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यूएन समिट ऑफ द फ्यूचर

प्रारंभिक परीक्षा 

(अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश)

संदर्भ

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान आयोजित ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ (Summit of the Future) में अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार वैश्विक शांति एवं विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

समिट ऑफ द फ्यूचर के बारे में 

  • समिट ऑफ द फ्यूचर वर्ष 2024 में संयुक्त राष्ट्र के 79वें वार्षिक महासभा बैठक के दौरान आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। 
  • यह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है तथा गरीबी एवं जलवायु संकट जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDBs) में सुधार पर विशेष जोर देता है।
  • इसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य (SDG) शिखर सम्मेलन को आगे बढ़ाना और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के उद्देश्य से भविष्य के लिए एक कार्रवाई-उन्मुख समझौता प्रदान करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि समिट ऑफ द फ्यूचर पाँच प्रमुख लक्ष्यों पर केंद्रित है :
    • संयुक्त राष्ट्र चार्टर की पुनः पुष्टि करना
    • बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना
    • मौजूदा प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन को बढ़ावा देना 
    • नई चुनौतियों के समाधान पर सहमति 
    • विश्वास बहाली
  • इस सम्मेलन में सदस्य देशों ने भविष्य के लिए संयुक्त राष्ट्र पैक्ट (UN Pact for the Future) को अपनाया है। 

भविष्य के लिए संयुक्त राष्ट्र पैक्ट

  • भविष्य के लिए संयुक्त राष्ट्र पैक्ट में ‘वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट एवं भविष्य की पीढ़ियों पर एक घोषणापत्र’ (Global Digital Compact and a Declaration on Future Generations) भी शामिल है।
  • इस समझौते को सदस्य देशों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया है। हालाँकि, रूस के नेतृत्व में सात देशों के एक छोटे समूह ने इस पैक्ट से असहमति दर्ज कराई है।
  • इस पैक्ट में शांति एवं सुरक्षा, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल सहयोग, मानवाधिकार, लिंग, युवा व भावी पीढ़ियों और वैश्विक शासन के परिवर्तन सहित कई मुद्दों को शामिल किया गया है। 
  • इस समझौते में निम्नलिखित मुख्य बातें शामिल हैं :
    • सतत विकास एवं विकास के लिए वित्तपोषण 
      • विकासशील देशों को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में अधिक अधिकार देना।
      • सबसे गरीब लोगों की सुरक्षा के लिए वैश्विक वित्तीय सुरक्षा जाल को मजबूत करना।
    • अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा 
      • परमाणु हथियारों को पूरी तरह से समाप्त करने के लक्ष्य के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए पुनः प्रतिबद्धता।
      • घातक स्वायत्त हथियारों जैसी नई तकनीकों के शस्त्रीकरण एवं दुरुपयोग से बचने का आह्वान।
    • विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं डिजिटल सहयोग  
      • उत्तरदायित्त्व एवं नैतिक तरीके से वैज्ञानिक अनुसंधान, मानवाधिकारों की रक्षा।
      • स्वदेशी एवं पारंपरिक ज्ञान की रक्षा, महिलाओं को सशक्त बनाना और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न होने वाले लैंगिक-जोखिमों को दूर करना।
    • डिजिटल सहयोग 
      • सभी लोगों, स्कूलों एवं अस्पतालों को इंटरनेट से जोड़ना
      • मानवाधिकार एवं अंतर्राष्ट्रीय कानून में डिजिटल सहयोग को बढ़ावा देना
      • सरकारों, तकनीकी कंपनियों और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन स्पेस को सभी के लिए, विशेषकर बच्चों के लिए सुरक्षित बनाना
    • युवा एवं भावी पीढ़ियाँ 
      • युवा लोगों को उनके जीवन को आकार देने वाले निर्णयों में भाग लेने के लिए अधिक सार्थक अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता, विशेष रूप से वैश्विक स्तर पर।
    • वैश्विक शासन में परिवर्तन 
      • बाह्य अंतरिक्ष को नियंत्रित करने वाले अंतर्राष्ट्रीय ढाँचों को मजबूत करना और बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकना।
      • अफ्रीका के निम्न प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देते हुए UNSC की प्रभावशीलता और प्रतिनिधित्व में सुधार करना।
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