाली की प्रमुख भूमिका एक शक्तिशाली राडार के प्रयोग द्वारा मिसाइलों को लॉन्च करने से पूर्व ट्रैक करना और नष्ट करना है।
- प्रत्येक थाड़ प्रणाली में- इंटरसेप्टर्स, लांचर, राडार, फायर कंट्रोल यूनिट और सहायक उपकरण शामिल होते हैं।
- थाड़ अंतरिक्ष-आधारित और सतह-आधारित निगरानी स्टेशनों से जुड़ा होता है, जो आने वाली मिसाइलों के बारे में डाटा ट्रांसफर करके चेतावनी भी जारी करता है तथा खतरे के प्रकार के वर्गीकरण के बारे में थाड़ इंटरसेप्टर मिसाइल को सूचित करता है।
- थाड़ इंफ्रारेड सेंसर के साथ अंतरिक्ष-आधारित उपग्रहों द्वारा आने वाली मिसाइलों के बारे में चेताता है।
- राडार आने वाली मिसाइल को पहले इंटरसेप्ट करता है। इस तरह के किसी भी खतरे की पहचान सिस्टम को चलाने वाले लोगों द्वारा की जाती है, जो किसी ट्रक से मिसाइल पर एक प्रक्षेप्य (Projectile) को फायर करते है, जिसे इंटरसेप्टर कहते हैं।
- अंतत: सिर्फ प्रक्षेप्य की गतिज ऊर्जा (Projectile’s Kinetic Energy) के उपयोग द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल नष्ट कर दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, गतिज ऊर्जा का उपयोग मिसाइल रोधी प्रणाली को सुरक्षित बनाता है क्योंकि यह मिसाइलों को नष्ट करने के लिये वॉरहेड्स का उपयोग नहीं करता है।
- इज़राइल का 'आयरन डोम' भी इसी प्रकार की एक प्रणाली है जो लगभग 90 प्रतिशत तक मिसाइल इंटरसेप्टम करने की सफलता का दावा करता है।
अमेरिकी ‘थाड़’ और इज़राइली ‘आयरन डोम’: तुलनात्मक अध्ययन
i. इजरायल की मिसाइल रक्षा प्रणाली ‘आयरन डोम’, मार्च 2011 से परिचालन में है तथा कई मायनों में अमेरिका की थाड़ प्रणाली के समान है। इज़राइल का दावा है कि ‘आयरन डोम’ लगभग 90 फीसदी मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर रहा है।
ii. थाड़ सिस्टम की तुलना में आयरन डोम की डिटेक्शन रेंज बहुत कम है। हालाँकि थाड़ बहुत अधिक ऊंचाई पर तैनात होने के कारण तोपखाने के गोले (Artillery Shells) आदि के खिलाफ अच्छी तरह से काम नहीं करता है, जबकि आयरन डोम इसके लिये आदर्श है।
iii. थाड़ प्रणाली में अधिक बड़ी इंटरसेप्टर मिसाइलें हैं जो बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगाने के लिये एकदम उपयुक्त मानी जाती हैं, जबकि दूसरी तरफ आयरन डोम छोटी व मध्यम दूरी की मिसाइलों और कभी-कभी मोर्टार शेल को इंटरसेप्ट करने के उद्देश्य से तैयार की गई हैं।
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थाड़ की तैनाती
- थाड़ एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को अमेरिकी कम्पनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया है। इस मिसाइल रक्षा प्रणाली को दक्षिण कोरिया के अतिरिक्त अन्य कई देशों में भी तैनात किया गया है।
- थाड़ प्रणाली को वर्ष 2009 में हवाई (Hawaii) राज्य में तैनात किया गया था। हवाई प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिका का एकमात्र द्वीपीय राज्य है।
- इसके अतिरिक्त, थाड़ रक्षा प्रणाली को गुआम (Guam) में भी तैनात किया गया है। गुआम पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है। इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, इजराइल व रोमानिया में भी इसको तैनात किया गया है।
