(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय; संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
संदर्भ
23 जनवरी, 2025 को केंद्रीय खान मंत्रालय ने तमिलनाडु राज्य में मदुरै जिले के नायकरपट्टी में टंगस्टन खनिज ब्लॉक की नीलामी को रद्द करने का फैसला किया।
टंगस्टन खनन मामले के बारे में
- खनन मंजूरी : 7 नवंबर, 2024 को केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु के मदुरै जिले में टंगस्टन खनन के लिए नीलामी के माध्यम से वेदांता लिमिटेड की सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को टंगस्टन खनन अधिकार प्रदान किए गए।
- विरोध प्रदर्शन : हालांकि, स्थानीय समुदायों ने इसका तीव्र विरोध किया क्योंकि उनको डर है कि खनन से इस क्षेत्र की समृद्ध वनस्पति एवं वन्यजीव नष्ट हो जाएंगे।
- खनन निष्कर्षण के बाद संग्रहीत होने पर टेलिंग्स (खनन किए गए अयस्क के प्रसंस्करण से बची हुई सामग्री) तांबा, कैडमियम, जस्ता, सीसा, आर्सेनिक जैसी भारी धातुएं निष्कर्षित करती हैं जो मनुष्यों एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं।
- राज्य सरकार का मत : स्थानीय विरोध के बाद तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से टंगस्टन खनन को रद्द करने से संबंधित एक विशेष प्रस्ताव पारित किया।
- नीलामी को रद्द करना : इसके परिणामस्वरुप केंद्र सरकार ने नायकरपट्टी में टंगस्टन खनिज ब्लॉक की नीलामी को रद्द करने का फैसला किया।
- नायकरपट्टी टंगस्टन खनिज ब्लॉक में अरिट्टापट्टी जैव विविधता विरासत स्थल और कई सांस्कृतिक विरासत स्थल शामिल हैं।
- यह निर्णय इस क्षेत्र में जैव-विविधता विरासत स्थल के महत्व एवं पारंपरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
नायकरपट्टी टंगस्टन ब्लॉक के बारे में
खान मंत्रालय के अनुसार, नायकरपट्टी खनिज ब्लॉक में टंगस्टन खनन के लिए निर्धारित क्षेत्र में स्केलाइट प्रचुर मात्रा में पाया गया है। स्केलाइट, टंगस्टन का एक महत्वपूर्ण अयस्क है। इस क्षेत्र में खनन के लिए जल स्रोत पेरियार नहर है।
भारत में टंगस्टन खनिज भंडार
- राष्ट्रीय खनिज डाटा के अनुसार, देश में कुल टंगस्टन अयस्क संसाधन 89.43 मिलियन टन अनुमानित हैं।
- इन संसाधनों को खनन मंत्रालय द्वारा द्वारा ‘शेष संसाधन’ (Remaining Resources) श्रेणी में रखा गया है।
- टंगस्टन युक्त खनिजों के संसाधन मुख्यत: कर्नाटक (41%), राजस्थान (27%), आंध्र प्रदेश (17%) और महाराष्ट्र (11%) में हैं। शेष 4% संसाधन हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में हैं।
- प्रमुख टंगस्टन क्षेत्र
- डेगाना, बालदा (राजस्थान)
- बांकुरा क्षेत्र (पश्चिम बंगाल)
- भंडारा एवं नागपुर (महाराष्ट्र)
- मदुरै (तमिलनाडु)
- विशेष : विश्व में टंग्स्टन के उत्पादन एवं भंडारण में चीन प्रथम स्थान पर है।
इसे भी जानिए!
अरिट्टापट्टी जैव विविधता विरासत स्थल के बारे में
- तमिलनाडु का पहला और भारत का 35वाँ जैवविविधता विरासत स्थल
- पक्षियों की लगभग 250 प्रजातियों और भारतीय पैंगोलिन, स्लेंडर लोरिस व अजगर जैसे वन्यजीवों का आवास
- यह क्षेत्र सात पहाड़ियों या इनसेलबर्ग की एक श्रृंखला से घिरा हुआ है जो 72 झीलों, 200 प्राकृतिक झरनों और तीन चेक डैम को चार्ज करते हुए वाटरशेड के रूप में भी कार्य करता है।
- कई महापाषाण संरचनाएँ, रॉक-कट मंदिर, तमिल ब्राह्मी शिलालेख एवं जैन शैय्या इस क्षेत्र को ऐतिहासिक महत्व प्रदान करते हैं।
- यहां की प्राचीन चट्टानें, कुदैवरा शिव मंदिर, दो हजार वर्ष पुरानी जैन घाटियां आदि का संरक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है।
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टंगस्टन के बारे में
- परमाणु क्रमांक : 74
- मुख्य अयस्क : स्केलाइट एवं वोल्फ्रामाइट
- टंगस्टन को वुल्फ्राम (Wolfram) के नाम से भी जाना जाता है।
- सभी धातुओं में सर्वाधिक गलनांक (3422°C) टंगस्टन का होता है।
- टंगस्टन का घनत्व (19.25 ग्राम/सेमी³) अन्य धातुओं की अपेक्षाकृत उच्च होता है।
- टंगस्टन उच्च ताप पर संक्षारण एवं ऑक्सीकरण का प्रतिरोध करता है।
- टंगस्टन का उपयोग : प्रकाश बल्ब में तंतुओं के लिए, विमानन व एयरोस्पेस उद्योग, चिकित्सा प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे औद्योगिक अनुप्रयोगों में
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