New
IAS Foundation Course (Pre. + Mains) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM | Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM | Call: 9555124124

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

प्रारंभिक परीक्षा

(समसामयिक घटनाक्रम, अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना)

संदर्भ 

  • हाल ही में, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हुआ जिसमें रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का अगला (47वां) राष्ट्रपति चुना गया जबकि जेड वेंस को उपराष्ट्रपति चुना गया।      
  • अमेरिका दुनिया का एकमात्र ऐसा लोकतंत्र है जहाँ राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार सर्वाधिक मत प्राप्त करने के बाद भी चुनाव हार सकता है। अमेरिका के इतिहास में चार बार वर्ष 1800, 1824, 2000 एवं 2016 के चुनावों में ऐसा हुआ है। इसका प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली में निर्वाचक मंडल की भूमिका का महत्वपूर्ण होना है।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ‘रिपब्लिकन पार्टी’ और ‘डेमोक्रेटिक पार्टी’ दो प्रमुख प्रतिद्वंदी होते हैं। रिपब्लिकन पार्टी का राजनीतिक प्रतीक हाथी और डेमोक्रेटिक पार्टी का राजनीतिक प्रतीक गधा माना जाता है, हालाँकि, ये इनके चुनाव चिह्न नहीं हैं।
  • रिपब्लिकन पार्टी को ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP)’ भी कहते हैं। 

अमेरिकी राष्ट्रपति के बारे में

  • परिचय : संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति (POTUS) अपने राष्ट्र का राज्य प्रमुख (Head of State) और सरकार प्रमुख (Head of Govt.) होता है।
    • राष्ट्रपति संघीय सरकार की कार्यकारी शाखा को निर्देश देता है और संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों का कमांडर-इन-चीफ भी होता है।
  • कार्यकाल : 4 वर्ष
  • चुनाव प्रणाली : निर्वाचक मंडल के माध्यम से अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली
  • अधिकतम दो कार्यकाल की सीमा : वर्ष 1951 में अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के तहत कोई भी व्यक्ति 2 बार से अधिक राष्ट्रपति के रूप में नहीं चुना जा सकता है।
  • राष्ट्रपति पद की योग्यता :
    • संयुक्त राज्य अमेरिका का प्राकृतिक नागरिक (जन्म से) होना चाहिए
    • कम-से-कम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
    • कम-से-कम 14 वर्षों से संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासी होना चाहिए।
  • मतदान दिवस : चुनावी वर्ष के नवंबर माह में पहले सोमवार के अगले दिन अर्थात मंगलवार को अमेरिका में राष्ट्रपति निर्वाचक मंडल (Electoral College), सीनेट (Senate) तथा प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) के सदस्यों के लिए चुनाव होता है, जिसे ‘मतदान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 
  • चुनाव दिवस : चुनावी वर्ष में दिसंबर माह के दूसरे बुधवार के बाद आने वाले मंगलवार को ‘निर्वाचक’ (Electoral) अपने-अपने राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के लिए अलग-अलग मतपत्रों पर अपने इलेक्टॉरल वोट डालते हैं।
  • शपथ दिवस : 20वें अमेरिकी संविधान संशोधन के अनुसार, नव निर्वाचित राष्ट्रपति के लिए 4 वर्ष का कार्यकाल चुनाव के बाद अगले वर्ष 20 जनवरी से शुरू होता है।
  • महत्त्वपूर्ण तथ्य
    • प्रथम राष्ट्रपति : जॉर्ज वाशिंगटन (1789-1797)
    • गृहयुद्ध के दौरान राष्ट्रपति : अब्राहम लिंकन (1861-1865) (16वें)
    • सबसे युवा राष्ट्रपति : थियोडोर रूजवेल्ट (1901-1909) 42 वर्ष की आयु में (26वें)
    • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान राष्ट्रपति : वुडरो विल्सन (1913-1921) (28वें)
    • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान राष्ट्रपति : फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट (1933-1945) (32वें)
    • प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति : बराक ओबामा (2009-2017) (44वें)
    • अमेरिका में अभी तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं चुनी गयी है। 

इसे भी जानिए!

