प्रमुख बिंदु
- हाल ही में, प्रधानमंत्री ने गुजरात में तीन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- पहली योजना गुजरात के किसानों के लिये है, जिसका नाम ‘किसान सूर्योदय योजना’ है। साथ ही अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिये एक मोबाइल एप्लीकेशन तथा पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल का भी उद्घाटन किया गया।
- इसके अतिरिक्त गिरनार में एक रोपवे परियोजना का भी उद्घाटन किया गया।
‘किसान सूर्योदय योजना’
- यह गुजरात सरकार द्वारा सिंचाई के लिये दिन में बिजली आपूर्ति हेतु योजना है।
- इस योजना के अंतर्गत किसान सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक बिजली आपूर्ति प्राप्त सकतें हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत पारेषण अवसंरचना स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
- सत्र 2020-21 हेतु दाहोद, पाटन, महिसागर, पंचमहल, छोटा उदेपुर, खेड़ा, तापी, वलसाड, आनंद और गिर-सोमनाथ को योजना के तहत शामिल किया गया है। शेष जिलों को 2022-23 तक चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा।
पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल
- प्रधानमंत्री द्वारा यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च के साथ सम्बद्ध पीडियाट्रिक हार्ट हॉस्पिटल का भी उद्घाटन किया गया। यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट विश्व के उन चुनिदा अस्पतालों में से एक है, जो विश्वस्तरीय चिकित्सा अवसंरचना और चिकित्सा सुविधाओं में लैस है।
- यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में विस्तार परियोजना के पूरा होने के बाद यह संस्थान देश का सबसे बड़ा एकल सुपर स्पेशलिटी कार्डियक शिक्षण संस्थान भी बन जाएगा। साथ ही विश्व के सबसे बड़े एकल सुपर स्पेशिएलिटी कार्डियक अस्पतालों में से एक होगा।
गिरनार रोपवे
- यह रोपवे गिरनार की तलहटी से अम्बाजी मंदिर तक (2.3 किलोमीटर) बना है।
- इस रोपवे की वजह से यह दूरी मात्र 7.5 मिनट में पूरी की जा सकेगी।
- एशिया के सबसे लम्बे मंदिर रोपवे के रूप में देखी जा रही इस रोपवे परियोजना को 130 करोड़ रूपए की लागत से उषा ब्रेको लिमिटेड (Usha Breco Limited) कम्पनी द्वारा विकसित किया गया है।
गिरनार पर्वत
- गिरनार पर्वत गुजरात में जूनागढ़ के निकट अवस्थित है। इसका प्राचीन नाम ‘गिरिनगर’ था। इन पहाड़ियों पर मुख्यतः भील और डुबला लोगों का निवास है।
- गिरनार की पहाड़ियों से पश्चिम और पूर्व दिशा में भादस, रोहजा, शतरूंजी और घेलो नदियाँ बहती हैं। खम्बलिया, धारी विसावदर, मेंदरदा और आदित्याणा यहाँ के प्रमुख नगर हैं।
- इस पर्वत की सर्वोच्च चोटी को गुरू दत्तात्रेय और नेमिनाथ दोनो नामों से जाना जाता है और जैन धर्म के 19वें तीर्थंकर श्री मल्लिनाथ एवं 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ का मंदिर भी यहाँ स्थित है। अतः जैन एवं हिंदू दोनों धर्मावलम्बियों के लिये यह एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
- एशियाई सिंहों के लिये विख्यात ‘गिर वन राष्ट्रीय उद्यान‘ इसी क्षेत्र में स्थित है। साथ ही गिरनार पर्वत पर सम्राट अशोक का एक स्तम्भ भी है।