चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारतीय विज्ञान संस्थान (आई.आई.एस.सी), बेंगलुरू में भारत के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों में से एक ‘परम प्रवेग’ की स्थापना की गई।
प्रमुख बिंदु
- इसका विकास राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एन.एस.एम.) के तहत किया गया है।
- यह सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा डिजाइन किया गया है।
- इस प्रणाली से विविध अनुसंधानों और शैक्षिक गतिविधियों को शक्ति मिलने की उम्मीद है।
- इसके अधिकांश घटकों का निर्माण और संयोजन भारत में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत किया गया है।
- यह किसी भारतीय शैक्षणिक संस्थान का सबसे बड़ा सुपरकंप्यूटर है।
परम प्रवेग सुपर कंप्यूटर
इस सुपर कंप्यूटर की क्रियाविधि Linux OS पर आधारित है। इस सुपर कंप्यूटर की कुल सुपरकंप्यूटिंग क्षमता 3.3 पेटाफ्लॉप है। यह उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों के विकास और निष्पादन में सहायक होगा।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन
- यह मिशन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित और संचालित है।
- यह उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग सुविधाओं से युक्त एक विशाल सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड स्थापित करने और राष्ट्रीय शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को सशक्त बनाने के लिये कार्यान्वित किया गया है।
- सी-डैक द्वारा राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत सबसे पहला डिजाइन और निर्मित सुपर कंप्यूटर ‘परम शिवाय’ था, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बी.एच.यू.), वाराणसी में स्थापित किया गया।
मिशन का उद्देश्य
- भारत को सुपरकंप्यूटिंग क्षेत्र में विश्व में महत्त्वपूर्ण स्थान ग्रहण करने की समर्थता प्रदान करना।
- राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर की समस्याओं को हल करने में भारत की क्षमता को बढ़ाना।
- वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं के साथ सशक्त और सक्षम बनाना।
- सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के रणनीतिक क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता प्राप्त करने और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने में मदद करना।
सुपर कंप्यूटर के अनुप्रयोग क्षेत्र
- जलवायु मॉडलिंग
- मौसम की भविष्यवाणी
- कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी
- परमाणु ऊर्जा क्षेत्र
- राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा अनुप्रयोग
- भूकंपीय विश्लेषण
- आपदा प्रबंधन
- बिग डेटा एनालिटिक्स