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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

टाइफून-के वाहन

चर्चा में क्यों ?

  • भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने चंडीगढ़ स्थित अपनी परिवहन बटालियन में शक्तिशाली टाइफून-के वाहन का परीक्षण किया।
  • भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा इसका प्रयोग भारत-चीन सीमा पर किया जायेगा 

टाइफून-के वाहन

  • यह एक रूस निर्मित 4x4 माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) वाहन है।
  • इसका विकास रूस की रेमडीज़ल कंपनी द्वारा किया गया है  
  • इसे बारूदी सुरंगों के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सैनिकों और सैन्य माल के सुरक्षित परिवहन के लिए विकसित किया गया था। 
  • इसे कमांड पोस्ट वाहन, एम्बुलेंस और लॉजिस्टिक्स सहायता वाहन के रूप में भी तैयार किया जा सकता है।
  • इसकी लंबाई 6.7 मीटर, चौड़ाई 2.5 मीटर और ऊंचाई 2.8 मीटर है। 
  • इसका वजन 13,700 किलोग्राम है और यह 2,000 किलोग्राम का पेलोड ले जा सकता है।
  • इसकी अधिकतम गति 100 किमी/घंटा है
  • एक बार ईंधन भरने के बाद यह 1,000 किमी तक चल सकता है।
  • यह 30 डिग्री तक की ढलान पर चढ़ने में सक्षम हैं।
  • इस वाहन में दो चालक दल के सदस्य और आठ सैनिक बैठ सकते हैं।
  • इसकी छत पर निरीक्षण, फायरिंग और आपातकालीन निकास के लिए दो हैच लगे हैं।
  • इस वाहन में सिग्नेचर रिडक्शन पैकेज, एक चौतरफा वीडियो निगरानी प्रणाली और एक स्वचालित अग्निशामक इकाई भी शामिल है।

प्रश्न  - टाइफून-के वाहन का निर्माण किस देश ने किया है ?

(a) रूस 

(b) अमेरिका 

(c) इजराइल 

(d) फ़्रांस 

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