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ट्रेडमार्क पर विवाद

प्रारम्भिक परीक्षा: ट्रेडमार्क, बौद्धिक संपदा, WIPO
मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:3-बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 'रूह अफज़ा' बेचने वाले हमदर्द दवाखाना द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे में एक अन्य मीठे पेय पदार्थ 'शरबत दिल अफज़ा' के निर्माण और बिक्री पर रोक लगा दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

कोर्ट के अनुसार, 

  • प्रथम दृष्टया 'रूह अफज़ा' एक सदी से भी अधिक समय से हमदर्द के लिए स्रोत पहचानकर्ता के रूप में काम कर रहा है।
  • इसने अधिक प्रसिद्धि हासिल कर ली है और यह सुनिश्चित करना आवश्यक था कि प्रतियोगी निशान से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
  • "यह कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि 'दिल अफज़ा' के लेबल को देखने वाला व्यक्ति रूह अफज़ा के लेबल को याद कर सकता है क्योंकि 'अफ़ज़ा' आम शब्द है और जब अंग्रेजी में 'रूह' और 'दिल' शब्दों का अनुवाद किया जाता है, तो  आमतौर पर इसे पर्यायवाची के रूप में उपयोग किया जाता है”। 
  • दोनों उत्पादों में "समान गहरा लाल रंग और बनावट" है और "बोतलों की संरचना भौतिक रूप से भिन्न नहीं है" और इस प्रकार यह माना गया कि "आक्षेपित ट्रेडमार्क का व्यावसायिक प्रभाव भ्रामक रूप से अपीलकर्ताओं के ट्रेडमार्क के समान है"। 
  • अदालत का आदेश हमदर्द द्वारा एक एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ एक अपील पर आया। 
    • जिसमें सदर प्रयोगशाला द्वारा निर्मित  'दिल अफज़ा' को ट्रेडमार्क उल्लंघन में कथित रूप से लिप्त होने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया गया था।

ट्रेडमार्क क्या होता है?

  • एक ट्रेडमार्क आमतौर पर एक नाम, शब्द, वाक्यांश, लोगो, प्रतीक, डिज़ाइन, छवि या इन तत्वों का संयोजन होता है।
    • इसे एक व्यापार संगठन द्वारा अपने उत्पादों या सेवाओं को अन्य संस्थाओं से अलग करने के लिए प्रयोग किया जाता है
  • ट्रेडमार्क उल्लंघन एक चिन्ह का अनधिकृत उपयोग है, जो एक पंजीकृत ट्रेडमार्क के समान या भ्रामक रूप से समान है।
  • इसे ट्रेडमार्क अधिनियम 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है। 
  • इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग(DPIIT)द्वारा प्रशासित किया जाता है। 

बौद्धिक संपदा (IP)

  • यह मन की रचनाओं को संदर्भित करता है बौद्धिक संपदा अधिकार का अर्थ पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क के माध्यम से संपत्ति अधिकार प्रदान करना है।
  • बौद्धिक संपदा अधिकारों के धारकों का एक निर्दिष्ट समय अवधि के लिए संपत्ति या वस्तुओं के उपयोग पर एकाधिकार होता है।
  • जैसे – आविष्कार, साहित्यिक और कलात्मक कार्य, डिजाइन, वाणिज्य में उपयोग किए जाने वाले प्रतीक, नाम और चित्र

भारत में बौद्धिक संपदा के विभिन्न विषय

कॉपीराइट

  • यह साहित्यिक, नाटकीय, संगीत और रचनाकारों के कलात्मक कार्यों और सिनेमैटोग्राफ फिल्मों और साउंड रिकॉर्डिंग के निर्माताओं को कानून द्वारा दिए गए अधिकारों का एक समूह है। 
  • इसे कॉपीराइट अधिनियम 1957(2012 में संशोधित) द्वारा विनियमित किया जाता है 
  • यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कॉपीराइट कार्यालय के अंतर्गत आता है 
  • कॉपीराइट का अधिग्रहण स्वचालित है और इसके लिए किसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं है। जैसे ही कोई कार्य सृजित होता है कॉपीराइट अस्तित्व में आ जाता है 
    • हालाँकि, कॉपीराइट के पंजीकरण का प्रमाण पत्र और उसमें की गई प्रविष्टियाँ कॉपीराइट के रूप में रखी जाती है।
  • कॉपीराइट के लिए आवेदन कॉपीराइट कार्यालय में दायर किया जाता है।
  • कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार "साहित्यिक कार्य" में कंप्यूटर डेटाबेस सहित कंप्यूटर प्रोग्राम, टेबल और संकलन शामिल हैं।
  • 2012 के संशोधन भारतीय कॉपीराइट कानून को इंटरनेट संधियों – WIPO कॉपीराइट संधि (WCT) और WIPO प्रदर्शन और फोनोग्राम संधि (WPPT) के अनुरूप बनाते हैं। 

