प्रारम्भिक परीक्षा – स्वास्थ्य विधेयक मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र –3 |
चर्चा में क्यों
सरकार ने 24 जुलाई 2023 को संसद में दो स्वास्थ्य विधेयक - राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 और राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 पेश किए।
प्रमुख बिंदु
- विधेयक दंत चिकित्सक अधिनियम, 1948 और भारतीय नर्सिंग परिषद अधिनियम, 1947 को निरस्त करता है।
- यह विधेयक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग( National Medical Commission) (एनएमसी) की तर्ज पर दंत चिकित्सकों और नर्सों तथा दाइयों (midwives) के लिए नियामक निकाय (Regulatory Body)बनाने का प्रस्ताव करता है।
- स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए स्वायत्त बोर्ड, मूल्यांकन , रेटिंग, नैतिकता तथा पंजीकरण बोर्ड होगा जो दंत चिकित्सा और नर्सिंग शिक्षा के विभिन्न पहलुओं को देखेगा।
- दोनों विधेयकों में लाइव नेशनल रजिस्टर( creating live national registers) बनाने का भी प्रावधान है।
- राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक और राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक NMC की तर्ज पर नियामक निकाय बनाने का प्रस्ताव है।
- चिकित्सा पेशेवरों को वर्तमान में अपने संबंधित राज्य परिषदों के साथ पंजीकरण करने की आवश्यकता है।
- नए विधेयकों के तहत बनाए गए रजिस्टर गतिशील होंगे, राज्य और राष्ट्रीय रजिस्टर स्वचालित रूप से समन्वयित होंगे, इसमे पेशेवरों की योग्यता (qualifications) को समय-समय पर अपडेट की जाएगी।
- नेशनल डेंटल कमीशन बिल नेशनल एग्जिट टेस्ट की तर्ज पर दंत चिकित्सकों के लिए एक एग्जिट टेस्ट का प्रावधान करता है।
विधेयक का प्रभाव
- विशेषज्ञों का कहना है कि इससे नियामक संस्था के निर्णयों पर अधिक सरकारी नियंत्रण हो जाएगा।
- डेंटल काउंसिल का अध्यक्ष वर्तमान में सामान्य निकाय द्वारा चुना जाता है। प्रस्तावित विधेयक में नियामक संस्था के प्रमुख अधिकारियों को सरकार द्वारा नामित किया जाएगा।
- इससे शिक्षा के नियमन में सरकार की भूमिका और अधिक बढ़ जाएगी।
- एक व्यक्ति प्रमुख पदों पर अधिकतम चार वर्षों तक रह सकते हैं।
- विधेयक में कहा गया है कि 70 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इन पदों पर नहीं रह सकता है।
- यह विधेयक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए चल रहे प्रयासों में से एक है ।
- यह भारतीय संदर्भ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवश्यकता-आधारित अनुसंधान की दिशा में पेशे (profession) को विनियमित करने में प्रमुख बदलाव लाएगा।
- राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, एक नियामक ढांचा बनाने के अलावा, अभ्यास के दायरे को परिभाषित (define the scope of practice) करता है।
- इसमें बिल में दाइयों (midwives) को शामिल किया गया है जो कि वर्तमान अधिनियम (इंडियन नर्सिंग काउंसिल एक्ट, 1947) में नहीं है।
- सबसे महत्वपूर्ण विधेयक का उद्देश्य विभिन्न विशिष्टताओं में नर्सों के लिए अभ्यास का दायरा बढ़ाना है।
प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक और राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक NMC की तर्ज पर नियामक निकाय बनाने का प्रस्ताव है। 2. इस बिल में दाइयों (midwives) को शामिल किया गया है जो इंडियन नर्सिंग काउंसिल एक्ट, 1947 में नहीं है । 3. नेशनल डेंटल कमीशन बिल नेशनल एग्जिट टेस्ट की तर्ज पर दंत चिकित्सकों के लिए एक एग्जिट टेस्ट का प्रावधान करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल -1 (b) केवल -2 (c) सभी तीनों (d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा : राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक और राष्ट्रीय नर्सिंग एवं मिडवाइफरी आयोग विधेयक-2023 किस प्रकार सार्वजनिक स्वास्थ्य को दिशा प्रदान करेगा? चर्चा कीजिए।
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