प्रारंभिक परीक्षा
(अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश)
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संदर्भ
इजराइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा 13 महीने लंबे संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव (यू.एन.एस.सी. संकल्प 1701) को मंजूरी देने के बाद इजराइल व लेबनान ने युद्ध विराम पर हस्ताक्षर किए है।
क्या है संकल्प 1701
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का उद्देश्य हिजबुल्लाह एवं इजरायल के बीच शत्रुता को समाप्त करना है तथा इस संकल्प में एक बफर जोन के निर्माण के साथ-साथ स्थायी युद्ध विराम की मांग की गई है।
- इस प्रस्ताव का उद्देश्य वर्ष 2000 में दक्षिणी लेबनान से ‘ब्लू लाइन’ तथा इजरायल द्वारा कब्जा किए गए गोलान हाइट्स से इजरायली सेनाओं की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करना था।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 11 अगस्त, 2006 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव 1701 पारित किया, जिसमें इजरायल व हिजबुल्लाह के बीच शत्रुता को पूरी तरह समाप्त करने का आह्वान किया गया।
प्रस्ताव में निम्नलिखित प्रावधानों के आधार पर दीर्घकालिक समाधान की बात
- ताइफ़ समझौते एवं संकल्प 1559 (2004) तथा 1680 (2006) के प्रासंगिक प्रावधानों का पूर्ण कार्यान्वयन।
- इसके तहत लेबनान में सभी सशस्त्र समूहों को निरस्त्र करना आवश्यक है, ताकि देश में लेबनानी राज्य के अलावा किसी अन्य के पास हथियार या अधिकार न हों।
- सरकार की सहमति के बिना लेबनान में विदेशी सेना का प्रवेश वर्जित।
- लेबनान को हथियारों और संबंधित सामग्रियों की बिक्री या आपूर्ति नहीं की जाएगी, सिवाय इसके कि इसको सरकार द्वारा अधिकृत किया गया हो।
- इजराइल के कब्जे में लेबनान में मौजूद सभी बारूदी सुरंगों के मानचित्रों को संयुक्त राष्ट्र को सौंपना।
- दोनों पक्षों द्वारा ब्लू लाइन के प्रति पूर्ण सम्मान तथा शत्रुता की पुनः शुरुआत को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।
- इसमें ब्लू लाइन एवं लिटानी नदी के बीच लेबनानी प्राधिकारियों व यूनिफिल के अलावा किसी भी सशस्त्र कार्मिक, संपत्ति तथा हथियारों से मुक्त क्षेत्र शामिल है।
- सुरक्षा परिषद ने शत्रुता की समाप्ति पर निगरानी रखने, लेबनानी सैनिकों के साथ क्षेत्र को सुरक्षित करने में मदद करने तथा विस्थापित लेबनानी लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए UNIFIL बल की अधिकतम क्षमता 15,000 संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को रखने को अधिकृत किया।