New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

जनजातीय गौरव दिवस

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, भारत का इतिहास)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।)

चर्चा में क्यों 

15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने जनजातीय नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जन्मभूमि उलिहातू गाँव (खूंटी जिला, झारखंड) का दौरा किया। 

हालिया घटनाक्रम

  • राष्ट्रपति ने खूंटी ज़िले से एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखी। साथ ही, मध्य प्रदेश के शहडोल में आयोजित जनजातीय समागम को भी संबोधित किया।
  • इस दौरान 15 से 22 नवंबर तक जनजातीय गौरव सप्ताह का आयोजन भी किया गया। 
  • विगत वर्ष भारत सरकार द्वारा आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के गौरवशाली इतिहास की याद में बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा की थी। 

बिरसा मुंडा 

  • बिरसा मुंडा का जन्म वर्ष 1875 में झारखंड के उलिहातू गाँव में हुआ था। ये मुंडा जनजाति से थे।
  • इन्होनें वर्ष 1899-1900 में ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक प्रणाली के विरुद्ध छोटा नागपुर पठार के क्षेत्र में 'उलगुलान' क्रांति का आह्वान किया था। 
  • इन्होंने सामाजिक क्षेत्र में भी परिवर्तन को प्रोत्साहित किया, अंधविश्वास के विरुद्ध लड़ने के लिये धार्मिक प्रथाओं को चुनौती दी और अपने अनुयायियों द्वारा 'भगवान' और 'धरती आबा' (पृथ्वी के पिता) के रूप में पहचाने गए।
  • इन्हें औपनिवेशिक अधिकारियों को आदिवासियों के भूमि अधिकारों की रक्षा करने वाले कानूनों को प्रस्तुत करने हेतु मजबूर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये जाना जाता है।

उलगुलान क्रांति

  • इस विद्रोह की शुरुआत मुंडा जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था ‘खुंटकट्टी’ कृषि और भूमि स्वामित्व प्रणाली के सामंती ज़मींदारी व्यवस्था में परिवर्तन के कारण हुई। 
  • मुंडा ने आदिवासियों को औपनिवेशिक कानूनों का पालन न करने और लगान देने से मना करने के लिये प्रोत्साहित किया। 
  • 3 मार्च, 1900 को मुंडा को अंग्रेजों ने चक्रधरपुर के जामकोपाई जंगल में गिरफ्तार कर लिया, जिसके पश्चात् यह आंदोलन भी नेतृत्वविहीन हो गया।

अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में 

  • स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न विचारधाराओं और गतिविधियों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में जनजाति समुदायों के संघर्षों की कई धाराएँ भी शामिल हैं।
  • झारखंड के भगवान बिरसा मुंडा और सिद्धू-कान्हू, मध्य प्रदेश के तांतिया भील तथा भीमा नायक, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, मणिपुर की रानी गाइदिन्ल्यू और ओडिशा के शहीद लक्ष्मण नायक जैसे महान व्यक्तित्वों ने जनजातीय गौरव के साथ-साथ देश के गौरव को भी बढ़ाया है।
  • मध्य प्रदेश के क्रांतिकारी योद्धाओं में किशोर सिंह, खज्या नायक, रानी फूल कुंवर, सीताराम कंवर, महुआ कोल, शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम शामिल हैं। 
  • 'छिंदवाड़ा के गांधी' के रूप में सम्मानित बादल भोई ने स्वतंत्रता संग्राम के लिये अहिंसा का मार्ग चुना था।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR