(प्रारंभिक परीक्षा- अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव)
संदर्भ
हाल ही में, अमेरिका ने क्यूबा को आतंकवाद प्रायोजक राज्य की सूची में फिर से डाल दिया है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय स्पष्टत: राजनीतिक रूप से उठाया गया कदम प्रतीत होता है, क्योंकि यह किसी भी रणनीतिक या नैतिक तर्क से परे है।
अमेरिका का तर्क
- अमेरिका ने क्यूबा को 10 कोलंबियाई विद्रोहियों और कुछ अमेरिकी भगोड़ो को शरण देने तथा वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के समर्थन का आरोप लगाते हुए इसे ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन’ करने वाले कृत्यों के रूप में पेश किया है।
- कैरेबियन देश क्यूबा अब ईरान, उत्तर कोरिया और सीरिया की श्रेणी में आ गया है। साथ ही, अमेरिका के इस निर्णय से नए प्रतिबंधों के कारण क्यूबा के लिये व्यापार करना और अधिक कठिन हो गया है।
क्यूबा का तर्क
- क्यूबा ने कहा है कि कोलंबिया के विद्रोहियों को वापस लौटाना वहाँ चल रही शांति प्रक्रिया को जटिल करेगा जिसमें क्यूबा एक मध्यस्थ है।
- वेनेजुएला के संबंध में, क्यूबा एक ऐसी विदेश नीति का अनुसरण कर रहा है, जो अमेरिका की परवाह किये बगैर उस देश की सरकार के साथ सीधे बातचीत करके अपने सर्वोत्तम हितों की सुरक्षा कर रहा है।
- हाल ही में क्यूबा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिये वहाँ की एकदलीय कम्युनिस्ट सरकार को घरेलू विरोधों का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद सरकार के कटु आलोचकों ने भी सरकार पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप नहीं लगाया।
अमेरिका और क्यूबा संबंधों का संक्षिप्त इतिहास
- क्यूबा के प्रति अमेरिका के कठोर व्यवहार की जड़ें को शीत युद्ध के दौर में खोजा जा सकता हैं। विदित है कि अमेरिका ने क्यूबा को वर्ष 1982 में आतंकवाद प्रायोजक राज्य की सूची में डाला था।
- अमेरिका ने कास्त्रो शासन के खात्मे की उम्मीद के साथ क्यूबा पर दशकों से कठोर प्रतिबंधों को आरोपित किया था। हालाँकि, सोवियत संघ के पतन के बावजूद क्यूबा में कम्युनिस्ट शासन जारी रहा।
- शीत युद्ध की यादें धुंधली होने और नई पीढ़ी के अमेरिकियों द्वारा विदेश नीति को पुनर्स्थापित करने की माँग के कारण ओबामा ने संबंधों को फिर से एक नया आयाम देते हुए क्यूबा में अमेरिकी दूतावास खोला और हवाना की यात्रा की।
- वर्ष 2015 में ओबामा प्रशासन ने क्यूबा को आतंकवाद प्रायोजित राज्य की सूची से बाहर करके अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में क्यूबाई लोगों के प्रति अधिक यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाया।
- हालाँकि, अमेरिका की इस नीति में विरोधाभास प्रतीत होता है क्योंकि 1970 के दशक की शुरुआत से सबसे बड़ी सैन्य शक्ति अमेरिका ने कम्युनिस्ट चीन के साथ सहयोग किया, जबकि इस छोटे से कम्युनिस्ट पडोशी देश से साथ के कठोर व्यवहार की नीति का अनुसरण करता रहा है।
आगे की राह
- ओबामा के उत्तरवर्तियों के तार्किक दृष्टिकोण में दोनों देशों के बीच विश्वास-निर्माण के अधिक उपाय करना और संबंधों को क्रमिक रूप से सामान्य बनाने की दिशा में काम करना करना होना चाहिये था। हालाँकि, डोनाल्ड ट्रम्प ने ठीक इसके उलट किया।
- नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने ट्रम्प प्रशासन की क्यूबा नीति की आलोचना करते हुए अधिक खुले दृष्टिकोण का वादा किया है और वे वर्तमान निर्णय को उलट करके पुन: विश्वास बहाली के कदम बढ़ा सकते है।
- हालाँकि, इस निर्णय को पलटने में समय लगेगा क्योंकि इस के लिये नियत समीक्षा प्रक्रिया का पालन करना होगा। साथ ही, क्षेत्रीय शांति के लिये बिडेन को ट्रम्प प्रशासन के अंतिम समय में लिये गए नीतिगत निर्णयों से विचलित हुए बिना स्वतंत्र निर्णय लेने चाहिये।
- अमेरिका में सत्ता परिवर्तन की तैयारी के बीच ट्रम्प प्रशासन विदेश नीति से संबंधित ऐसे अहम और महत्त्वपूर्ण फैसले ले रहा है, जिससे जो बिडेन के लिये अपनी विदेश नीति के एजेंडे पर तेज़ी से आगे बढ़ना मुश्किल कर देगा।