अमेरिकी संसद के बारे में 

  • अमेरिका के संघीय सरकार की द्विसदनीय विधायिका को अमरीकी कांग्रेस (The United States Congress) कहते हैं। 
  • सीनेट (Senate) : यह कांग्रेस का उच्च सदन हैं, इसमें सभी 50 राज्यों को समान प्रतिनिधित्व के आधार पर 2-2 सीटें आवंटित की गई हैं। इसकी कुल सदस्य संख्या 100 है।
    • कार्यकाल : इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है और प्रत्येक दो वर्षों में एक-तिहाई नए सदस्य निर्वाचित होते हैं।  
    • योग्यता : 30 वर्ष आयु, 9 वर्षों से नागरिक, चुनाव के समय राज्य का निवासी।
  • प्रतिनिधि सभा (House of Representative) : यह कांग्रेस का निम्न सदन है। इसमें वर्ष 2020 की जनगणना के आधार पर सभी राज्यों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें आवंटित की जाती हैं। इस सदन में कुल 435 सीटें हैं। 
    • साथ ही, कोलंबिया जिले और संयुक्त राज्य अमेरिका के निवास वाले क्षेत्रों से 6 प्रतिनिधियों को भी प्रतिनिधि सभा में चुना जाता है, जिन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता है। 
    • कार्यकाल : प्रतिनिधि सभा के सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष का होता है और प्रत्येक सम वर्ष में फिर से इनका चुनाव होता है। 
    • योग्यता : 25 वर्ष आयु, 7 वर्षों से नागरिक, चुनाव के समय राज्य का निवासी।
  • प्रतिनिधित्व : प्रतिनिधि सभा का प्रत्येक सदस्य अपने राज्य के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे ‘कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट’ कहा जाता है (औसत जनसंख्या 7,00,000)। सीनेट के सदस्य पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया  

चुनाव से एक वर्ष पूर्व 

  • अमेरिका में बहुदलीय व्यवस्था है किंतु मुख्यत: दो राजनीतिक दलों ‘डेमोक्रेटस’ एवं ‘रिपब्लिकन’ का वर्चस्व है। इन प्रमुख दलों से राष्ट्रपति पद के लिए इच्छुक उम्मीदवार चुनाव से एक वर्ष पूर्व अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हैं।
  • चुनाव में उतरने के लिए पार्टी के भीतर भी दावेदारों को उम्मीदवारी जीतनी होती है, इसलिए ये उम्मीदवार अपने पार्टी के सदस्यों का पक्ष जीतने के लिए पूरे देश में प्रचार शुरू करते हैं।
  • इसके बाद चुनाव प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू होती है।

चरण 1: प्राइमरी और कॉकस

  • अमेरिका में चुनाव प्रक्रिया प्राइमरी और कॉकस से शुरू होती है, जिसमें प्रत्येक राज्य में प्रत्येक पार्टी के लिए अलग-अलग चुनाव होता है।  
  • प्राइमरी और कॉकस चुनावों का उद्देश्य प्रत्येक पार्टी से राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के लिए दर्जनों दावेदारों में से केवल एक का चुनाव कर आधिकारिक रूप से उसे पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में उतारना है।
  • अमेरिका के 41 राज्यों में प्राइमरी द्वारा और 3 राज्यों में कॉकस द्वारा तथा 6 राज्यों में दोनों तरीकों से प्राथमिक चुनाव कराया जाता है।

दोनों में अंतर

  • कॉकस (Caucuses) : कॉकस राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित बैठकें हैं जो काउंटी एवं जिला स्तर पर आयोजित की जाती हैं। 
    • कॉकस के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव होता है।    
    • इसमें सभी प्रतिभागी (राजनीतिक दलों के मतदाता) अपने द्वारा समर्थित उम्मीदवार के अनुसार स्वयं को समूहों में विभाजित करते हैं। 
    • अंत में, प्रत्येक समूह में मतदाताओं की संख्या से उम्मीदवार निर्धारित होते हैं।
  • प्राइमरी (Primaries) : प्राइमरी का संचालन राज्य और स्थानीय सरकारें करती हैं। 
    • प्राइमरी के लिए प्रत्यक्ष चुनाव होता है। 
    • मतदान गुप्त मतदान के माध्यम से होता है। 
    • कुछ राज्य ‘क्लोज प्राइमरी’ आयोजित करते हैं जिसमें केवल पार्टी के पंजीकृत सदस्य ही भाग ले सकते हैं। 
    • ‘ओपन प्राइमरी’ में सभी मतदाता भाग ले सकते हैं, चाहे उनकी पार्टी से संबंधित हो या न हो।

चरण 2: राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conventions)

  • प्रत्येक पार्टी राष्ट्रपति पद के अंतिम उम्मीदवार का चयन करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करती है।
  • लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुने गए प्राइमरी एवं कॉकस के राज्य प्रतिनिधि अब अपने पसंदीदा उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं और सम्मेलनों के अंत में प्रत्येक पार्टी से राष्ट्रपति पद के अंतिम उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा की जाती है। 
  • राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार एक रनिंग मेट (उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार) भी चुनता है।
  • इसके बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार आम जनता का समर्थन जीतने के लिए पूरे देश में प्रचार करते हैं।

चरण 3: आम चुनाव (General Election)

  • इस चरण में देश के प्रत्येक राज्य में लोग अपने पसंदीदा राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए अप्रत्यक्ष रूप से वोट करते हैं। आम जनता अपना वोट लोगों के एक समूह ‘निर्वाचक मंडल’ के लिए करते हैं। 

निर्वाचकों (Electors) के बारे में

  • आम चुनाव से पहले दोनों राजनीतिक दल प्रत्येक राज्य में पसंदीदा निर्वाचक उम्मीदवारों की एक सूची चुनते हैं। 
  • यह चयन स्थापित परंपराओं पर आधारित होता है जो राज्य दर राज्य और पार्टी दर पार्टी अलग-अलग होता है। 
  • अमेरिकी संविधान के अनुसार, कांग्रेस का सदस्य या संयुक्त राज्य अमेरिका के तहत ट्रस्ट या लाभ का पद धारण करने वाला कोई भी व्यक्ति निर्वाचक नहीं हो सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति देश के विरुद्ध विद्रोह या बगावत में शामिल रहा है, तो वह भी निर्वाचक पद के लिए अयोग्य होता है।
  • निर्वाचकों (Electors) का चुनाव राज्यों में लोकप्रिय जनादेश (Popular Vote) द्वारा किया जाता है, अर्थात अगर किसी उम्मीदवार को किसी राज्य में बहुमत (सर्वाधिक मत प्रतिशत) प्राप्त होता हैं तो उम्मीदवार को उस राज्य के सभी इलेक्टॉरल वोट प्राप्त हो जाते हैं। इसे अमेरिका में ‘विजेता सभी प्राप्त करता है’ (Winner Takes All) प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
    • हालांकि, सभी राज्यों से कुल सर्वाधिक मत प्राप्त करने के बाद भी राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनाव में हार सकता है अर्थात निर्वाचकों का बहुमत प्राप्त करना अनिवार्य है। 
  • दो राज्य ‘मेइन’ (4 निर्वाचक) एवं ‘नेब्रास्का’ (5 निर्वाचक) ‘विजेता सभी प्राप्त करता है’ प्रणाली के अपवाद हैं। 
    • दोनों ही राज्यों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व का एक विशिष्ट रूप लागू होता है जिसमें राज्य के विजेता को दो निर्वाचक मिलते हैं और प्रत्येक ‘कांग्रेसनल जिले’ के विजेता को एक-एक निर्वाचक मिलता है।
  • आम चुनाव में आधे से अधिक (270) निर्वाचक मत (Electoral Vote) प्राप्त करने वाला उम्मीदवार अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है, हालांकि उसका आधिकारिक रूप से चुनाव निर्वाचक मंडल के मतदान द्वारा दिसम्बर माह में किया जाता है।

