- लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने बासमती चावल की किस्मों में व्याप्त ‘फुट रॉट’ रोग से निपटने के लिए जैव नियंत्रण एजेंट ट्राइकोडर्मा एस्परेलम विकसित किया है।
ट्राइकोडर्मा एस्परेलम के बारे में
- ट्राइकोडर्मा एस्परेलम एक जैव नियंत्रण कवक है, जो मृदा में व्यापक रूप से वितरित होता है और पौधों की बीमारी नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है।
- यह उच्च तापमान एवं उच्च लवणता के प्रति प्रतिरोधी है और कई तरीकों से रोगजनक बैक्टीरिया के विकास को रोक सकता है।
- यह बायोकंट्रोल एजेंट पारंपरिक कीटनाशकों के लिए एक गैर-रासायनिक विकल्प प्रदान करता है, जो पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करते हुए रोग प्रबंधन में सहायक है।
फुट रॉट रोग के बारे में
- फुट रॉट एक फफूंदजनित बीमारी है, जो बासमती चावल की फसलों को, विशेष रूप से अंकुरण अवस्था में प्रभावित करती है, हालाँकि संक्रमित पौधों को रोपने के बाद भी यह संक्रमण का कारण बन सकता है।
- यह फफूंद फ्यूजेरियम वर्टिसिलिओइड्स के कारण होता है, जो मृदा में बीज से पैदा होने वाला रोगाणु है।
- यह संक्रमण पौधे की जड़ के माध्यम से फैलते हुए अंततः तने के आधार तक पहुंच जाता है।