न्यूज़ीलैंड की माओरी समुदाय की सांसद हाना-राव्हीटी मैपी-क्लार्क ने संसद में संधि सिद्धांत विधेयक (Treaty Principles Bill) के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए माओरी समुदाय का एक प्रसिद्ध औपचारिक ‘हाका’ नृत्य ‘का माटे’ किया। इस विधेयक का उद्देश्य वेटांगी की संधि (The Treaty of Waitangi) की पुनर्व्याख्या करना है।
कौन हैं माओरी लोग
- माओरी (Maori) एक पोलिनेशियाई समुदाय हैं और ये न्यूजीलैंड के मूल या प्रथम निवासी हैं। ये न्यूजीलैंड को ‘आओटेरोआ’ (Aotearoa) या ‘विशाल श्वेत बादल की भूमि’ (Land of the Long White Cloud) कहते हैं।’
- लैपिता परिकल्पना के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया के ऑस्ट्रोनेशियन-भाषी लोगों ने अपनी समुद्री यात्राओं के माध्यम से पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में उपनिवेश स्थापित किया। उन्होंने पापुआ गिनी के लोगों के साथ विवाह किया और आधुनिक समय के पोलिनेशियाई लोगों के पूर्वज बन गए, जिनमें से एक माओरी हैं।
- ‘लैपिता’ शब्द का अर्थ एक प्राचीन प्रशांत संस्कृति से है, जिसके बारे में पुरातत्वविदों का मानना है कि यह पोलिनेशिया, माइक्रोनेशिया एवं मेलानेशिया के कुछ क्षेत्रों की समकालीन संस्कृतियों की सामान्य पूर्वगामी है।
- इस संस्कृति का नाम न्यू कैलेडोनिया में स्थित लैपिता नामक स्थान से लिया गया है जो उन पहले स्थानों में से एक है जहाँ इसकी विशिष्ट मृदभांडों की खोज की गई थी।
वेटांगी की संधि
- यह संधि ब्रिटिश क्राउन (न्यूजीलैंड सरकार द्वारा प्रतिनिधित्व) और न्यूजीलैंड के स्वदेशी लोगों, माओरी जनजातियों और उप-जनजातियों के प्रतिनिधियों के मध्य वर्ष 1840 में हस्ताक्षरित हुई थी।
- यह संधि माओरी लोगों के हितों की रक्षा करने और नागरिक समानता की पुष्टि करने का आश्वासन देती है। इसका उद्देश्य दोनों पक्षों के मध्य शांति एवं साझेदारी सुनिश्चित करते हुए न्यूजीलैंड का विकास करना था।
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‘का माटे’ हाका के बारे में
- उत्पत्ति : का माटे हाका की रचना माओरी सरदार ते रौपराहा (Te Rauparaha) ने वर्ष 1820 के आसपास की थी, जब वे मस्कट युद्धों (1806-1845) के दौरान मृत्यु से बचे थे।
- हाका का अर्थ : हाका एक पारंपरिक औपचारिक नृत्यों का एक समूह है जिसमें लयबद्ध गति, चिल्लाना एवं चेहरे के अलग-अलग भाव शामिल होते हैं।
- का माटे सबसे प्रसिद्ध हाका में से एक है और यह प्रतिकूलता पर विजय और अस्तित्व के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
- इस नृत्य को औपचारिक और स्वागत अनुष्ठानों से लेकर प्रमुख सार्वजनिक आयोजनों से पहले प्रस्तुत किया जाता है।