चरण 4: निर्वाचक मंडल मतदान (Electoral College Voting)

  • निर्वाचक मंडल मतदान वह प्रक्रिया है जिसमें प्रत्येक राज्य से आम चुनाव में चुने गए निर्वाचक अपना वोट डालते हैं और अंतिम रूप से राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
  • ऐसा कोई संघीय कानून या संवैधानिक प्रावधान नहीं है जो निर्वाचकों को अपने राज्य में लोकप्रिय वोट के परिणाम के अनुसार मतदान करने की अनिवार्यता रखता हो। ऐसे निर्वाचकों को ‘विश्वासघाती निर्वाचक’ (Faithless Electors) कहा जाता है अर्थात ये दल-बदल कर सकते हैं।
  • प्रत्येक राज्य को अमेरिकी संसद में उसके प्रतिनिधित्व के आधार पर एक निश्चित संख्या में निर्वाचक (Electors) मिलते हैं और इनकी संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
    • उदाहरण के लिए, कैलिफ़ोर्निया राज्य से प्रतिनिधि सभा में 52 सदस्य एवं सीनेट में 2 सदस्य हैं, इसलिए इसके निर्वाचक मंडल में भी इसी अनुपात में कुल 54 सदस्य हैं।
  • वर्तमान में सभी 50 राज्यों से कुल 538 निर्वाचक (Electors) चुने जाते हैं जिनका अनुपात इस प्रकार है: 
    • अर्थात 435 प्रतिनिधि सभा + 100 सीनेट + 3 वाशिंगटन DC = निर्वाचकों की कुल संख्या 538
    • कैलिफोर्निया राज्य में सर्वाधिक 54 निर्वाचक हैं। 
    • 6 राज्यों अलास्का, डेलावेयर, नॉर्थ डकोटा, साउथ डकोटा, वर्मोंट एवं व्योमिंग और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया को 3-3 निर्वाचक आवंटित किए गए हैं, जो न्यूनतम निर्वाचकों की संख्या वाला राज्य है।
  • इस मतदान प्रक्रिया में प्रत्येक निर्वाचक अपना एक मत देता है और जिस राष्ट्रपति उम्मीदवार को आधे से ज़्यादा (270) मत मिलते हैं, वह आधिकारिक रूप से विजेता घोषित किया जाता है।

आकस्मिक चुनाव प्रक्रिया

  • आकस्मिक चुनाव प्रक्रिया का उल्लेख अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद II और 12वें संशोधन के अंतर्गत किया गया है।
  • यदि किसी भी उम्मीदवार को 270 निर्वाचक मत नहीं मिलते हैं तो आकस्मिक चुनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
  • ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति पद का निर्णय नव-निर्वाचित प्रतिनिधि सभा द्वारा किया जाता है जबकि सीनेट उपराष्ट्रपति को नामित करती है।
  • प्रतिनिधि सभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधिमंडल (Group of Representatives) को एक-एक मत मिलता है अर्थात कुल 50 राज्यों से 50 मत होते हैं।
    • प्रत्येक राज्य में जिस दल के सांसदों का बहुमत होता है, उस दल का उम्मीदवार उस राज्य का एक मत प्राप्त कर लेता है। 
  • इसके लिए राज्यों के सांसदों को आंतरिक मतदान करना होता है ताकि यह तय किया जा सके कि किस उम्मीदवार का समर्थन करना है।
  • चूंकि अमेरिका में 50 राज्य हैं, इसलिए किसी उम्मीदवार को कम-से-कम 26 राज्यों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
    • यद्यपि वाशिंगटन डी.सी. के पास राष्ट्रपति चुनाव के लिए 3 निर्वाचक मत हैं, लेकिन आकस्मिक चुनाव में इसका मत नहीं होता है क्योंकि यह एक राज्य नहीं है।
  • 1800 ई. के आकस्मिक राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस ने जॉन एडम्स के स्थान पर थॉमस जेफरसन को चुना था, जो अमेरिकी इतिहास में तीसरे राष्ट्रपति थे।
  • आकस्मिक चुनाव में उपराष्ट्रपति का चुनाव सीनेट के पूर्ण मत द्वारा किया जाता है, जिसमें प्रत्येक सीनेटर सबसे अधिक निर्वाचक मत प्राप्त करने वाले उपराष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवारों में से किसी एक को अपना मत देता है।

