चर्चा में क्यों
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का निर्यात 400 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में आत्मनिर्भर भारत की महती भूमिका रही है।
महत्त्व
- व्यापारिक निर्यात में यह उपलब्धि कोविड-19 महामारी से पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 के 330 बिलियन डॉलर के निर्यात की तुलना में 21% से अधिक है।
- भारतीय निर्यात में वृद्धि के लिये निम्नवत् कारक उत्तरदायी हैं-
- पहला है मांग में वृद्धि।
- दूसरा है, महामारी के आर्थिक प्रभाव की प्रतिक्रिया में विकसित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा विस्तारित मौद्रिक नीति।
निर्यात वृद्धि के प्रमुख चालक क्षेत्र
- भारत के निर्यात वृद्धि के प्रमुख कारकों में इंजीनियरिंग वस्तुएं शामिल हैं, जिसके निर्यात में प्रारंभ के 11 माह में 49.7% की वृद्धि हुई है।
- इसके अलावा, इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्यात में 42.8% की तथा रत्न एवं आभूषण के निर्यात में 57.3% की वृद्धि हुई है।
- साथ ही, पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में 147.6% की वृद्धि हुई है।
आयात की स्थिति
कच्चे तेल, कोयला, सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायनों के आयात में तेज़ वृद्धि के साथ वर्तमान वित्त वर्ष के प्रारंभ के 11 माह में आयात 550 अरब डॉलर तक पहुँच गया है और व्यापार घाटा 176 बिलियन डॉलर हो गया है।