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श्रम सांख्यिकी के उपयोग की आवश्यकता

संदर्भ 

औद्योगिक संबंध प्रणाली और श्रम बाजार (IRS-LM) के मामले में, उत्पाद बाजार, प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश जैसे चर और ट्रेड यूनियन, सामूहिक सौदेबाजी और हड़ताल जैसी श्रम संस्थाएं बदलती रहती हैं। नियोक्ताओं ने श्रम निरीक्षण प्रणाली की आलोचना करते हुए इसे “इंस्पेक्टर-राज” का मामला बताया है और इसके सुधारों की मांग की है।  

सुधारों से सम्बन्धित मूल मुद्दे 

  • सुधार के बाद की अवधि में, सरकार सुधारों के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक संवाद एजेंसी, यानी भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) का उपयोग करती है।   
  • सामाजिक भागीदार विश्वसनीय डेटा या अनुभव के बिना अपने "वर्ग-आधारित विचारों" की वकालत कर रहे हैं जिसके कारण भारतीय श्रम सम्मेलन एक "बातचीत की दुकान" में बदल गया है। 
  • आर्थिक और औद्योगिक आंकड़ों के विपरीत, श्रम सांख्यिकी कठोर नहीं होती है , जिससे श्रमिकों से संबंधित सीमित जानकारी प्राप्त होती हैं। 
  • श्रम ब्यूरो कई तरह के औद्योगिक संबंधों (हड़ताल और ट्रेड यूनियन) और श्रम सांख्यिकी (अनुबंध श्रम, अनुपस्थिति, श्रम कारोबार, श्रम निरीक्षण) पर आंकड़े प्रदान करता है लेकिन उनकी सटीकता के बारे में संदेह बना रहता है।
  • अधिकांशत: प्रशासनिक डेटा अधिक एकत्रित किया जाता है,(यानी श्रम कानूनों को लागू करने के एक हिस्से के रूप में तैयार किए गए डेटा) लेकिन काम बंद करने के आंकड़े स्वैच्छिक रूप से एकत्र किए जाते हैं। 
    • श्रम ब्यूरो द्वारा प्रकाशित आंकड़ों की संरचना और दायरा दशकों से लगभग एक जैसा ही रहा है।
  • श्रम निरीक्षकों की संख्या निरीक्षण क्षेत्र की तुलना में बहुत कम है और शोध से पता चला है कि श्रम निरीक्षणों पर कोई अखिल भारतीय डेटा भी नहीं है।

भारत द्वारा किये गये प्रमुख श्रम सुधार 

  • श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है।
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के माध्यम से जीवन और दिव्यंगता लाभ प्रदान किया जाता है।
  • अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (ABVKY) के तहत बेरोजगारी लाभ प्रदान किया जाता है।
  • कामकाजी परिस्थितियों में सुधार और श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए सरकार द्वारा कई विधायी और प्रशासनिक पहल की गई हैं।
    • श्रम संहिता: वेतन संहिता, 2019 औद्योगिक संबंध संहिता, 
    • 2020 सामाजिक सुरक्षा संहिता, 
    • 2020 व्यावसायिक सुरक्षा, 
    • स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियाँ संहिता, 2020

सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए 

  • 2004 में श्रम विनियमन के प्रभाव पर बेस्ले और बर्गेस (B&B) द्वारा किए गए एक अध्ययन का नियोक्ताओं और अन्य लोगों द्वारा ‘हायर और फायर’ सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। 
  • ट्रेड यूनियनों को निरीक्षण पर प्रासंगिक जानकारी/आंकड़े एकत्र करने चाहिए और उनका अध्ययन करके श्रम निरीक्षण का समर्थन करने के लिए सूचित तर्क बनाने चाहिए।
    • जैसे स्वीकृत और वास्तव में नियोजित निरीक्षकों की संख्या, निरीक्षण और वास्तविक निरीक्षण का क्षेत्र, निरीक्षणों की आवृत्ति से संबंधित आंकड़े का संकलन और विश्लेषण।
  • सामाजिक साझेदारों और सरकार को निरीक्षणों पर डेटा की खराब गुणवत्ता के बारे में जानकारी एकत्र करनी चाहिए। 
  • ट्रेड यूनियनों को श्रम सांख्यिकी तैयार करनी चाहिए, आईआरएस-एलएम पर शोध करना चाहिए, शिक्षाविदों के साथ एक सक्रिय और उत्पादक इंटरफ़ेस बनाना चाहिए और आईएलसी में "साक्ष्य-आधारित तर्क" बनाने के लिए अकादमिक अध्ययनों का उपयोग करना चाहिए
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