प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक घटनाक्रम, कला एवं संस्कृति)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू)
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संदर्भ
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता में भारतीय जनजातीय समुदायों का बराबर का योगदान है और इस समुदाय ने राष्ट्र के इतिहास और विकास की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जनजातीय समुदायों के योगदान को सम्मानित करने के लिए जनजातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।
पृष्ठभूमि
- प्रधानमंत्री मोदी ने देश की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के अवसर पर वर्ष 2021 में आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया था।
- इस दिन आदिवासी समुदायों के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति एवं विरासत का जश्न मनाया जाता है, जिसमें एकता, गौरव एवं भारत की स्वतंत्रता व प्रगति में उनके महत्वपूर्ण योगदान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
जनजातीय गौरव दिवस 2024
- जनजातीय गौरव दिवस, 2024 के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का एवं डाक टिकट का भी अनावरण किया गया।
- केंद्र सरकार ने दिल्ली में सराय काले खां चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया है।
- प्रधानमंत्री द्वारा ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार और आदिवासी समुदायों के उत्थान के उद्देश्य से 6,640 करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया गया।
प्रधानमंत्री द्वारा प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
- गृह उद्घाटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पी.एम.-जनमन) के तहत 11,000 घरों का उद्घाटन किया गया।
- मोबाइल चिकित्सा इकाइयां (MMU) : जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल पहुंच बढ़ाने के लिए, पीएम-जनमन के तहत 23 MMU और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 30 अतिरिक्त MMU का उद्घाटन किया गया।
- जनजातीय उद्यमिता एवं शिक्षा : 300 वन धन विकास केंद्रों (VDVK) का उद्घाटन, आदिवासी छात्रों के लिए 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 25 अन्य एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखी गई।
- सांस्कृतिक संरक्षण : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा व जबलपुर में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के दो संग्रहालयों तथा जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर और सिक्किम के गंगटोक में दो जनजातीय अनुसंधान संस्थानों का उद्घाटन किया गया।
- बुनियादी ढांचा विकास : पीएम-जनमन के तहत 500 किलोमीटर नई सड़कों और 100 बहुउद्देश्यीय केंद्रों की आधारशिला रखी गई।
भारत में जनजातीय कल्याण की स्थिति
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी 10.42 करोड़ या कुल आबादी का 8.6% है जिसमें दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में विस्तृत 705 से अधिक विशिष्ट समूह भी शामिल हैं।
- इन समुदायों के उत्थान के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाओं को लागू किया है, जो उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आर्थिक अवसरों में सुधार और आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने, उनके समग्र विकास तथा राष्ट्रीय मुख्यधारा में एकीकरण सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।
जनजातीय विकास के लिए वित्तीय सहायता
- जनजातीय विकास के लिए भारत सरकार के प्रयास वर्ष 1974-75 में जनजातीय उप-योजना के साथ शुरू हुए, जो अनुसूचित जनजाति घटक और अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के रुप में विकसित हुए।
- वर्ष 2024-25 के लिये केंद्रीय बजट में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को 13,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 73.60% अधिक है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
- 2 अक्तूबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की थी।
- 79,156 करोड़ रुपए से अधिक के परिव्यय के साथ इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का उद्देश्य लगभग 63,843 आदिवासी गांवों में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं आजीविका विकास की राह आसान बनाना है।
- यह अभियान 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विस्तृत 549 जिलों व 2,911 ब्लॉकों में 5.38 करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभान्वित करता है।
- इसके ज़रिए भारत सरकार के 17 मंत्रालयों और विभागों में 25 हस्तक्षेपों को एकीकृत किया गया।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम- जनमन)
- पीएम-जनमन पहल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 नवंबर, 2023 को झारखंड के खूंटी जिले में जनजातीय गौरव दिवस के दौरान शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) का उत्थान करना है।
- सत्र 2023-24 से 2025-26 के लिए 24,104 करोड़ रुपए के बजट के साथ यह पहल आधार नामांकन, सामुदायिक प्रमाण पत्र, पीएम-जनधन योजना और आयुष्मान कार्ड सहित लक्षित समर्थन के माध्यम से पी.वी.टी.जी. समुदायों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने पर केंद्रित है।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना
- प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएम-एएजीवाई) का उद्देश्य सार्थक आदिवासी आबादी वाले गांवों में बुनियादी ढांचा प्रदान करना है।
- इस योजना के तहत इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए 50% जनजातीय आबादी वाले और 500 अनुसूचित जनजातियों वाले 36428 गांवों की पहचान की गई है, जिसमें नीति आयोग द्वारा पहचान किए गए आकांक्षी जिलों के गांव भी शामिल हैं।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
- एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) को वर्ष 2018-19 में दूरदराज के क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, उन्हें उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।
- सरकार ने कुल 728 EMRS स्कूलों को मंजूरी दी है, जिसमें 440 नए स्कूलों को वर्तमान योजना के तहत स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है।
जनजातीय सशक्तिकरण के लिए आर्थिक सहायता
- प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाएं : इन छात्रवृत्तियों का उद्देश्य ड्रॉपआउट दर को कम करना और आदिवासी छात्रों की शिक्षा का समर्थन करना है।
- एस.टी. छात्रों के लिए राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति : यह योजना मेधावी आदिवासी छात्रों को अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट एवं पोस्ट-डॉक्टरल अध्ययन करने का अवसर प्रदान करती है।
- उत्कृष्टता एवं वैश्विक प्रदर्शन पर जोर देने के साथ सरकार वार्षिक 20 पुरस्कार भी देती है, जिसमें से 30% महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
- आदिवासी छात्रों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप : यह फेलोशिप योजना पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के ज़रिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आदिवासी छात्रों की मदद करती है, जिससे डिजिलॉकर एकीकरण के माध्यम से समय पर वित्तीय सहायता एवं शिकायत निवारण सुनिश्चित होता है।
- आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजनाएँ :
- टर्म लोन स्कीम 5 से 10 वर्ष की पुनर्भुगतान शर्तों के साथ व्यावसायिक लागत का 90% तक सॉफ्ट लोन प्रदान करती है।
- आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना आदिवासी महिलाओं के लिए 4% ब्याज पर 2 लाख रुपए तक का रियायती ऋण प्रदान करती है।
- माइक्रो क्रेडिट योजना 5 लाख रुपए तक के ऋण की सुविधा के साथ आदिवासी स्वयं सहायता समूहों की मदद करती है।
- आदिवासी शिक्षा ऋण योजना उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आदिवासी छात्रों के लिए सॉफ्ट लोन प्रदान करती है।
स्वास्थ्य पहल
- सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन : प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 1 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश में शुरू किए गए इस मिशन का उद्देश्य सिकल सेल रोग का उन्मूलन करना है। यह रोग मध्य, पश्चिमी एवं दक्षिणी भारत में आदिवासी आबादी के बीच प्रचलित एक आनुवंशिक रक्त विकार है।
- मिशन इंद्रधनुष : यह प्रतिरक्षण अभियान जनजातीय समुदायों पर खास जोर देते हुए 2 वर्ष तक की आयु के बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
- इस मिशन ने कोविड-19 के नि:शुल्क टीके प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है, जिससे आदिवासी आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवा पहुंच सुनिश्चित हो गई है।
- इस मिशन का लक्ष्य टीकाकरण दरों में वृद्धि करना और खासकर जनजातीय क्षेत्रों में कम सुविधाओं वाले इलाकों में बीमारियों को कम करना है।
- निक्षय मित्र पहल : निक्षय मित्र पहल तपेदिक (टीबी) को लक्षित करती है जो टी.बी. रोगियों, विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के लोगों को नैदानिक, पोषण एवं व्यावसायिक सहायता प्रदान करती है।
- इसका उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में टी.बी. से प्रभावी ढंग से निपटने, स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने और प्रारंभिक पहचान एवं उपचार के पालन को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करना है।
- हीमोग्लोबिनोपैथी दिशानिर्देश : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने हीमोग्लोबिनोपैथी की रोकथाम और उस पर नियंत्रण के लिए व्यापक दिशानिर्देश विकसित किए हैं।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : यह योजना मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में मदद करती है, आदिवासी महिलाओं को प्रसवपूर्व एवं प्रसवोत्तर देखभाल के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
निष्कर्ष
सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए इन समुदायों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न पहलों की शुरूआत की है। हालाँकि, जागरूकता बढ़ाने और एकजुटता में वृद्धि के साथ-साथ जनजातीय संस्कृतियों के संरक्षण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकेगा और भारत की प्रगति की यात्रा में उन्हें साथ लिया जा सकेगा। इन प्रयासों की मदद से आदिवासी समुदाय स्वयं विकसित होते हुए राष्ट्र के विकास में भी योगदान दे सकते हैं।
बिरसा मुंडा का जीवन परिचय
- परिचय : बिरसा मुंडा (15 नवंबर, 1875- 9 जून, 1900) भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी व मुंडा जनजाति के लोक नायक थे।
- जन्म : इनका जन्म रांची (झारखण्ड) के उलिहातु गाँव में हुआ था।
- उपनाम : भारत के आदिवासी उन्हें भगवान मानते हैं और 'धरती आबा' के नाम से पुकारते हैं।
- माता-पिता : इनके पिता का नाम सुगना पुर्ती (मुंडा) और माता का नाम करमी पुर्ती (मुंडा) था।
- उलगुलान विद्रोह : 1899-1900 ई. के मध्य अंग्रेजों की जमींदारी प्रथा, राजस्व व्यवस्था एवं जंगल-जमीन की लड़ाई के लिए ‘उलगुलान’ विद्रोह शुरू किया।
- यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता एवं संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था।
- मृत्यु : 1900 ई. में बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर रांची जेल में लाया गया, जहां हैजा रोग से इनकी मृत्यु हो गई।
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