(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 ; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास) |
संदर्भ
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडिया ए.आई. मिशन के वर्षगांठ समारोह के दौरान कई प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया। जिनका उद्देश्य ए.आई.-संचालित अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को मजबूत करना है।
इंडिया ए.आई. मिशन
- इंडिया ए.आई. मिशन केंद्र सरकार द्वारा समर्थित ए.आई. प्रयास है। इस मिशन का परिव्यय ₹10,370 करोड़ है।
- इस मिशन के अंतर्गत AI को अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए सात स्पष्ट कार्यक्षेत्र हैं। जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं :
- इंडिया ए.आई. कंप्यूट
- इंडिया ए.आई. डाटासेट प्लेटफ़ॉर्म
- इंडिया ए.आई. एप्लीकेशन डेवलपमेंट पहल
- इंडिया ए.आई. फ्यूचरस्किल्स
- इंडिया ए.आई. इनोवेशन सेंटर
- इंडिया ए.आई. स्टार्टअप फाइनेंसिंग
- सुरक्षित और विश्वसनीय ए.आई.
मिशन के तहत प्रमुख पहलें
ए.आई. कोष
- हाल ही में केंद्र सरकार ने एक ए.आई. डाटा प्लेटफ़ॉर्म ‘ए.आई. कोष’ लॉन्च किया है। यह गैर-व्यक्तिगत डाटा के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
- ए.आई. कोष में उपलब्ध डाटासेट ए.आई. मॉडल और टूल विकसित करने में सहायता करेगा।
- प्रारंभिक स्तर पर इस प्लेटफ़ॉर्म में 316 डाटासेट शामिल किया गया है जिनमें से अधिकांश भारतीय भाषाओं के लिए भाषा अनुवाद उपकरण बनाने या मान्य करने में मदद करने से संबंधित थे।
- इंडिया ए.आई. डाटासेट प्लेटफ़ॉर्म इंडिया ए.आई. मिशन के सात स्तंभों में से एक है।
इंडिया ए.आई. कंप्यूट पोर्टल
- इस मिशन के कंप्यूट क्षमता स्तंभ के तहत, स्टार्टअप और शिक्षाविद एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने और चलाने के लिए आवश्यक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPU) में संगृहीत डाटा का उपयोग करने में सक्षम होंगे।
- इसमें स्वास्थ्य डाटा, 2011 की जनगणना के आंकड़े, भारतीय उपग्रहों द्वारा प्राप्त उपग्रह इमेजरी,मौसम एवं प्रदूषण संबंधी डाटा शामिल हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों के लिए AI योग्यता ढाँचा
- शासन में ए.आई. की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए ए.आई. योग्यता ढांचा जारी किया गया।
- इसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों को ए.आई. योग्यता मानचित्रण और कौशल उन्नयन पहल से संबंधित कौशल से लैस करना है।
- यह ढांचा सूचित ए.आई. नीति-निर्माण और कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित है।
iGOT-ए.आई.
- iGOT कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर सरकारी अधिकारियों के लिए शिक्षण अनुभव को बढ़ाने के लिए विकसित एक उन्नत ए.आई.-संचालित व्यक्तिगत सामग्री अनुशंसा प्रणाली है।
- यह मिशन कर्मयोगी के तहत सार्वजनिक अधिकारियों के लिए ए.आई.-संचालित शिक्षण सिफारिशों को एकीकृत करता है।
इंडिया ए.आई. स्टार्टअप्स ग्लोबल एक्सेलेरेशन प्रोग्राम
- इंडिया ए.आई. मिशन दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप कैंपस स्टेशन एफ और एचईसी पेरिस के सहयोग से, भारतीय ए.आई. स्टार्टअप्स के लिए एक एक्सेलेरेशन प्रोग्राम शुरू करेगा।
- इसके तहत 10 चयनित ए.आई. स्टार्टअप्स को यूरोप में मेंटरशिप, नेटवर्किंग और वैश्विक बाजार विस्तार के अवसरों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।
इंडिया ए.आई. इनोवेशन चैलेंज
- इंडिया ए.आई. मिशन के तहत इंडिया ए.आई. इनोवेशन चैलेंज शुरू किया है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावशाली ए.आई. समाधानों को बढ़ावा देना है।
- इन समाधानों का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा परिणामों में सुधार करना, सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँच बढ़ाना, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना, सीखने की अक्षमता वाले व्यक्तियों का समर्थन करना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
इंडिया ए.आई. फ्यूचरस्किल्स फेलोशिप
- इंडिया ए.आई. फ्यूचरस्किल्स पहल की संकल्पना ए.आई. कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए बाधाओं को कम करने के लिए की गई है।
- इंडिया ए.आई. आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.आई.टी, साथ ही अन्य सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों के स्नातक और परास्नातक छात्रों को इंडिया ए.आई. फेलोशिप वितरित करता है।
इंडिया ए.आई. डाटा लैब की स्थापना
- पूरे भारत के टियर 2 और टियर 3 शहरों में आधारभूत स्तर के पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए इंडिया ए.आई. डाटा लैब्स की स्थापना की जा रही है।
- इन डाटा लैब में डाटा एनोटेटर और डाटा क्यूरेटर पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाएगी। ये पाठ्यक्रम मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, विनिर्माण और कृषि जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
अन्य पहलें
डाटा साझाकरण पर बल
- पूर्व में सरकार द्वारा स्थापित ओपन गवर्नेंस डाटा प्लेटफ़ॉर्म (data.gov.in) वर्तमान में भारत भर में विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए 12,000 से अधिक डाटा की मेज़बानी करता है।
- सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में मुख्य डाटा अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो उन्हें ऐसे डाटासेट प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जिनका उपयोग शोधकर्ताओं, कंपनियों और सरकार के अन्य हिस्सों द्वारा किया जा सकता है।
गैर-व्यक्तिगत डाटा पहुँच पर समिति का गठन
- वर्ष 2018 में, सरकार ने नए प्रवेशकों की मदद करने और सरकारी नीति की सहायता करने के लिए स्टार्टअप्स और सरकार को गैर-व्यक्तिगत डाटा तक पहुँच प्रदान करने की संभावना का पता लगाने के लिए इंफोसिस के सह-संस्थापक गोपालकृष्णन की अध्यक्षता एक समिति का गठन किया।
- हालाँकि समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया कि निजी हितधारक अपने डाटा को अन्य पक्षों के साथ साझा करने के लिए अनिच्छुक थे।
ए. आई कंम्पयूट और सेमीकंडक्टर अवसंरचना
- भारत अपनी बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था का सहयोग करने के लिए तेजी से एक मजबूत एआई कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर अवसरंचना ढांचे का निर्माण कर रहा है।
- इसके प्रमुख घटकों में शामिल हैं :
- ए.आई. कंप्यूट अवसंरचना को बढ़ाना
- उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग तक खुली पहुँच
- मजबूत जी.पी.यू. आपूर्ति शृंखला
- स्वदेशी जी.पी.यू. क्षमताओं का विकास
- किफ़ायती कंप्यूट प्रणाली तक पहुँच
- सेमीकंडक्टर विनिर्माण को मज़बूत करना
उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना
- सरकार ने नई दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा, कृषि और सतत शहरों में तीन ए.आई. उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं।
- बजट 2025 में 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शिक्षा में ए.आई. के लिए एक नए उत्कृष्टता केंद्र की की घोषणा की गई।
ए.आई.-संचालित उद्योगों के लिए कौशल
- कौशल विकास के लिए पाँच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की योजनाएँ बनाई गई हैं, जो युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक विशेषज्ञता से लैस करेंगे।
- ये केंद्र विनिर्माण और ए.आई. नवाचार में ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ दृष्टिकोण पर आधारित होंगे।
भारत के ए.आई. मॉडल और भाषा प्रौद्योगिकियों का विकास
सरकार भारत के अपने आधारभूत मॉडलों के विकास में सहायता कर रही है, जिसमें बड़े भाषा मॉडल (Large Language Model : LLM) और भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप समस्या-विशिष्ट ए.आई. समाधान शामिल हैं। जिनके विवरण निम्न हैं :
- भारत के आधारभूत बड़े भाषा मॉडल : इंडिया ए.आई. ने प्रस्ताव आमंत्रित करके एल.एल.एम. और छोटे भाषा मॉडल (Small Language Model : SLM) सहित स्वदेशी आधारभूत ए.आई. मॉडल विकसित करने की पहल शुरू की है।
- डिजिटल इंडिया भाषानी : यह ए.आई.-आधारित भाषा अनुवाद प्लेटफ़ॉर्म जिसे भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुँच को सक्षम करने के लिए बनाया गया है। यह भारतीय भाषाओं में सामग्री निर्माण का सहयोग करता है।
- भारतजेन : विश्व की पहली सरकारी-वित्तपोषित मल्टीमॉडल एल.एल.एम. पहल, भारतजेन को वर्ष 2024 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य भाषा, भाषण और कंप्यूटर विज़न में आधारभूत मॉडल के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिक जुड़ाव को बढ़ाना है।
- सर्वम-1 एआई मॉडल: भारतीय भाषाओं के लिए अनुकूलित एकएल.एल.एम. सर्वम-1 में 2 बिलियन पैरामीटर हैं और यह दस प्रमुख भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है। इसे भाषा अनुवाद, पाठ सारांश और सामग्री निर्माण जैसे अनुप्रयोगों के लिए निर्मित किया गया है।
- चित्रलेखा : ए.आई. 4 भारत द्वारा विकसित यह एक ओपन-सोर्स वीडियो ट्रांसक्रिएशन प्लेटफ़ॉर्म है। यह चित्रलेखा उपयोगकर्ताओं को विभिन्न भारतीय भाषाओं में ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट बनाने और संपादित करने में सक्षम बनाता है।
- हनुमान एवरेस्ट 1.0: यह एस.एम.एल. द्वारा विकसित एक बहुभाषी ए.आई. प्रणाली है जो वर्तमान में 35 भारतीय भाषाओं में कार्य करता है। इसे 90 भाषाओं तक विस्तारित करने की योजना है।
आगे की राह
- रणनीतिक सरकारी पहलों के आधार पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता में भारत की तीव्र प्रगति ने देश को वैश्विक ए.आई. शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
- ए.आई. कंप्यूट अवसंरचना का विस्तार करके, स्वदेशी एआई मॉडल को प्रोत्साहन देकर, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना ढांचे को बढ़ाकर और प्रतिभा विकास में निवेश करके, भारत एक समावेशी और नवाचार-संचालित इकोसिस्टम निर्मित कर रहा है।
- ए.आई. के प्रति भारत का सक्रिय दृष्टिकोण इसकी डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर करने के साथ ही महत्वपूर्ण तकनीकों में आत्मनिर्भरता का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।
- आने वाले वर्षों में भारत, वैश्विक ए.आई. परिदृश्य को स्वरुप देते हुए ए.आई. नवाचार में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है।