(प्रारंभिक परीक्षा : योजनाएं एवं कार्यक्रम) (मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन,बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।) |
संदर्भ
- 27 अप्रैल, 2025 को भारतीय विमानन क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी पहल ‘उड़े देश का आम नागरिक(उड़ान) योजना के क्रियान्वयन के 8 वर्ष पूर्ण हो गए।
- उड़ान योजना की परिकल्पना राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (एनसीएपी) 2016 के तहत की गई थी।
उड़ान (UDAN) योजना के बारे में
- पूरा नाम : उड़े देश का आम नागरिक (UDAN)
- घोषणा : 21 अक्टूबर 2016
- पहली उड़ान: 27 अप्रैल 2017 को शिमला और दिल्ली के बीच
- मुख्य उद्देश्य:
- आम नागरिकों के लिए सस्ती और सुलभ हवाई यात्रा सुनिश्चित करना।
- टियर-2, टियर-3 शहरों और दूरस्थ क्षेत्रों को राष्ट्रीय औरअंतर्राष्ट्रीय विमानन नेटवर्क से जोड़ना।
- आर्थिक विकास, व्यापार, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना।
- छोटे हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट्स का पुनरुद्धार और उपयोग।
- नोडल मंत्रालय : नागर विमानन मंत्रालय
- कार्यान्वयन निकाय : भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
योजना के प्रमुख घटक
- व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) : ऐसे मार्ग जहाँ परिचालन लाभदायक नहीं है, वहाँ सरकार एयरलाइनों को वित्तीय सहायता देती है VGF केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा किया जाता है।
- किराया नियंत्रण : 500 किलोमीटर तक की दूरी के लिए किराया अधिकतम ₹2,500 निर्धारित। इससे सस्ती और अनुमानित दर पर हवाई यात्रा संभव हो सकी।
- संस्थान सहयोग: केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, AAI और निजी हवाई अड्डा संचालकों के बीच मजबूत समन्वय।
- हवाई अड्डा शुल्कों में छूट, ATF (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) पर कर में कमी आदि।
- हितधारकों को प्रोत्साहन:
- हवाई अड्डा संचालक: लैंडिंग, पार्किंग शुल्क माफी।
- राज्य सरकारें: ATF पर VAT 1% या कम करना, सुरक्षा सेवाएं प्रदान करना।
- केंद्र सरकार: मार्ग विकास में सहूलियत, करों में रियायतें।
योजना के विभिन्न चरण
- उड़ान 1.0 (2017):
- 128 मार्गों का आवंटन।
- 70 हवाई अड्डे जोड़े गए (36 नए)।
- पहली ऐतिहासिक उड़ान शिमला से दिल्ली।
- उड़ान 2.0 (2018):
- 73 कम जुड़े हुए हवाई अड्डे शामिल।
- हेलीपैडों को भी नेटवर्क से जोड़ा गया।
- उड़ान 3.0 (2019):
- पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से पर्यटन मार्ग विकसित किए।
- जल हवाई अड्डों और समुद्री विमान सेवा का आरंभ।
- उड़ान 4.0 (2020):
- पहाड़ी क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों और द्वीप क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- हेलीकॉप्टर और समुद्री विमान सेवा पर अधिक जोर दिया गया।
- उड़ान 5.0 और 5.5 (2024-25):
- 50 से अधिक जल निकायों से सीप्लेन सेवाओं के लिए निविदाएँ।
- हेलीपैड, छोटे रनवे, दूरस्थ क्षेत्रों तक सेवा विस्तार।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- 625 उड़ान मार्ग चालू किए गए हैं जो पूरे भारत में 90 हवाई अड्डों (2 जल हवाई अड्डों और 15 हेलीपोर्ट सहित) को जोड़ते हैं।
- उड़ान के अंतर्गत 1.49 करोड़ से अधिक यात्री किफायती क्षेत्रीय हवाई यात्रा से लाभान्वित हुए हैं।
- भारत का हवाई अड्डा नेटवर्क वर्ष 2014 में 74 हवाई अड्डों से बढ़कर वर्ष 2024 में 159 हवाई अड्डों तक पहुँच गया जो एक दशक में दोगुने से भी अधिक है।
- वंचित एवं दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) के रूप में 4,023.37 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
- उड़ान ने क्षेत्रीय पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच और व्यापार को मजबूत किया जिससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला।
क्षेत्रीय संपर्क के लिए प्रमुख नवाचार
- उड़ान यात्री कैफे : हवाई यात्रा को अधिक समावेशी बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, कोलकाता और चेन्नई हवाई अड्डों पर किफायती यात्री कैफे शुरू किए गए हैं जो किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराते हैं।
- समुद्री विमान सेवा : जल निकायों के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 5.5 चरण में विस्तार एवं समुद्री विमान सेवा के लिए दिशा-निर्देश जारी।
- उड़ान पहल का नवीनीकरण : मूल योजना की सफलता के आधार पर नवीनीकरण का लक्ष्य 120 नए गंतव्यों को जोड़ना और अगले दशक में 4 करोड़ से अधिक यात्रियों के लिए किफायती हवाई यात्रा को सक्षम बनाना है।
- इसमें दूरदराज, पहाड़ी और आकांक्षी जिलों, विशेष रूप से उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों के लिए विशेष सहायता पर ध्यान दिया गया है।
- कृषि उड़ान योजना : किसानों को सहायता प्रदान करने तथा कृषि-उत्पादों के लिए मूल्य प्राप्ति में सुधार करने के लिए बनाई गई कृषि उड़ान विशेष रूप से पूर्वोत्तर, पहाड़ी तथा आदिवासी क्षेत्रों से समय पर तथा लागत प्रभावी हवाई रसद की सुविधा प्रदान करती है।
- यह बहु-मंत्रालय योजना वर्तमान में 58 हवाई अड्डों को कवर करती है जिसमें 25 प्राथमिकता वाले हवाई अड्डों तथा देशभर में 33 अन्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- हवाई अड्डा अवसंरचना विकास : सरकार ने अगले 5 वर्षों में 50 नए हवाई अड्डे विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें बिहार में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, पटना हवाई अड्डे का विस्तार और बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे का विकास शामिल है।
निष्कर्ष
उड़ान योजना ने न केवल दूरदराज के क्षेत्रों को राष्ट्रीय विमानन मानचित्र पर ला दिया है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी बढ़ावा दिया है। इस योजना से पर्यटन को बढ़ावा देते हुए पूरे देश में रोजगार का सृजन किया गया है। जैसे-जैसे भारत एक वैश्विक विमानन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है, उड़ान योजना समावेशी विकास, लचीलेपन और दूरदर्शी शासन का प्रतीक है। यह एक समय में एक उड़ान के साथ नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करती है।
यूपीएससी GS 3, 2024
प्रश्न : भारत में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार की क्या आवश्यकता है? इस संदर्भ में सरकार की उड़ान योजना तथा इसकी उपलब्धियों की चर्चा कीजिए।
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