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मेडागास्कर में उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘गमाने’(Gamane)

प्रारम्भिक परीक्षा – मेडागास्कर में उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘गमाने’(Gamane)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1 (भूगोल)

संदर्भ

हाल ही में हिंद महासागर में स्थित मेडागास्कर द्वीप के पास उष्णकटिबंधीय चक्रवात गमाने की उत्पत्ति हुई।

Gamane

प्रमुख बिंदु :-

  • इस चक्रवात की सूचना मेडागास्कर के मौसम विज्ञान द्वारा दी गई। 
  • मेडागास्कर के राष्ट्रीय जोखिम एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार, इस चक्रवात की औसत गति 150 से 210 किलोमीटर प्रति घंटे थी। 

प्रभाव :-

  • इस चक्रवात के प्रभाव से मेडागास्कर के क्षेत्रों में अत्यधिक जन-धन की हानि हुई है। 

‘चक्रवात’ (Cyclones):-

Cyclones

  • वायु के परिवर्तनशील और अस्थिर चक्र के केंद्र में स्थित निम्न वायुदाब केंद्र को ‘चक्रवात’ कहा जाता है। 
  • इनकी दिशा पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों के चलने की दिशा के विपरीत (वामावर्त) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों की दिशा (दक्षिणावर्त) में होती है। 

चक्रवात के प्रकार (Types of Cyclones):-

  • अवस्थिति के आधार पर चक्रवात दो प्रकार के होते हैं-

1. उष्णकटिबंधीय चक्रवात
2. शीतोष्ण कटिबंधीय

उष्णकटिबंधीय चक्रवात:-

  • कर्क तथा मकर रेखाओं के मध्य वृत्ताकार समदाब रेखाओं से घिरा हुआ निम्न वायुदाब का केंद्र, जिसकी उत्पत्ति महासागरीय सतह पर होती है, उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहलाते हैं। 
  • इनकी गति, आकार एवं मौसम में पर्याप्त अंतर पाया जाता है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात की विशेषताएँ :-

  • चक्रवातीय हवाएँ विभिन्न गति से चलती है। 
  • क्षीण चक्रवात की गति 32 किमी. प्रति घंटा होती है, जबकि हरिकेन 120 किमी. प्रति घंटे से भी अधिक गति से चलता हैं।
  • सामान्यतः चक्रवात का व्यास 500 से 800 किमी. तक होता है। परंतु कभी-कभी इनका व्यास 50 किमी. से भी कम हो जाता है।
  • ये सदैव गतिशील नहीं होते बल्कि कभी-कभी एक ही स्थान पर कई दिन तक स्थायी होकर तीव्र वर्षा करते हैं।
  • इनका आगमन सामान्यतः ग्रीष्मकाल के अंत में होता है। 
  • शीतोष्ण चक्रवात की अपेक्षा इनकी संख्या तथा प्रभावित क्षेत्र सीमित होता है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का वर्गीकरण:-

  • विश्व मौसम संगठन (WMO) ने चक्रवातीय प्रवाह को वायु वेग के आधार पर वर्गीकृत किया है 
  • इसके अनुसार, 17 मीटर प्रति सेकंड वेग के चक्रवात को अपनवर्ती चक्रवात, 17 मीटर से 32 मीटर प्रति सेकंड वेग के चक्रवात को उष्णकटिबंधीय तूफान एवं 32 मीटर प्रति सेकेंड से अधिक वेग के चक्रवातीय प्रवाह को उष्णकटिबंधीय चक्रवात के रूप में वर्गीकृत किया है। 

उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में उत्पन्न चक्रवातों के नाम :-

  • अमेरिका में हरिकेन 
  • चीन तथा जापान में टाइफून 
  • उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में बिलीबिली 
  • भारत तथा बांग्लादेश में चक्रवात या उष्णकटिबंधीय तूफान।

antactica

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिये आवश्यक दशाएँ (Necessary Conditions for the Origin of Tropical Cyclones)-

1.तापमान :-

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिये एक विशाल गर्म सागर का होना अति आवश्यक है, जिसके तल का तापमान लगभग 27° सेल्सियस या 80 फारेनहाइट से अधिक हो। 
  • ऐसी अवस्था केवल विषुवत रेखा के समीप उष्णकटिबंधीय क्षेत्र तक ही संभव है। 
  • यही ताप, चक्रवातों को शक्ति प्रदान करता है और आस-पास वायुमंडल की अपेक्षा अधिक गर्म रखता है।

2. कोरिऑलिस बल:-

  • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के निर्माण के लिये कोरिऑलिस बल उच्च होना चाहिये। 
  • विषुवत रेखा पर कोरिऑलिस बल शून्य होने के कारण अन्य दशाओं के अनुकूल होने पर भी वायु में चक्रवातीय प्रवाह उत्पन्न नहीं हो पाता है। 
  • यही कारण है कि उष्णकटिबंधीय चक्रवात विषुवत रेखा पर निर्मित नहीं होते; जबकि उससे दूर लगभग 8 से 15° अक्षांशों के मध्य ये चक्रवात उत्पन्न होते हैं।

3. विषुवत रेखा से दुरी:-

  • इनके निर्माण के लिये विषुवत रेखीय निम्न भार क्रम की स्थिति विषुवत रेखा से सबसे दूर होनी चाहिये। 
  • उत्तरी गोलार्द्ध की गर्मियों में अंतर उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) 8 और 15° उत्तरी अक्षांश के मध्य सागरों में स्थापित होता है। 
  • यही मौसम उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के निर्माण के लिये सबसे आदर्श माना जाता है। 
  • दक्षिणी गोलार्द्ध की गर्मियों में विषुवत रेखीय निम्न भार पेटी 5° दक्षिणी अक्षांश से अधिक दक्षिण की ओर नहीं खिसकती है। 
  • इसके कारण दक्षिणी अटलांटिक और दक्षिणी प्रशांत महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवात का निर्माण बहुत कम होता है।

4. शीतोष्ण कटिबंधीय या वाताग्री चक्रवात (Temperate Cyclones):-

  • शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति तथा प्रभाव क्षेत्र शीतोष्ण कटिबंध अर्थात् मध्य अक्षांशों के मध्य होता है।
  • इनकी उत्पत्ति ठंडी एवं गर्म, दो विपरीत वायुराशियों के मिलने से होती है।
  • ये चक्रवात दोनों गोलार्द्धों में 35° से 65° अक्षांशों के मध्य पाए जाते हैं। 
  • इनकी गति पछुआ पवनों के कारण प्राय: पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर रहती है। 
  • ये चक्रवात उत्तरी गोलार्द्ध में केवल शीत ऋतु में उत्पन्न होते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में जलीय भाग के अधिक होने के कारण ये वर्ष भर उत्पन्न होते रहते हैं।
  • ये चक्रवात अंडाकार, गोलाकार, अर्द्ध-गोलाकार तथा ‘V’ आकार के होते हैं। 
  • इस कारण इन्हें ‘निम्न गर्त’या ‘ट्रफ’ के नाम से जाना जीता है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- हाल ही में उत्पन्न उष्णकटिबंधीय चक्रवात गमाने का संबंध किस महासागर से है? 

(a) अटलांटिक महासागर

(b) दक्षिण चीन सागर

(c) प्रशांत महासागर

(d) हिंद महासागर 

उत्तर (d)

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