चर्चा में क्यों?
- यूपीआई ने भारत में इस साल के मई में ही ₹10,41,520 करोड़ के लेनदेन को संसाधित किया।
- भारत में सभी खुदरा डिजिटल भुगतान (गैर-नकद और गैर-पेपर भुगतान) का 40% से अधिक अब UPI के माध्यम से होता है।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बारे में-
- वर्ष 2016 में NPCI ने 21 सदस्य बैंकों के साथ UPI को लॉन्च किया था और यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा संचालित है।
- यह तत्काल भुगतान सेवा (Immediate Payment Service- IMPS) जो कि कैशलेस भुगतान को तीव्र और आसान बनाने के लिये चौबीस घंटे धन हस्तांतरण सेवा है, का एक उन्नत संस्करण है।
- UPI एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) द्वारा, कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान की शक्ति प्रदान करती है।
- वर्तमान में UPI नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS), RuPay आदि सहित भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित प्रणालियों में सबसे बड़ा है।
- आज के शीर्ष UPI ऐप्स में फोन पे, पेटीएम, गूगल पे , अमेज़न पे और भीम एप शामिल हैं।
- UPI आधारित भुगतान मोटे तौर पर तीन चरणों के माध्यम से कार्य करता है।
- यह लेनदेन डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने से अलग है यूपीआई लेनदेन के लिए, कोई एमडीआर नहीं है (जैसे भारत सरकार के रुपे कार्ड के मामले में) और इसलिए व्यापारी द्वारा भुगतान की जाने वाली कोई कीमत नहीं है।
- एमडीआर एक शुल्क है जो प्राप्तकर्ता बैंक व्यापारी से एकत्र करता है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम -
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन हेतु एक अम्ब्रेला संगठन है, जिसे ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ (RBI) और ‘भारतीय बैंक संघ’ (IBA) द्वारा ‘भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007’ के तहत शुरू किया गया है।
- यह कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8) के प्रावधानों के तहत स्थापित एक ‘गैर-लाभकारी’ कंपनी है, जिसका उद्देश्य भारत में संपूर्ण बैंकिंग प्रणाली को भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान हेतु बुनियादी ढाँचा प्रदान करना है।