प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक घटनाक्रम : रिपोर्ट और सूचकांक)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय)
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संदर्भ
यू.एन. हैबिटैट ने विश्व शहर रिपोर्ट-2024: शहर एवं जलवायु कार्रवाई (World Cities Report 2024: Cities and Climate Action) नामक रिपोर्ट जारी की।
विश्व शहर रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- तापमान वृद्धि : रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में शहरों में रहने वाले 2 बिलियन से अधिक लोगों को वर्ष 2040 तक कम-से-कम 0.5 डिग्री सेल्सियस की अतिरिक्त तापमान वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।
- शहरों में रहने वाली वैश्विक आबादी का 36% हिस्सा 29 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक औसत वार्षिक तापमान का अनुभव कर सकता है।
- तटीय शहर : वर्ष 2040 तक 2,000 से ज़्यादा शहर समुद्र तल से 5 मीटर से भी कम ऊँचाई वाले तटीय क्षेत्रों में स्थित होंगे तथा वर्ष 2040 तक इसके और बढ़ने की उम्मीद है।
- बाढ़ का जोखिम : वर्ष 2030 तक शहरों में रहने वाले कम-से-कम 517 मिलियन आबादी नदी की बाढ़ के संपर्क में होंगे, जो शहरों में रहने वाली वैश्विक आबादी का 14% है।
- वर्ष 1975 के बाद से शहरों में बाढ़ का जोखिम ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ के जोखिम से 3.5 गुना अधिक बढ़ गया है।
- आर्थिक लागत : अनुकूलन एवं जोखिम प्रबंधन में अतिरिक्त निवेश के बिना समुद्र में मध्यम स्तर की वृद्धि को मानते हुए वर्ष 2050 तक 136 सबसे बड़े तटीय शहरों को वार्षिक रूप से 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है।
- हरित क्षेत्रों की कमी : औसतन वैश्विक स्तर पर शहरी क्षेत्रों में हरित स्थानों की हिस्सेदारी वर्ष 1990 में 19.5% से घटकर वर्ष 2020 में 13.9% हो गई है।
- जलवायु संकट का प्रभाव : जलवायु संकट का प्रभाव आर्थिक, सामाजिक, पारिस्थितिक एवं शहरी बुनियादी ढांचा प्रणालियों सहित कई अंतर-संबंधित शहरी प्रणालियों पर अभूतपूर्व तरीके से पड़ रहा है।
संबंधित सुझाव
इस रिपोर्ट में शहरों को लचीला बनाने और जलवायु कार्यवाही के संदर्भ में निम्नलिखित सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं
- रिपोर्ट के अनुसार, शहरों को वैश्विक जलवायु कार्रवाई के केंद्र में होना चाहिए। चूंकि वर्तमान में शहर गंभीर खतरे में हैं ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से नेट-जीरो लक्ष्यों पर प्रगति करने की आवश्यकता है। साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चरम मौसमी घटनाओं के खिलाफ लचीलापन भी विकसित करना होगा।
- शहर के साथ-साथ भूमि उपयोग के संबंध में नियोजन एवं डिजाइन जलवायु कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण साधन हैं। अनुकूलन को मजबूत करते हुए शुद्ध-शून्य प्रतिबद्धताओं की दिशा में प्रगति को तेज करने के लिए जलवायु उत्तरदायी शहरी एवं भूमि-उपयोग नियोजन का उपयोग किया जाना चाहिए।
- निम्न कार्बन और लचीले आवास तथा बुनियादी सेवाओं को बढ़ावा देना जलवायु कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में शहरी बुनियादी ढांचे में निवेश को उनकी योजना, कार्यान्वयन एवं रखरखाव में जलवायु संबंधी विचारों को एकीकृत करना चाहिए।
- प्रभावी जलवायु कार्रवाई के लिए शहरों में हरित स्थानों की कमी को रिवर्स (Reverse) करने की आवश्यकता है। ऐसे में नीतियों व शहरी नियोजन ढाँचों में बदलाव आवश्यक है ताकि मौजूदा हरित स्थानों को संरक्षित करने और शहरों में नए स्थान बनाने को प्राथमिकता दी जा सके।
- अधिक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं के लिए शहरी क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
- शहरों को प्रभावी शहरी जलवायु कार्रवाई के लिए अत्यधिक वित्तपोषण की आवश्यकता है। ऐसे में शहरों को सार्वजनिक एवं निजी दोनों स्रोतों से शहरी जलवायु वित्त अंतर को कम करने के लिए क्षेत्रीय, राष्ट्रीय व बहुपक्षीय हितधारकों के साथ रणनीतिक रूप से सहयोग करना चाहिए।
- शहरों में जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने के लिए वैश्विक से लेकर राष्ट्रीय व स्थानीय स्तर तक मजबूत और अधिक सहयोगात्मक बहु-स्तरीय शासन की आवश्यकता है।
- शहरी जलवायु डाटा अंतराल को पाटना शहरों में सूचित व प्रभावी जलवायु कार्रवाई के लिए आवश्यक है। यह वित्त पोषण को आकर्षित करने, प्रभाव को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि जलवायु कार्रवाई सबसे कमजोर लोगों की जरूरतों को पूरा कर सके।
- सतत विकास लक्ष्यों, पेरिस समझौते, सेंडाइ फ्रेमवर्क और नए शहरी एजेंडे को प्राप्त करने के लिए लचीला बुनियादी ढांचा शहरी जलवायु कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण तत्व है।
इसे भी जानिए!
संयुक्त राष्ट्र मानव बस्ती कार्यक्रम (United Nations Human Settlements Programme)
- संक्षिप्त नाम : यूएन-हैबिटेट (UN-Habitat)
- स्थापना : इसकी स्थापना कनाडा के वैंकूवर में आयोजित मानव बस्तियों और सतत शहरी विकास (हैबिटेट I) पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के परिणामस्वरूप वर्ष 1977 में की गई थी।
- मुख्यालय : नैरोबी (केन्या)
- लक्ष्य : यू.एन.-हैबिटेट को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ कस्बों व शहरों को बढ़ावा देने का दायित्व सौंपा गया है।
- यह ज्ञान, नीति सलाह, तकनीकी सहायता एवं सहयोगात्मक कार्रवाई के माध्यम से शहरों और मानव बस्तियों में परिवर्तनकारी बदलाव को बढ़ावा देने के लिए 90 से अधिक देशों में काम करता है।
- यह शहरीकरण की चुनौतियों का समाधान करने में स्थायी परिणाम प्राप्त करने के लिए सरकारों, अंतर-सरकारी मंचों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, नागरिक समाज संगठनों, संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करता है।
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