मणिपुर के थाडौ समुदाय (Thadou Community) ने राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लागू करने के कदम का समर्थन किया है।
थाडौ समुदाय के बारे में
- थाडौ समुदाय मणिपुर की सबसे पुरानी और सबसे विशाल गैर-नागा जनजातियों में से एक है।
- थाडौ समुदाय मुख्यत: पूर्वोत्तर भारत, बर्मा, बांग्लादेश में रहने वाले थाडौ भाषी कुकी लोग हैं।
- इन्हें थाडौ कुकी भी कहा जाता है।
- इनके अन्य कुलों में हाओकिप, किपगेन, डोंगेल, हैंगशिंग, मंगवुंग आदि शामिल हैं।
- मणिपुर के साथ ही मेघालय व असम में भी थाडौ-भाषी लोगों की काफी संख्या निवास करती हैं।
- इसके अलावा, कई थाडौ भाषी जनगणना में अपनी भाषा को ‘कुकी’ के रूप में सूचीबद्ध करते हैं।
- हालाँकि, वर्तमान में वे कुकी से अलग अपनी पहचान का दावा कर रहे हैं, जिनकी अलग भाषा, संस्कृति, परंपराएं एवं इतिहास है।
- यह मणिपुर की 29 मूल या स्वदेशी जनजातियों में से एक हैं और इन्हें वर्ष 1956 के राष्ट्रपति आदेश के तहत एक स्वतंत्र अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्रदान की गई थी।
- वर्ष 1881 में भारत की पहली जनगणना से लेकर वर्ष 2011 की जनगणना तक यह जनजाति लगातार मणिपुर में सबसे बड़ी जनजाति रही है।
- मई 2023 से मैतेई एवं कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में थाडौ समुदाय फंस गए हैं।