- भविष्य में थाड़ रक्षा प्रणाली को ओमान, सऊदी अरब, जापान और ताइवान में भी तैनात किये जाने की योजना है।
दक्षिण कोरिया में थाड़ की तैनाती और चीन का विरोध
- उत्तर कोरिया द्वारा लगातार मिसाइलों का परीक्षण किये जाने और परमाणु क्षमताओं के बारे में लगातार उद्घोषणा के कारण दक्षिण कोरिया में मई 2017 से थाड़ मिसाइल रक्षा प्रणाली संचलन अवस्था में है।
- दक्षिण कोरिया में तैनात थाड़ मिसाइल रक्षा प्रणाली को अमेरिकी सेना द्वारा संचालित किया जा रहा है। उत्तर कोरिया द्वारा जापान में अमेरिकी सैन्य बेस की दिशा में किये गए मिसाइल परिक्षण के बाद अमेरिका ने योजना में बदलाव करते हुए दक्षिण कोरिया में ओसन (Osan) बेस में इसकी तैनाती की है।
- दक्षिण कोरिया में थाड़ की तैनाती ने चीन के साथ उसके सम्बंधों को प्रभावित किया है। चीन को डर है कि थाड़ की तैनाती उसकी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को कमज़ोर कर रहा है। चीन के अनुसार, इससे क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिये खतरा उत्पन्न होने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन भी प्रभावित हो रहा है।
- कुछ विशेषज्ञ मानते है कि चीन द्वारा इस प्रणाली का विरोध मिसाइलों से ज्यादा इसके इनबिल्ट एडवांस्ड राडार सिस्टम के बारे में अधिक है जो चीन की गतिविधियों को ट्रैक कर सकता है।
- कई विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण कोरिया में अमेरिका द्वारा इस प्रणाली की तैनाती केवल एक रक्षात्मक उपाय नहीं है, जैसा कि अमेरिका द्वारा दावा किया गया है। यह प्रणाली इस क्षेत्र में अमेरिका की उपस्थिति को और बढ़ाएगा जो केवल क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि करेगा।
- यह विवाद पूर्वी एशिया में भू-राजनीति और जटिल संघर्षों से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि अमेरिका विशेष रूप से जापान और दक्षिण कोरिया में अपने कई सैन्य ठिकानों के माध्यम से इस क्षेत्र में मौजूद है।
- पूर्वी एशिया के कुछ पर्यवेक्षकों के अनुसार, चीन का मानना है कि दक्षिण कोरिया व जापान पर अमेरिकी प्रभाव बढ़ रहा है जो इस क्षेत्र में बीजिंग के दीर्घकालिक सैन्य, राजनयिक और आर्थिक हितों में हस्तक्षेप कर सकता है।
- मई के अंतिम सप्ताह में प्रतिस्थापित मिसाइलों की तैनाती के बाद चीन ने अमेरिका से बीजिंग व सियोल के बीच द्विपक्षीय सम्बंधों को नुकसान नहीं पहुंचाने का आग्रह किया।
- इससे पूर्व 2017 में थाड़ की तैनाती के बाद चीन ने दक्षिण कोरिया से आने वाले टूर समूहों पर प्रतिबंधों सहित अन्य प्रकार की अप्रत्यक्ष आर्थिक कार्यवाही की थी। इसके अलावा चीन से दक्षिण कोरिया जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भी भारी गिरावट के साथ-साथ चीन में कोरियाई मनोरंजन के साधनों में भी गिरावट देखी गई थी।
- चीन में बेहद लोकप्रिय दक्षिण कोरियाई सौंदर्य प्रसाधन व सौंदर्य उत्पादों की बिक्री पर भी असर देखा गया था क्योंकि सोशल मीडिया पर दक्षिण कोरियाई उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया था।
- अतः कहा जा सकता है कि विवाद का प्रभाव केवल राजनयिक स्तर तक ही सीमित नहीं था बल्कि इसके दूरगामी परिणाम भी हैं।