निर्वाचक मंडल प्रणाली के पक्ष में तर्क 

  • कम आबादी वाले राज्यों का प्रतिनिधित्व : निर्वाचक मंडल प्रणाली की शुरुआत अमेरिका के संस्थापकों द्वारा की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कम आबादी वाले राज्यों का प्रतिनिधित्व कम न हो और उम्मीदवारों को केवल अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में प्रचार करने से हतोत्साहित किया जा सके।
  • देश की एकता : समर्थकों का तर्क है कि निर्वाचक मंडल प्रणाली राष्ट्रपति चुने जाने के लिए लोकप्रिय जनादेश (Popular Vote) के वितरण की आवश्यकता के द्वारा देश की एकजुटता में योगदान देती है। 
  • क्षेत्रीय समानता : इस तरह के तंत्र के बिना राष्ट्रपतियों का चयन या तो अधिक आबादी वाले किसी क्षेत्र के अन्य क्षेत्रों पर प्रभुत्व के माध्यम से या बड़े महानगरीय क्षेत्रों के ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभुत्व के माध्यम से किया जाएगा।

इस प्रणाली की कुछ प्रमुख आलोचनाएं

  • व्यक्तिगत मत मूल्य में कमी : इलेक्टॉरल कॉलेज बड़े राज्यों में प्रत्येक व्यक्तिगत मत के मूल्य को कम कर देता है। उदाहरण के लिए, कैलिफ़ोर्निया में व्योमिंग की तुलना में लगभग 68 गुना अधिक लोग हैं किंतु इलेक्टॉरल कॉलेज के मत केवल 18 गुना अधिक हैं।
  • विजेता-सभी-प्राप्त करता है : यह तंत्र अंतिम परिणाम में स्विंग राज्यों के महत्व को बढ़ाता है और उन अमेरिकियों के मतों को प्रतिबिंबित नहीं करता है जो पारंपरिक रूप से रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक प्रभुत्त्व वाले राज्य में अन्य दल को वोट देते हैं। 
  • मतदान की बाध्यता : यह प्रणाली प्रभावी रूप से मतदाताओं को चुनिंदा विकल्पों में से ही चुनाव के लिए बाध्य करती है जिससे अनुपयुक्त उम्मीदवार भी शीर्ष पद पर पहुँच सकते हैं।
  • प्रत्यक्ष लोकतंत्र की मांग : आलोचकों का तर्क है कि आधुनिक प्रतिनिधि लोकतंत्र में निर्वाचक मंडल का कोई स्थान नहीं है। वास्तव में राष्ट्रपति पद हेतु प्रत्यक्ष चुनावों के लिए सभी अन्य लोकतंत्रों द्वारा इस प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है।

हालिया अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के बारे में

  • 5 नवंबर, 2024 को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी प्रतिद्वंदी डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को हराकर दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जीत दर्ज की। 
  • 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में जेड वेंस ने टिम वाल्ज़ को हराकर जीत दर्ज की।
    • उपराष्ट्रपति जेड वेंस की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस एक भारतीय अमेरिकी महिला हैं और उनके माता-पिता आंध्र प्रदेश के निवासी थे।
  • ग्रोवर क्लीवलैंड (22वें व 24वें राष्ट्रपति) के बाद डोनाल्ड ट्रम्प एक कार्यकाल के अंतराल के बाद दुबारा चुने जाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं।
  • निर्वाचक मंडल द्वारा औपचारिक चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रम्प का 20 जनवरी, 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ समारोह होगा।
  • प्रमुख स्विंग राज्य : राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रमुख स्विंग राज्यों में एरिज़ोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, नॉर्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन शामिल थे। इन सभी में डोनाल्ड ट्रम्प ने जीत दर्ज की है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR