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पेंशन प्रणाली पर पुनर्विचार की आवश्यकता

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2:  सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।) 

संदर्भ 

  • भारत की पेंशन प्रणाली तीन योजनाओं पुरानी पेंशन योजना (OPS), राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और प्रस्तावित एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत संचालित है। प्रत्येक योजना सेवानिवृत्त लोगों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है। OPS को प्राय: NPS की तुलना में अधिक सुरक्षित प्रणाली के रूप में देखा जाता है। 
  • वर्तमान में विश्व नवउदारवादी नीतियों से पीछे हट रहा है ऐसे में कल्याणवाद (Welfarism) पुन: चर्चा का केंद्रबिंदु बना हुआ है। इस संदर्भ में, UPS में यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह सेवानिवृत्त लोगों के हितों को प्रभावी ढंग से पूरा करे।

OPS की सामाजिक सुरक्षा प्रतिबद्धताएँ 

  • वर्ष 2004 से पहले प्रचलित OPS ने सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन लाभ की गारंटी दी थी। 
  • इस योजना में पेंशन राशि अंतिम आहरित वेतन द्वारा निर्धारित की गई थी और पेंशन वितरण के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार थी। 
  • OPS ने सेवानिवृत्त कर्मियों को स्थिरता प्रदान करके वित्तीय बाजार जोखिम से संरक्षण प्रदान किया। 
  • OPS ने बाजार को समीकरण से बाहर करने के साथ ही गारंटीकृत पेंशन की पेशकश करके सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया।

NPS : व्यक्तिगत जोखिम वाला बदलाव 

  • वर्ष 2004 में भारत सरकार ने OPS को NPS से बदल दिया। इससे परिभाषित-लाभ मॉडल से परिभाषित-योगदान मॉडल में परिवर्तन हुआ। 
  • इसके तहत कर्मचारी और सरकार द्वारा पेंशन फंड में दिए गए योगदान को वित्तीय बाजारों में निवेश किया जाता है। NPS के तहत पेंशन भुगतान इन निवेशों के प्रदर्शन से जुड़ा होता है और सेवानिवृत्त लोगों की आय बाजार की शक्तियों के उतार-चढ़ाव के अधीन होती है।
  • OPS को NPS में बदलने की रणनीति कल्याणकारी प्रावधानों में राज्य की भागीदारी को कम करने और जोखिम को व्यक्तियों पर स्थानांतरित करने की नवउदारवादी प्रवृत्ति को दर्शाती है। 
  • NPS सेवानिवृत्त लोगों को बाजार की अस्थिरता के प्रति संवेदनशील बनाती है, जिससे उनका भविष्य सट्टा बाजार की स्थितियों पर निर्भर रहता है।
    • यह आर्थिक मंदी की अवधि के दौरान सेवानिवृत्त लोगों को कम रिटर्न प्राप्त होने से उनकी वित्तीय स्थिरता में गिरावट ला सकता है।

कल्याणवाद की ओर वापसी

  • वैश्विक स्तर पर पिछले कुछ दशकों से आर्थिक नीति पर हावी रहने वाले नवउदारवाद के वापसी के संकेत मिल रहे हैं। वर्ष 2008 के वित्तीय संकट ने अत्यधिक बाजार निर्भरता से जुड़े जोखिमों को उजागर किया जिससे मजबूत सामाजिक सुरक्षा जाल एवं  कल्याणवाद की वापसी की मांग उठी। 
  • कोविड-19 महामारी ने इन मांगों को और बढ़ा दिया क्योंकि दुनिया भर की सरकारों को अपने नागरिकों के स्वास्थ्य एवं आजीविका की रक्षा के लिए अभूतपूर्व तरीके से हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 
  • भारत भी इसी तरह के बदलाव का अनुभव कर रहा है जिसमें राज्य समर्थित कल्याण प्रावधानों की वापसी की मांग की जा रही है।

UPS में सुधार की आवश्यकता

  • केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित UPS कल्याणवाद के संदर्भ में राज्य एवं बाजार की भागीदारी के बीच संतुलन बनाते हुए सार्वभौमिक पेंशन प्रदान करने का एक प्रयास है।
  • UPS अभी भी अपने प्रारंभिक चरण में है और इसे NPS के व्यवहार्य विकल्प के रूप में लागू करने से पहले महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है। 
  • UPS सेवानिवृत्ति भुगतान का वादा करता है, लेकिन OPS की तुलना में कम रिटर्न प्रदान करता है। इसके तहत पूर्ण पेंशन के लिए 25 साल की सेवा की आवश्यकता उन लोगों के लिए एक नुकसान है जो देर से सेवा में शामिल होते हैं।
  • यह योजना केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कवर करती है, जिसमें शिक्षक जैसे कई सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी शामिल नहीं हैं। 
  • UPS एक सार्वभौमिक पेंशन ढांचा प्रदान करता है, लेकिन इसकी संरचना में OPS के समान न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन प्रदान कर बाजार में उतार-चढ़ाव के विरुद्ध सुरक्षा उपायों को शामिल किया जाना चाहिए।

आगे की राह 

  • अनौपचारिक श्रम सहित सभी क्षेत्रों में UPS की समावेशिता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के विशाल अनौपचारिक कार्यबल में पर्याप्त पेंशन कवरेज का अभाव है। 
  • UPS को सभी नागरिकों को पेंशन सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपने दायरे को व्यापक बनाना चाहिए जो वैश्विक स्तर पर कल्याणवाद के व्यापक प्रतिफल के साथ संरेखित हो।
  • दुनिया भर में सैद्धांतिक रूप से नवउदारवाद का पीछे हटना और कल्याणवाद की वापसी भारत की पेंशन प्रणाली पर पुनर्विचार करने और राज्य की जिम्मेदारी एवं बाजार की भागीदारी के मध्य बेहतर संतुलन बनाने का अवसर प्रदान करती है। 
  • प्रभावी रूप से पुनर्गठित UPS सेवानिवृत्त लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और NPS की कमियों को दूर करने में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है।
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