चर्चा में क्यों
हाल ही में रूस और एस्टोनिया में नारवा नदी पर रूस द्वारा नेविगेशन मार्करों को हटाए जाने के बाद के साथ एक नया विवाद को जन्म दिया।
![NEERVA](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//NEERVA.jpg)
रणनीतिक निहितार्थ
- नारवा नदी एस्टोनिया के लिए एक महत्वपूर्ण शिपिंग मार्ग है और क्षेत्रीय विवादों के कारण किसी भी व्यवधान से इसके आर्थिक दुष्परिणाम हो सकते है।
- नदी पर तैरते हुए मार्करों को रूस द्वारा हटाया जाना अनेक चिंताएँ पैदा करता है साथ ही इसे एस्टोनिया और उसके नाटो सहयोगियों को डराने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है।
- चूंकि रूस द्वारा की गयी कार्रवाही की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है, इसलिए कूटनीतिक संवाद और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है। यह स्थिति इस क्षेत्र के देशों के सामने आने वाली व्यापक चुनौतियों को भी रेखांकित करती है।
नारवा नदी के बारे में
- नरवा नदी का उद्गम पेइपस झील के उत्तरपूर्वी छोर पर है और फ़िनलैंड की खाड़ी में यह अपना मुहाना बनाती है।
- पेइपस झील यूरोप की सबसे बड़ी सीमा-पार झील है, जो एस्टोनिया और रूस के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
- इस नदी की सीमाएं तीन देशों से लगती है जिसमे लगभग 63% भाग रूस में, 30% एस्टोनिया एवं 7% लाटविया में बहती है।