संदर्भ
केंद्र सरकार ने नए आपराधिक कानूनों पर देश भर में पुलिस और जेल विभाग के कर्मियों के लिए एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की है और उन्हें औपनिवेशिक विरासत की न्याय प्रणाली से न्याय की नई प्रणाली में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है।
नए आपराधिक कानूनों के बारे में
- संसद ने तीन मौजूदा कानूनों, अर्थात् भारतीय दंड संहिता, 1860, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को तीन नए प्रगतिशील और आधुनिक कानूनों क्रमशः भारतीय न्याय संहिता 2023 , भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 से प्रतिस्थापित कर दिया है।
- तीनों नए आपराधिक कानून भारत में 1 जुलाई 2024 से पूरे लागू किए जाएंगे।
- नए कानूनों का उद्देश्य देश के नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करना और न्यायिक और अदालत प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना है।
- यह नए कानून औपनिवेशिक विरासत से न्याय प्रणाली की ओर एक परिवर्तन है, जो सभी के लिए न्याय तक पहुंच के सिद्धांत पर आधारित है।
पुलिस बलों को प्रशिक्षण
- पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो, जो सरकार की प्रमुख प्रशिक्षण और अनुसंधान शाखा है, ने नए आपराधिक कानूनों पर विभिन्न स्तरों के पुलिस और जेल कर्मियों के लिए प्रशिक्षकों के मॉड्यूल और विभिन्न अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किए हैं।
- प्रशिक्षुओं को पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए 'एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण' (iGOT) पोर्टल के साथ एकीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है।
- ये प्रशिक्षण मॉड्यूल बीपीआरएंडडी द्वारा सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किए गए थे, जिससे वे अपने पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में सक्षम हो सके।
- राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के 'तकनीकी पहलुओं' पर ऑनलाइन प्रशिक्षण/ब्रीफिंग सत्र आयोजित किये जा रहे है।
- गृह मंत्रालय ने सभी पुलिस और जेल कर्मियों को गहन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उचित व्यवस्था करने में पुलिस बलों और जेल विभागों के प्रमुखों की सक्रिय भागीदारी और बिना किसी को पीछे छोड़े सभी की भागीदारी की मांग की है।
निष्कर्ष
नए आपराधिक कानूनों में आधुनिक समय और समसामयिक प्रौद्योगिकियों के अनुरूप कई नए प्रावधान हैं। उनकी परिकल्पना पुलिसिंग और न्याय में आसानी का युग लाने के लिए की गई है। भारत सरकार का यह प्रयास रहा है, कि देश के सभी रैंक के पुलिस और जेल अधिकारियों तक पहुंच कर उन्हें सकारात्मक और उन्नत परिवर्तनों से अवगत कराया जाए ताकि उन्हें विभिन्न नए प्रावधानों की बुनियादी जानकारी और समझ से लैस किया जा सके, इससे उन्हें इन कानूनों को ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ लागू करने में मदद मिलेगी।