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बच्चे के जन्म के पंजीकरण में माता-पिता के धर्म भी होगा दर्ज

प्रारंभिक परीक्षा – बच्चे के जन्म के पंजीकरण
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2

चर्चा में क्यों

हाल ही में केंद्र सरकार के घोषणा कि बच्चे के जन्म के पंजीकरण के दौरान माता-पिता के धर्म को अलग से दर्ज किया जाएगा।

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प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए मॉडल नियमों के अनुसार, अब प्रस्तावित ‘फॉर्म नंबर 1-जन्म रिपोर्ट’ में माता-पिता को बच्चे के जन्म का पंजीकरण करते समय बच्चे के पिता और मां दोनों के धर्म को अलग-अलग दर्ज करना होगा।
  • गोद लिए गए बच्चे के माता-पिता के लिए भी इसी तरह के बदलाव किए गए हैं।
  • 11 अगस्त,2023 को संसद द्वारा पारित जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुसार, जन्म और मृत्यु डेटाबेस को राष्ट्रीय स्तर पर बनाए रखा जाएगा।
  •  इसका उपयोग राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अद्यतन करने के लिए किया जा सकता है।
  • इस डेटाबेस का उपयोग संभावित रूप से आधार संख्या, संपत्ति पंजीकरण, राशन कार्ड, मतदाता सूची, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और अन्य सहित विभिन्न अन्य डेटाबेस को ताज़ा करने के लिए किया जा सकता है।

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डिजिटल रिकॉर्ड

  • जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुसार, देश में सभी रिपोर्ट किए गए जन्म और मृत्यु को केंद्र के नागरिक पंजीकरण प्रणाली (crsorgi.gov.in) पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से पंजीकृत किया जाना है।
  • इस प्रणाली के तहत जारी डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश सहित विभिन्न सेवाओं के लिए जन्म तिथि साबित करने के लिए एक एकल दस्तावेज बन जाएगा।
  • गृह मंत्रालय के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) के कार्यालय ने मसौदा नियमों के अनुसार जन्म, मृत्यु, मृत जन्म, गोद लेने और मृत्यु के कारणों के चिकित्सा प्रमाण पत्र (MCCD -Medical Certificate of Cause of Death) के पंजीकरण से संबंधित मौजूदा फॉर्म को प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
  • अब मृत्यु के कारणों के चिकित्सा प्रमाण पत्र (MCCD ) में मृत्यु के वास्तविक कारण के अलावा ‘बीमारी का इतिहास, यदि कोई हो’ भी शामिल होगा।

सांख्यिकीय और कानूनी जानकारी:

  • जन्म रजिस्टर में दो भाग शामिल होते हैं: कानूनी जानकारी और सांख्यिकीय जानकारी।
  • माता-पिता के धर्म की जानकारी सांख्यिकीय जानकारी के लिए रखी गई  है।
  • कानूनी जानकारी से संबंधित जन्म रजिस्टर फॉर्म का विस्तार आधार संख्या और माता-पिता दोनों के मोबाइल और ई-मेल आईडी, ‘यदि उपलब्ध हो’ को रिकॉर्ड करने के लिए किया गया है।
  • इसके तहत पते में राज्य, जिला, उप-जिला, शहर या गांव, वार्ड नंबर (शहर के मामले में और यदि उपलब्ध हो), इलाके, घर का नंबर और पिन कोड को शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय डेटाबेस:

  • वर्ष 2023 के संशोधन के अनुसार, भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु का डेटाबेस बनाए रखेगा और मुख्य रजिस्ट्रार एवं रजिस्ट्रार के लिए पंजीकृत जन्म तथा मृत्यु का डेटा ऐसे डेटाबेस को साझा करना अनिवार्य है।
  • मूल अधिनियम - जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI)  को राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त मुख्य रजिस्ट्रारों की गतिविधियों के समन्वय और एकीकरण के लिए कदम उठाने का अधिकार दिया गया था।
  •  नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) पदाधिकारियों की नियुक्ति पंचायत स्तर तक की जाती है।
  • नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) डेटा का उपयोग वार्षिक 'नागरिक पंजीकरण प्रणाली पर आधारित भारत के सांख्यिकी' रिपोर्ट को संकलित करने के लिए भी किया जाता है।
  •  राष्ट्रीय स्तर पर जन्म के समय लिंग-अनुपात, शिशु मृत्यु दर, मृत जन्म और मृत्यु के बारे में डेटा सार्वजनिक करता है।
  •  इस तरह के डेटा का उपयोग सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक नियोजन और विभिन्न सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।
  • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की आधारशिला के रूप में भी कार्य करता है।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023:

