(प्रारंभिक परीक्षा : अंतरराष्ट्रीय संगठन से संबंधित प्रश्न)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच, उनकी संरचना, अधिदेश तथा भारत के अन्य देशों से द्विपक्षीय संबंध से संबंधित प्रश्न)
संदर्भ
- 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन आगामी 9 सितंबर को, डिजिटल रूप से भारतीय अध्यक्षता में किया जाएगा।
- वहीं, जून माह में विदेश मंत्रियों की प्रारंभिक बैठक और अगस्त की शुरुआत में ब्रिक्स ‘अकादमिक फोरम’ की बैठक का आयोजन किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय विदेश मंत्री ने संगठन के 15 वर्ष पूर्ण होने पर इसे युवा व्यस्क के रूप में चित्रित किया।
- पिछले वर्ष पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रामकता ने भारत-चीन संबंधों को कई दशकों में अपने सबसे निचले स्तर पर ला दिया है।
- वहीं, पश्चिम के साथ चीन और रूस के तनावपूर्ण संबंधों के साथ- साथ ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका को भी गंभीर आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
तात्कालिक लक्ष्य/प्राथमिकताएँ
- वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत ने चार प्राथमिकताओं को रेखांकित किया है।
- प्रथम प्राथमिकता ‘संयुक्त राष्ट्र’, ‘विश्व बैंक’ एवं ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ से लेकर ‘विश्व व्यापार संगठन’ और ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ की बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार को आगे बढ़ाना है।
- इस प्रकार के सुधार के लिये वैश्विक सहमति की आवश्यकता है, जो कि अमेरिका और चीन के मध्य रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के मौजूदा माहौल और स्वास्थ्य, जीवन एवं आजीविका के लिये कोविड-19 के कारण हुई तबाही में शायद ही संभव है।
- दूसरा संकल्प आतंकवाद से मुकाबला करने का है। आतंकवाद यूरोप, अफ्रीका, एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों को प्रभावित करने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय घटना है।
- अफगानिस्तान से संबंधित दुखद घटनाओं ने इस व्यापक विषय पर तेज़ी से ध्यान केंद्रित करने में मदद की है।
उदाहरण के लिये चीन आतंकवादी समूहों की स्पष्ट निंदा का समर्थन करने में थोड़ा असहज महसूस करता है और यहाँ तक कि वह पाकिस्तान का समर्थन करता है, जो कई अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी समूहों का आश्रयदाता है।
- ब्रिक्स, आतंकवादी समूहों द्वारा कट्टरपंथ, आतंकवादी वित्तपोषण और इंटरनेट के दुरुपयोग से लड़ने के लिये ‘ब्रिक्स काउंटर टेररिज़्म एक्शन प्लान’ तैयार करके अपनी आतंकवाद-विरोधी रणनीति को व्यावहारिक रूप से आकार देने का प्रयास कर रहा है।
- सतत विकास लक्ष्यों के लिये तकनीकी और डिजिटल समाधानों को बढ़ावा देना तथा लोगों से लोगों के मध्य सहयोग का विस्तार करना, ब्रिक्स संगठन की दो अन्य प्राथमिकताएँ हैं।
- कोविड महामारी के दौर में डिजिटल उपकरणों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उल्लेखनीय है कि शासन सुधार के लिये नवीनतम तकनीकी उपकरणों का उपयोग करने में भारत सबसे अग्रणी रहा है।
- ब्रिक्स, अपने सदस्य देशों के मध्य व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने में व्यस्त रहा है।
- नीति निर्माता कृषि, आपदा प्रबंधन, डिजिटल स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा और सीमा शुल्क सहयोग जैसे विविध क्षेत्रों में अंतर-ब्रिक्स सहयोग में वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं।
चिंता
- बेहतर आंतरिक संतुलन को कैसे बनाया जाए, यह एक चुनौती बनी हुई है। महामारी के दौरान सामने आई क्षेत्रीय मूल्य शृंखलाओं के विविधीकरण और सुदृढ़ीकरण की तत्काल आवश्यकता है।
- हालाँकि, एक बिंदु तक, पाँच-शक्ति गठबंधन सफल रहा है लेकिन अब यह कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
- चीन की आर्थिक वृद्धि ने ब्रिक्स के भीतर एक गंभीर असंतुलन पैदा कर दिया है।
- बीजिंग की आक्रामक नीति, विशेष रूप से भारत के विरुद्ध, ब्रिक्स की एकजुटता को असाधारण तनाव में डालती है।
निष्कर्ष
- ब्रिक्स का लक्ष्य चार महाद्वीपों की, पाँच उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साझा हितों की खोज है, जो मौलिक रूप से मज़बूत और प्रासंगिक है।
- ब्रिक्स प्रयोग को आगे बढ़ाने के लिये सरकारों ने भारी राजनीतिक पूँजी का निवेश किया है और इसके संस्थानीकरण ने अपनी गति स्वयं निर्मित की है।
- इस समूह के नेताओं, अधिकारियों और शिक्षाविदों के लिये यह आवश्यक है कि वे गंभीरता से आत्मविश्लेषण करें और वर्तमान स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजें।
ब्रिक्स (BRICS - Brazil, Russia, India, China, South Africa)
- ब्रिक्स (BRICS) की शुरुआत वर्ष 2006 में ब्राजील, रूस, भारत तथा चीन के विदेश मंत्रियों की एक बैठक द्वारा ‘ब्रिक’ (BRIC) के रूप में की गई थी। वर्ष 2009 से नियमित शिखर सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।
- वर्ष 2010 के शिखर सम्मेलन में ‘दक्षिण अफ्रीका’ को संगठन में शामिल होने के पश्चात् ब्रिक, ब्रिक्स में परिवर्तित हो गया।
- ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका द्वारा इस बहुपक्षीय समूह की अध्यक्षता बारी-बारी से की जाती है।
- ब्रिक्स, दुनिया की आबादी का 42 प्रतिशत, भूमि क्षेत्र का 30 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
- भारत ने वर्ष 2012 और वर्ष 2016 में ब्रिक्स की अध्यक्षता की है।
ब्रिक्स द्वारा किये गए कार्य
- संगठन ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों की एक विस्तृत शृंखला पर एक सामान्य दृष्टिकोण को विकसित किया है।
- इसने ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ की स्थापना की।
- ‘आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था’ के रूप में एक वित्तीय स्थिरता जाल का निर्माण किया गया।
- साथ ही, संगठन एक ‘वैक्सीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट वर्चुअल सेंटर’ की स्थापना करने जा रहा है।
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