(प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) |
संदर्भ
राजस्थान विधान सभा में कोचिंग सेंटरों को विनियमित व नियंत्रित करने के उद्देश्य से राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया गया। इस विधेयक को 8 मार्च को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की थी।
प्रस्तावित विधेयक के बारे में
- उद्देश्य : कोचिंग संस्थानों के व्यावसायीकरण पर अंकुश लगाना एवं छात्र कल्याण सुनिश्चित करने के साथ ही छात्रों की आत्महत्या के मुद्दे से निपटना
- आवश्यकता : कोचिंग हब कोटा में छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के कारण
राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक के प्रमुख प्रावधान
- अनिवार्य पंजीकरण : प्रस्तावित विधेयक में सभी कोचिंग संस्थानों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और 50 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटरों को कानूनी दायरे में लाया जाएगा।
- जुर्माने का प्रावधान : पंजीकरण शर्तों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों पर पहली बार अपराध करने पर 2 लाख रुपए, दूसरी बार अपराध करने पर 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार उल्लंघन के मामले में पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान है।
- विनियमन प्राधिकरण की स्थापना : प्रस्तावित विधेयक में नए नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक निरीक्षण निकाय के रूप में ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन प्राधिकरण’ की स्थापना का भी प्रावधान है।
- शुल्क संबंधी प्रावधान : विधेयक में कोचिंग सेंटरों द्वारा मनमानी शुल्क वसूलने पर अंकुश लगाने एवं शुल्क को उचित एवं तर्कसंगत बनाने पर बल दिया गया है तथा सभी प्रकार के शुल्क के लिए आवश्यक रसीदें उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
- यदि कोई छात्र बीच में कोर्स छोड़ देता है तो कोचिंग सेंटर को दस दिनों के भीतर शेष अवधि की शुल्क आनुपातिक आधार पर वापस करनी होगी।
- कोचिंग केंद्रों को संपूर्ण शुल्क एकमुश्त लेने से प्रतिबंधित किया गया है तथा उन्हें अभिभावकों को पाठ्यक्रम अवधि के दौरान कम-से-कम चार बराबर किस्तों में भुगतान करने का विकल्प देना होगा।
- भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध : यह विधेयक भ्रामक विज्ञापनों एवं उच्च रैंक या अंकों की गारंटी पर प्रतिबंध लगाता है।
- कक्षा की अधिकतम समय-सीमा : छात्रों में थकान को रोकने के लिए इस विधेयक में कोचिंग सत्रों को प्रतिदिन अधिकतम पांच घंटे तक सीमित कर दिया गया है तथा छात्रों एवं शिक्षकों दोनों के लिए सप्ताह में एक दिन की छुट्टी अनिवार्य कर दी गई है।
- काउंसलिंग संबंधी प्रावधान : कोचिंग सेंटरों को छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए काउंसलिंग सिस्टम विकसित करने संबंधी प्रावधान किए गए हैं।
- शिकायत निवारण के लिए समिति : छात्र, अभिभावक, शिक्षक आदि की शिकायतों के निवारण के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा जो 30 दिनों के भीतर शिकायतों का समाधान करेगी।