प्रारम्भिक परीक्षा – ट्राइकोग्लोसम श्याम विश्वनाथ मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
केरल में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में सहायक कवक की नई प्रजाति की खोज की गई।
प्रमुख बिंदु
- केरल वन अनुसंधान संस्थान (KFRI), त्रिशूर, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI), अंडमान और निकोबार और हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने संयुक्त रूप से केरल में एक नई कवक प्रजाति की खोज की है।
- इसे केरल के त्रिशूर जिले के पलाप्पिल्ली में वन अनुसंधान संस्थान (KFRI) के क्षेत्र अनुसंधान केंद्र के बम्बुसेटम के पास नम मिट्टी से एकत्र किया गया था।
- इस खोज में पादप विज्ञान विभाग के डॉ. एस महादेवकुमार, डॉ. शंभूकुमार, शोधकर्ता केटी मुफीदा, शोधकर्ता चलसानी दंतेश्वरी और वीएसआरएन शर्मा आदि शामिल थे।
- इसे नीदरलैंड के नेशनल हर्बेरियम द्वारा प्रकाशित 'पर्सोनिया मॉलिक्यूलर फाइलोजेनी एंड इवोल्यूशन ऑफ फंगी' में प्रकाशित किया गया था।
- इस कवक का नाम केरल वन अनुसंधान संस्थान (KFRI)के पूर्व निदेशक, श्याम विश्वनाथ के नाम पर इसका नाम 'ट्राइकोग्लोसम सायमविश्वनाथी' रखा गया।
ट्राइकोग्लोसम श्याम विश्वनाथ (Trichoglossum Shyam Viswanathi)
- ट्राइकोग्लोसम जियोग्लोसैसी (एस्कोमाइकोटा) परिवार की प्रजाति से संबंधित है।
- यह प्रजाति मशरूम जैसी दिखाती है।
- यह कवक काले, गहरे या भूरे रंग के होते हैं।
- इसे सामान्यतः पर "बालों वाली पृथ्वी जीभ" कवक के रूप में जाना जाता है।
- जियोग्लोसेसी कवक को मोटे तौर पर पृथ्वी जीभ के रूप में जाना जाता है।
- यह प्रजाति उष्णकटिबंधीय और शीतोष्णकटिबंधीय वनों में पाए जाते हैं।
- कवक की एक नई प्रजाति पौधों की उर्वरता बढ़ाने में मदद करती है।
- विश्व स्तर पर 55 ट्राइकोग्लोसम जेनेरा प्रजाति की पहचान की गई है। इनमें से 21 प्रजातियों को मान्यता प्राप्त है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में केरल में खोजी गई ट्राइकोग्लोसम श्याम विश्वनाथ किसकी प्रजाति है ?
(a) तितली
(b) मधुमक्खी
(c) ड्रैगनफ्लाई
(d) कवक
उत्तर - (d)
|