New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

गुजरात में दो-बच्चे की नीति

(प्रारंभिक परीक्षा- भारतीय राज्य और सरकार - संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : भारतीय राजनीति और संविधान, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण)

संदर्भ

हाल ही में, वड़ोदरा और राजकोट नगर निगमों के तीन उम्मीदवारों को राज्य में दो-बच्चे की नीति के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनके नामांकन को तीन बच्चे होने के आधार पर चुनौती दी गई थी।

क्या है गुजरात की दो-बच्चे की नीति?

  • वर्ष 2005 में गुजरात सरकार ने ‘गुजरात स्थानीय प्राधिकारी अधिनियम’ में संशोधन किया, जो दो से अधिक बच्चे होने की स्थिति में किसी व्यक्ति को पंचायत का सदस्य या किसी नगर पालिका या नगर निगम का पार्षद बनने से रोकता है।
  • इस संशोधन के द्वारा स्थानीय प्रशासनिक निकायों, जैसे कि गुजरात प्रांतीय नगर निगम अधिनियम, 1949 और गुजरात पंचायत अधिनियम के चुनावों को नियंत्रित करने वाले अन्य अधिनियमों में भी इस खंड को जोड़ा गया।

उम्मीदवारों की अयोग्यता 

  • किसी भी समय पैदा हुए तीसरे बच्चे के आधार पर किसी उम्मीदवार को अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है। इसके लिये एक निर्दिष्ट दिनांक और समय-सीमा (Cut-Off Date) निर्धारित की गई है।
  • वर्ष 2005 के संशोधन के अनुसार, गुजरात स्थानीय प्राधिकारी कानून (संशोधन) अधिनियम, 2005 के प्रारंभ होने की तिथि पर दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी ऐसे व्यक्ति को इस खंड के तहत तब तक अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा जब तक कि इसके प्रारंभ होने की तिथि पर उसके बच्चों की संख्या में वृद्धि नहीं हो जाती है।
  • इस अधिनियम के लागू होने की तारीख से एक वर्ष का समय दिया गया था, जिससे उन उम्मीदवारों को भी शामिल किया जा सके, जो तीसरी बार पिता बनने की राह में हैं।

जुड़वाँ, गोद लिये व अन्य बच्चों के संबंध में प्रावधान

  • वर्ष 2006 के बाद उम्मीदवारों के किसी भी अतिरिक्त जैविक बच्चे के जन्म को ‘एक इकाई’ माना जाएगा, भले एक ही प्रसव में एक से अधिक बच्चे (जुँड़वा आदि) पैदा हुए हों।
  • इस नीति में गोद लिये गए बच्चे या बच्चा शामिल नहीं हैं। साथ ही तीन बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति की उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी, यद्यपि उसके किसी बच्चे को किसी अन्य ने गोद ले लिया हो।
  • इसके अतिरिक किसी व्यक्ति के दो या अधिक पत्नियों (तलाक़शुदा) से अलग-अलग तीन बच्चे होने की स्थिति में भी उसकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी।
  • साथ ही तीसरे बच्चे के जीवित पैदा होने और बाद में मृत्यु हो जाने की स्थिति में भी उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाएगी।
  • यदि तीसरे जैविक बच्चे का जन्म उम्मीदवार के कार्यकाल के दौरान हुआ हो तो यह भी पद से अयोग्य होने का आधार है।

उद्देश्य

  • इस नीति को लाने के पीछे देश की बढ़ती आबादी को ‘सुव्यवस्थित और स्थिर’ करने की आवश्यकता का तर्क दिया गया।
  • इसके लिये निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से शुरुआत की गई, जो उदाहरण पेश करते हुए इसका नेतृत्व करें।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X