चर्चा में क्यों ?
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface - UPI)

प्रमुख बिंदु :-
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक क्रांतिकारी भुगतान प्रणाली (payment system) है, जिसे 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया था।
- यह प्रणाली भारत की डिजिटल भुगतान (digital payment) व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाई है, क्योंकि यह मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से बैंक खातों के बीच तत्काल (instant), वास्तविक समय (real-time) में धन स्थानांतरण की सुविधा देती है।
संस्थागत पृष्ठभूमि (Institutional Background)
NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया):
- स्थापना: 2008, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) द्वारा।
- यह Companies Act, 2013 की धारा 8 (Section 8) के तहत एक "not-for-profit" संगठन के रूप में पंजीकृत है।
- यह Payment and Settlement Systems Act, 2007 के अंतर्गत कार्य करता है।
- यह भारत में खुदरा भुगतान प्रणालियों (retail payment systems) की छतरी संस्था (umbrella organization) है जैसे: RuPay, IMPS, AEPS, BHIM, FASTag आदि।
UPI कैसे काम करता है (How UPI Works)
- यह कई बैंक खातों को एक मोबाइल एप्लिकेशन में एकीकृत (merge) करता है।
- निधियों का मार्गदर्शन (fund routing), व्यापारी भुगतान (merchant payments), उपयोगिता बिल (utility bill) और व्यक्तिगत स्थानांतरण (peer-to-peer transfers) को सक्षम करता है।
- यह 24x7 (हर समय), सप्ताहांत और छुट्टियों पर भी काम करता है।
- वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (Virtual Payment Address - VPA) का उपयोग करता है, जिससे बार-बार बैंक जानकारी साझा करने की आवश्यकता नहीं होती।
UPI की प्रमुख विशेषताएँ (Salient Features of UPI):
- तत्काल फंड ट्रांसफर (Immediate Fund Transfer): रीयल-टाइम और 24x7 सेवा।
- P2P और P2M भुगतान (Peer-to-Peer और Peer-to-Merchant)।
- सिंगल-क्लिक 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सुरक्षा और सुविधा प्रदान करता है।
- यूटिलिटी बिल, स्कूल फीस, ईएमआई, बीमा, क्यूआर कोड भुगतान आदि का समर्थन।
- इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability): एक UPI ऐप से कई बैंक खातों तक पहुंच।
- लेनदेन सीमा (Transaction Limit): RBI ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ₹5 लाख तक की सीमा बढ़ाई है।
- शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Redressal): ऐप आधारित शिकायत पंजीकरण।
UPI के संस्करण (Variants of UPI):
- UPI123Pay (मार्च 2022 में लॉन्च)
- फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया।
- प्रमुख तकनीकें:
- IVR (Interactive Voice Response)
- मिस्ड कॉल आधारित भुगतान
- ध्वनि आधारित भुगतान (Sound-based proximity payments)
- ऐप आधारित कार्यक्षमता (non-smartphones पर भी)
- 12 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध।
- लेन-देन सीमा: ₹10,000 (पहले ₹5,000 थी)।
- UPI Lite (2022 में लॉन्च)
- इंटरनेट या UPI पिन के बिना छोटे मूल्य के लेन-देन (offline small-value transactions) के लिए डिज़ाइन किया गया।
- कम नेटवर्क क्षेत्रों में उपयोगी।
- प्रति लेन-देन सीमा: ₹1,000
- वॉलेट सीमा (wallet limit): ₹5,000 (पहले ₹2,000)।
- वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) और तेजी से सूक्ष्म भुगतान (micro-payments) को बढ़ावा देता है।
UPI का अंतर्राष्ट्रीयकरण (Internationalisation of UPI):
- NPCI International Payments Limited (NIPL): 2020 में स्थापित, उद्देश्य: UPI, RuPay और अन्य भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर विस्तार देना।
- UPI वैश्विक स्वीकृति (UPI Global Acceptance): QR कोड आधारित व्यापारी भुगतान विदेशों में संभव (जैसे: सिंगापुर, UAE, भूटान, फ्रांस आदि)।
- विदेशी प्रेषण (Foreign Inward Remittance - FIR): विदेशों से UPI से जुड़े बैंक खातों में सीधे धन प्राप्ति की सुविधा।
NRI समावेशन (NRI Inclusion):NRE/NRO खातों वाले NRIs को UPI तक पहुंच।अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के माध्यम से OTP सत्यापन की सुविधा।
UPI One World:
- भारत आने वाले विदेशी पर्यटक (foreign tourists) को स्थानीय व्यापारियों को UPI से भुगतान करने की सुविधा।
- G20 सम्मेलन के दौरान सिंगापुर जैसे देशों के साथ पायलट लॉन्च।
UPI आँकड़े (As of 2025):
- 12 अरब से अधिक लेनदेन प्रतिमाह।
- 400+ बैंक और थर्ड-पार्टी ऐप्स (जैसे: Google Pay, PhonePe, Paytm आदि)।
- भारत के खुदरा डिजिटल भुगतान (retail digital payments) में 50% से अधिक योगदान।
- वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना (public digital infrastructure) की सफल कहानी के रूप में सराहना।
सुरक्षा ढांचा (Security Framework):
- दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication): मोबाइल नंबर और UPI पिन।
- हर लेन-देन के लिए संवेदनशील जानकारी साझा करने की आवश्यकता नहीं।
- RBI और NPCI समय-समय पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को अपडेट करते हैं।
UPI के लाभ (Benefits):
- वित्तीय समावेशन: ग्रामीण और कम आय वर्ग तक पहुंच।
- प्रयोग में सरल: IFSC कोड या खाता नंबर याद रखने की जरूरत नहीं।
- कम लागत: अधिकांश लेन-देन पर कोई शुल्क नहीं।
- डिजिटल इंडिया और कैशलेस अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को बढ़ावा।
चुनौतियाँ (Challenges):
- साइबर सुरक्षा जोखिम (Cyber-Security Risks): फ़िशिंग (Phishing), धोखाधड़ी और स्कैम बढ़ रहे हैं।
- इंटरनेट पर निर्भरता (Internet Dependency): दूरस्थ क्षेत्रों में बाधा।
- बैंक डाउनटाइम (Bank Downtimes): तत्काल भुगतान प्रभावित हो सकते हैं।
- विस्तार योग्य अवसंरचना (Scalability): बढ़ते ट्रैफ़िक को संभालने के लिए मजबूत अवसंरचना की आवश्यकता।