(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार) |
संदर्भ
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल वैश्विक भू-राजनीति में, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति में बदलाव
- हिंद-प्रशांत शब्दावली का प्रयोग : अमेरिका ने ‘एशिया-प्रशांत’ शब्द के स्थान पर ‘हिंद-प्रशांत’ शब्द का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
- इस बदलाव का रणनीतिक उद्देश्य हिंद महासागर को व्यापक भू-राजनीतिक तस्वीर में शामिल करना था, जो वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता के लिए इस क्षेत्र के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
- चीन का मुकाबला करना : हिंद-प्रशांत शब्द क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के अमेरिका के इरादे को स्पष्ट करता है, विशेष रूप से समुद्री संचार लाइनों को सुरक्षित करने और समुद्री चुनौतियों का समाधान करने के मामले में।
अमेरिकी रक्षा एवं सुरक्षा ढांचे में संरचनात्मक परिवर्तन
- यू.एस. इंडो-पैसिफिक कमांड : वर्ष 2018 में यू.एस. पैसिफिक कमांड का नाम बदलकर यू.एस. इंडो-पैसिफिक कमांड कर दिया गया। यह हिंद-प्रशांत देशों के रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।
- रक्षा विभाग का पुनर्गठन : अमेरिकी रक्षा विभाग ने हिंद-प्रशांत सहयोगियों एवं साझेदारों पर केंद्रित विशेष इकाइयों के निर्माण के लिए सेना का पुनर्गठन किया है।
क्वाड का पुनरुद्धार
- रणनीतिक क्वाड गठन : ट्रंप प्रशासन की एक प्रमुख रणनीति क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया) को पुनर्जीवित करना है।
- ट्रंप ने क्वाड संवाद को मंत्री स्तर तक बढ़ाया है, जिससे समुद्री सुरक्षा, तकनीकी मानकों एवं आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन जैसे क्षेत्रों में गहन सहयोग के लिए मंच तैयार हुआ।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ट्रंप 2.0 की संभावनाएँ
- हिंद-प्रशांत पर द्विदलीय सहमति : हिंद-प्रशांत के रणनीतिक महत्व पर अमेरिका के दोनों प्रमुख दलों की साझा सहमति हैं। यह सहमति क्षेत्र के साथ अमेरिकी जुड़ाव में निरंतरता की गारंटी देता है।
- बिडेन प्रशासन ने वर्ष 2021 में पहली बार क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित किया और वर्ष 2022 में हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे की शुरुआत की।
- पहली प्रमुख विदेश नीति पहल : जनवरी 2025 में ट्रंप प्रशासन ने क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की।
- इसमें क्षेत्रीय समृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति, स्थिरता एवं समुद्री सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया गया और बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया गया।
- हार्ड पावर और सुरक्षा ढांचे : विशेषकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख के मद्देनजर ट्रंप सुरक्षा संबंधी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- इसमें हार्ड पावर डायनेमिक्स, जैसे- सैन्य उपस्थिति, गठबंधन एवं रक्षा सहयोग पर अधिक बल दिया जा सकता है।
- व्यापक क्षेत्रीय जुड़ाव : ट्रंप प्रशासन व्यापक, विविध एजेंडों को बढ़ावा देने की कोशिश कर सकता है जो हिंद-प्रशांत में मौजूदा नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के लक्ष्य के साथ संरेखित हैं।
- इसमें जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा एवं प्रौद्योगिकी मानकों जैसे मुद्दों पर गहन सहयोग शामिल हो सकता है।