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जनजातीय गौरव दिवस 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर (बिरसा मुंडा के जन्मदिवस) को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • पहले जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन भोपाल में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।
  • यह दिवस सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा राष्ट्रीय गौरव के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष मनाया जाएगा।

जनजातियों की सुरक्षा के लिये संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद 46 अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक एवं आर्थिक हितों की अभिवृद्धि तथा सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से संरक्षण प्रदान करता है।
  • अनुच्छेद 243 में पंचायतों में, अनुच्छेद 330 में लोकसभा में तथा अनुच्छेद 337 में राज्य विधानमंडलों में अनुसूचित जनजातियों के लिये स्थानों के आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
  • अनुच्छेद 342 में राष्ट्रपति को अनुसूचित जनजातियों को विनिर्दिष्ट करने की शक्ति प्रदान की गई है। इसके अनुसार राष्ट्रपति किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में, राज्य की स्थिति में संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श के पश्चात्, लोक अधिसूचना द्वारा उन जातियों को उल्लिखित करेगा, जो उस प्रयोजन के लिये अनुसूचित जातियाँ समझी जाएंगी। हालाँकि, अनुसूचित जनजातियों को संविधान में स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है।
  • अनुच्छेद 350 में मातृभाषा में शिक्षण तथा लिपि एवं संस्कृति के संरक्षण का अधिकार प्रदान किया गया है।
  • अनुच्छेद 371 में पूर्वोत्तर राज्यों एवं सिक्किम के संबंध में विशेष उपबंध किये गए हैं।
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