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यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफ़ेस

प्रारंभिक परीक्षा 

(राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक एवं सामाजिक विकास)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय, समावेशी विकास व इससे उत्पन्न विषय और औद्योगिक विकास का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव)

संदर्भ

हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत में ऋण परिदृश्य (प्रक्रिया) को आसान बनाने के उद्देश्य से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payments Interface : UPI) की तर्ज पर यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (Unified Lending Interface : ULI) को लॉन्च करने की घोषणा की है। 

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफ़ेस से संबंधित प्रमुख बिंदु 

  • यू.एल.आई. को अगस्त 2023 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया था। इस प्लेटफॉर्म पर किसान क्रेडिट कार्ड ऋण, डेयरी ऋण, एम.एस.एम.ई. ऋण, व्यक्तिगत ऋण एवं गृह ऋण पर केंद्रित किया गया।
  • त्वरित ऋण प्रदान करने वाले मौजूदा लेंड़िग ऐप्स स्वतंत्र तौर पर काम करते हैं, जिन पर सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक का सीमित नियंत्रण है किंतु ULI प्लेटफॉर्म पर आधारित सभी ऐप पर सरकार एवं RBI का प्रत्यक्ष निगरानी रखेगी। यह भी बैंक खाता से लिंक होगा।

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफ़ेस के बारे में 

  • क्या है : ऋण के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म 
  • उद्देश्य : लागत में कमी लाना, ऋण का त्वरित संवितरण करना, मापनीयता के संदर्भ में ऋण देने की प्रक्रिया में दक्षता लाना, बैंकिंग प्रणाली में डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाना
  • लाभ : उधारकर्ताओं को व्यापक दस्तावेजीकरण के बिना ऋण तक निर्बाध पहुँच सुनिश्चित करना  
  • महत्व : जे.ए.एम.-यू.पी.आई.-यू.एल.आई. (JAM-UPI-ULI) की ‘नई त्रयी’ भारत की डिजिटल अवसंरचना के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण 
    • जिस प्रकार से यू.पी.आई. ने खुदरा भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को परिवर्तित कर दिया है, उसी प्रकार यू.एल.आई. भी देश में ऋण क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव में समान भूमिका निभाएगा।
    • यूएलआई से विभिन्न क्षेत्रों खासकर छोटे व ग्रामीण उधारकर्ताओं तथा कृषि एवं एम.एस.एम.ई. के लिए ऋण की मांग को पूरा होने की उम्मीद 

ऋण प्रक्रिया में लगने वाले समय में कमी 

  • यू.एल.आई. में व्यक्ति की अनुमति के आधार पर डिजिटल सूचना को उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड, विभिन्न डाटा प्रदाताओं से लोन देने वाली कंपनियों को डाटा उपलब्ध कराना शामिल है।
  • ग्राहक के वित्तीय एवं गैर-वित्तीय ब्योरे तक पहुंच को डिजिटल बनाकर इससे छोटे व ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए ऋण मूल्यांकन (प्रक्रिया) में लगने वाले समय में कमी आएगी। 
  • यू.एल.आई. आर्किटेक्ट में सामान्य एवं स्टैंडर्ड ए.पी.आई. (API) है और इसमें विभिन्न स्रोतों से आने वाली जानकारी तक पहुंचने के लिए 'प्लग एंड प्ले' अप्रोच का इस्तेमाल किया गया है। 
  • तुरंत कर्ज देने वाले मौजूदा ऐप्स (इंस्टेंट लोन ऐप्स) पर सरकार व RBI का सीमित नियंत्रण है किंतु ULI प्लेटफॉर्म पर बेस्ड ऐप पर सरकार प्रत्यक्ष निगरानी रखेगी। यह भी आपके बैंक खाता से लिंक होगा।

ULI की कार्यप्रणाली 

  • ULI ऐप आधार, ई-के.वाई.सी., राज्य सरकार के भूमि रिकॉर्ड, पैन सत्यापन एवं अकाउंट एग्रीगेटर सहित अलग-अलग स्रोतों से डाटा एकत्रित करेगा।
  • इसे डेयरी सहकारी समितियों से दूध के डाटा एवं घर या संपत्ति सर्च डाटा जैसी सेवा के साथ भी लिंक किया जाएगा।

ULI से संभावित लाभ 

  • UPI की तरह सरल प्रक्रिया 
  • किसानों-एम.एस.एम.ई. को त्वरित ऋण  
  • ऋण के लिए अधिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं  
  • ग्राहकों के डाटा तक आसान पहुंच 
  • इंस्टेंट लोन ऐप्स पर नियंत्रण लगाने में सहायक  
  • छोटे राशि का ऋण लेने वालों को अधिक लाभ

एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI)

  • यह अप्रैल 2016 में लान्च किया गया एक वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है।
  • यह एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में संचालित करती है, जिसमें कई बैंकिंग सुविधाएँ, निर्बाध फंड रूटिंग एवं मर्चेंट भुगतान आदि समाहित हो जाते हैं।
  • यू.पी.आई. ‘पीयर-टू-पीयर’ संग्रह अनुरोध को भी पूर्ण करता है जिसे आवश्यकता एवं सुविधा के अनुसार शेड्यूल व भुगतान किया जा सकता है। 
  • यह चौबीसों घंटे मोबाइल डिवाइस के माध्यम से तत्काल धन हस्तांतरण में मदद करता है।
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