पेटेंट

  • एक ऐसा कानूनी अधिकार है, जिसके मिलने के बाद यदि कोई व्यक्ति या संस्था किसी उत्पाद को खोजती या बनाती है तो उस उत्पाद को बनाने का एकाधिकार प्राप्त कर लेती है
  • यदि कोई व्यक्ति या संस्था बिना पेटेंट धारक की अनुमति के इनका उपयोग करता है तो ऐसा करना कानूनन अपराध माना जाता है 
  • इसे पेटेंट अधिनियम, 1970 (2006 में संशोधित) द्वारा नियंत्रित किया जाता है 
  • पेटेंट कानून का उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान, नई तकनीक और औद्योगिक प्रगति को प्रोत्साहित करना है।
  • वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन(WTO) ने पेटेंट लागू रहने की अवधि 20 वर्ष कर दी है जो कि पहले हर देश में अलग- अलग होती थी। 
  • भारतीय पेटेंट कार्यालय को पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क्स के नियंत्रक जनरल के कार्यालय द्वारा प्रशासित किया जाता है। 
  • यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आदेशानुसार काम करता है। 
  • इसका मुख्यालय कोलकाता में है । 

भौगोलिक संकेत (Geographical Indication, GI)

  • यह एक प्रकार का संकेत है, जिसका उपयोग एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली विशेष विशेषताओं वाले सामानों की पहचान करने के लिए किया जाता है।
  • यह मुख्य रूप से एक कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है।
  • किसी भौगोलिक संकेतक का पंजीकरण 10 साल की अवधि तक के लिए वैध होता है।
  • इसे समय-समय पर आगामी 10 वर्षों की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

भौगोलिक संकेतक संबंधी समझौते एवं विनियमन

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर

  • औद्योगिक परिसंपत्ति संरक्षण हेतु ‘पेरिस अभिसमय’ तहत भौगोलिक संकेतक बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights- IPR) के एक घटक के रूप में शामिल हैं।
  • जीआई, विश्व व्यापार संगठन (WTO) के ‘बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं’ (Trade Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS) समझौते द्वारा भी प्रशासित होते हैं।

भारत में

  • भौगोलिक संकेतक पंजीकरण को वस्तुओं का भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 (Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act, 1999) द्वारा प्रशासित होता है।
  • यह अधिनियम सितंबर 2003 को लागू किया गया था। 
  • भारत में सबसे पहला जीआई टैग, वर्ष 2004-05 में, ‘दार्जिलिंग चाय’ को दिया गया था।

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO)

  • बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के प्रचार और संरक्षण के लिए एक वैश्विक निकाय है।यहआईपी सेवाओं के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • WIPO संयुक्त राष्ट्र की एक स्व-वित्तपोषित एजेंसी है।
  • 192 सदस्यों के साथ, WIPO का उद्देश्य दुनिया भर में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक गतिविधि को प्रोत्साहित करना है।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।

WIPO और भारत

भारत 1975 में WIPO में शामिल हुआ।

भारत निम्नलिखित WIPO संधियों का एक हिस्सा है:

  • आईपीओ कन्वेंशन (1975)
  • पेरिस कन्वेंशन (1998)
  • बर्न कन्वेंशन (1928)
  • पेटेंट सहयोग संधि (1998)
  • फोनोग्राम कन्वेंशन (1975)
  • नैरोबी संधि (1983)
  • लोकार्नो समझौता (2019)
  • वियना समझौता (2019)

भारत ने उपरोक्त सभी संधियों को स्वीकार किया। भारत मारकेश संधि की पुष्टि करने वाला पहला देश था।

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