  • संसद के मानसून सत्र में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिली थी।
  • यह जन्म और मृत्यु यह पंजीकरण अधिनियम,1969 में संशोधन करता है।
  • यह अधिनियम जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के विनियमन का प्रावधान करता है।
  • अक्टूबर 2023 से जन्म प्रमाण पत्र को विभिन्न महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंचने के लिए आवश्यक एकमात्र दस्तावेज के रूप में मान्यता दी गई है।
  • इस उपयोग शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन, सरकारी नौकरी, वोटर लिस्ट तैयार करने, बर्थ सर्टिफिकेट , आधार कार्ड जारी करना, पासपोर्ट, विवाह पंजीकरण और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अन्य सरकारी उद्देश्यों के लिए जन्म प्रमाण पत्र को एकमात्र दस्तावेज के रूप में किया जाएगा।
  • यह डिजिटल जन्म प्रमाणपत्र देश में किसी व्यक्ति की जन्मतिथि, जन्म स्थान को साबित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक एकल दस्तावेज़ होगा।
  • गृह मंत्रालय ने नए अधिनियम की घोषणा करते हुए कहा, ‘यह पंजीकृत जन्म और मृत्यु का डेटाबेस बनाने में मदद करेगा जो अंततः सार्वजनिक सेवाओं और सामाजिक लाभों और डिजिटल पंजीकरण की कुशल और पारदर्शी डिलीवरी सुनिश्चित करेगा’।

केंद्रीकृत रजिस्टर:

  • राज्यों को नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) पोर्टल पर जन्म और मृत्यु को पंजीकृत करना और डेटा को भारत के रजिस्ट्रार जनरल के साथ साझा करना अनिवार्य बना दिया गया है ।
  • यह केंद्रीकृत रजिस्टर डेटाबेस को अपडेट करने में मदद करेगा जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक सेवाओं और सामाजिक लाभों की कुशल और पारदर्शी डिलीवरी होगी।
  • यह जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के डिजिटल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक वितरण के लिए प्रावधान शामिल करता है ।
  • पहली बार डेटाबेस का उपयोग राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), राशन कार्ड और संपत्ति पंजीकरण रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए भी किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए डेटा पहली बार वर्ष 2010 में एकत्र किया गया था और फिर वर्ष 2015 में घर-घर जाकर गणना के माध्यम से अपडेट किया गया था ।
  • नागरिकता नियम- 2003 के अनुसार, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के निर्माण में पहला कदम है।

लाभ:

  • रजिस्टर्ड बर्थ और डेथ के डेटाबेस को अन्‍य सेवाओं से जुड़े डेटाबेस तैयार करने और अपडेट करने में इसका प्रयोग कर सकते हैं।
  • इसकी मदद से राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (NPR), इलेक्टोरल रोल्स, आधार नंबर, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और अन्य सभी नेशनल डेटाबेस को मेंटेन किया जा सकता है।
  • इससे पब्लिक सर्विसेज की डिलिवरी में तेजी आएगी।
  • सार्वजनिक सेवाओं और सामाजिक लाभों की कुशल और पारदर्शी डिलीवरी में सहायता करना है।
  • यह रिकॉर्ड अन्य विविध डेटाबेस के क्यूरेशन और विकास के लिए एक मानक डेटाबेस के रूप में काम करेगा।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. हाल ही में केंद्र सरकार के घोषणा कि बच्चे के जन्म के पंजीकरण के दौरान माता-पिता के धर्म को अलग से दर्ज किया जाएगा।
  2. जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुसार, जन्म और मृत्यु को केंद्र के नागरिक पंजीकरण प्रणाली (crsorgi.gov.in) पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से पंजीकृत किया जाएगा।
  3. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए डेटा पहली बार वर्ष 2010 में एकत्र किया गया था।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

 (a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रमुख प्रावधानों को रेखांकित कीजिए।

 स्रोत: THE HINDU 

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