New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

टोमैटो फ्लू

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केरल के कुछ हिस्सों में ‘टोमैटो फ्लू’ संक्रमण के कुछ मामले सामने आए हैं। 

टोमैटो फ्लू

  • टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) एक तरह का बुखार है अत: इसे टोमैटो फीवर (Tomato Fever) भी कहा जाता है। यह फ्लू अधिकांशत: छोटे बच्चों (5 वर्ष से कम आयु के) को अधिक प्रभावित करता है।
  • इससे संक्रमित होने वाले बच्चों के शरीर पर लाल रंग के चकत्ते एवं छाले हो जाते हैं, इसलिये इसे टोमैटो फ्लू कहा जाता है।

Tomato Fever

लक्षण 

  • त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते एवं छाले होने के अतिरिक्त त्वचा में जलन और निर्जलीकरण इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं।
  • कई रिपोर्टों के अनुसार, इससे संक्रमित बच्चों को तेज बुखार, शरीर दर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, पेट में ऐंठन, मतली (Nausea) व उल्टी (Vomiting), दस्त, खांसी, छींकना और नाक बहने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
  • कुछ मामलों में यह पैरों एवं हाथों के रंग में परिवर्तन का भी कारण बन सकता है। इससे त्वचा का संक्रमण एवं अपच की समस्या भी हो सकती है।

समाधान 

  • इस बीमारी के वास्तविक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। यह एक प्रकार से स्व-नियंत्रित (Self-Limiting) होने वाला फ्लू है और इसके लिये अब तक कोई विशिष्ट दवा उपलब्ध नहीं है।
  • इसका तात्पर्य यह है कि उचित सहायक देखभाल से समय के साथ इसके लक्षण एवं संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • ये फ्लू छाले के पानी, बलगम, मल और तरल पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से फैलता है, अत: संक्रमण को रोकने के लिये संक्रमित व्यक्ति को अलग रखने की आवश्यकता है।

सावधानी 

  • फ्लू के कारण होने वाले फफोले व छालें को खरोंचने से रोकना।
  • उचित आराम एवं स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देना।
  • संक्रमित व्यक्तियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले बर्तन, कपड़े एवं अन्य वस्तुओं को सैनिटाइज करना।
  • निर्जलीकरण को रोकने के लिये निरंतर तरल पदार्थों का सेवन करते रहना।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR