चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'नयी औषधियाँ, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन विधेयक, 2022' (New Drugs, Medical Devices and Cosmetics Bill, 2022) का नया मसौदा जारी किया है।
प्रमुख प्रावधान
- इस मसौदा विधेयक में चिकित्सा उपकरणों को अलग से परिभाषित करने के साथ ही चिकित्सा उपकरणों पर अलग से एक विशेषज्ञ समूह के गठन का प्रावधान किया गया है।
- यह औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क की तर्ज पर केंद्र और राज्य स्तर पर चिकित्सा उपकरण परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना का प्रावधान करता है।
- यह केंद्र सरकार को ऑनलाइन फार्मेसियों को विनियमित करने के लिये नियम बनाने का प्रावधान करता है।
- चिकित्सा उपकरणों के अंतर्गत नैदानिक उपकरण, इसके सॉफ्टवेयर, प्रत्यारोपण एवं दिव्यांग सहायता उपकरण, जीवन समर्थन उपकरण, कीटाणुशोधन में प्रयुक्त उपकरण और किसी भी अभिकर्मक या किट को शामिल किया गया है।
- वर्ष 1940 के अधिनियम के तहत चिकित्सा उपकरणों को ‘औषधियों’ की चार श्रेणियों में से एक के रूप में विनियमित किया जाता था।
- इसमें मौजूदा औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की तर्ज पर एक 'चिकित्सा उपकरण तकनीकी सलाहकार बोर्ड' बनाने का भी प्रावधान किया गया है। इस बोर्ड में न केवल चिकित्सा पेशेवर शामिल होंगे, बल्कि उपकरणों के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
- इस बोर्ड में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, रक्षा एवं अनुसंधान संगठन, बायोमेडिकल प्रौद्योगिकी, जैव समग्री और पॉलिमर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940
- यह अधिनियम भारत में औषधियों के आयात, विनिर्माण और वितरण को विनियमित करता है।
- इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में बेची जाने वाली औषधियाँ और सौंदर्य प्रसाधन सामग्री सुरक्षित, प्रभावी एवं राज्य के गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों।