सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP)
- यह दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है जिसके तहत सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मुफ्त में टीकाकरण प्रदान किया जाता है।
शुरुआत और विस्तार
- इस कार्यक्रम की शुरुआत टीकाकरण पर विस्तारित कार्यक्रम के रूप में वर्ष 1978 में हुई।
- वर्ष 1985 में टीकाकरण का दायरा शहरी क्षेत्रों से आगे बढ़ाते हुए इसका नाम बदलकर सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम कर दिया गया।
- वर्ष 1992 में यह बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम का हिस्सा बन गया।
- वर्ष 1997 में इसे राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के दायरे में शामिल किया गया।
- वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत के बाद से सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम हमेशा इस मिशन का अभिन्न अंग रहा है।
महत्व :
- यह कार्यक्रम सबसे अधिक लागत प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में से एक है।
- इसके अंतर्गत हर साल करीब 2.67 करोड़ नवजात शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को लक्षित किया जाता है।
- इस कार्यक्रम ने 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए काफी हद तक योगदान दिया है।
शामिल बीमारियाँ :
- UIP सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों को 12 रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण प्रदान करता है।
- राष्ट्रीय स्तर पर : डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, गंभीर बाल क्षय रोग, हेपेटाइटिस बी और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी के कारण होने वाला मेनिनजाइटिस व निमोनिया।
- उप-राष्ट्रीय स्तर पर : रोटावायरस डायरिया, न्यूमोकोकल न्यूमोनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस।
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