प्रारंभिक परीक्षा के लिए – पोषण एप , पोषण अभियान मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ
सन्दर्भ
पोषण ट्रैकर एप का उपयोग करके प्रवासी श्रमिकों द्वारा आंगनवाड़ी कार्यक्रम का लाभ उठाया जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य
अब तक 57,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों ने मोबाइल फोन पर पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया है।
प्रत्येक प्रवासी श्रमिक जिन्होंने अपने मूल राज्य में पंजीकरण कराया था, वे अपने वर्तमान निवास स्थान के निकटतम आंगनवाड़ी में जाकर दी जाने वाली योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
2018 में पोषण अभियान के शुभारंभ के बाद से, कुल 10 करोड़ 6 लाख लाभार्थी पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें से 47.6 लाख स्तनपान कराने वाली माताएं, 7.48 करोड़ गर्भवती महिलाएं और बाकी बच्चे हैं।
इनमें से 9 करोड़ 38 लाख का आधार सत्यापन किया जा चुका है।
पोषण एप
पोषण ट्रैकर एप को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) द्वारा लॉन्च किया गया था।
पोषण ट्रैकर एप , आंगनवाड़ी केंद्र (चाइल्ड केयर सेंटर) की गतिविधियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा वितरण और गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और छह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पूर्ण लाभार्थी प्रबंधन प्रदान करता है।
यह श्रमिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले भौतिक रजिस्टरों को डिजिटाइज़ और स्वचालित भी करता है जो उनके काम की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
पोषण ट्रैकर के तहत प्रौद्यौगिकी का उपयोग स्टंटिंग, वेस्टिंग, कम वजन वाले बच्चों की पहचान और पोषण सेवा के वितरण को गतिशील पहचान देने में किया जाता है।
यह पोषण अभियान के तहत महत्वपूर्ण और लाभार्थी केन्द्रित सेवा वितरण एप्लिकेशन है जो वास्तविक समयावधि के साथ विश्लेषण को प्रोत्साहित करता है।
यह सभी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ लाभार्थियों की ट्रैकिंग और निगरानी को सक्षम बनाता है।
पोषण अभियान
पोषण अभियान को वर्ष 2018 में आरंभ किया गया
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस अभियान के लिएनोडल मंत्रालय है
उद्देश्य-
कुपोषण के उच्चतम बोझ वाले जिलों में ठिगनेपन के मामलों को कम करना।
6 साल से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी स्थिति में समयबद्ध तरीके से एक समन्वित और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाकर सुधार करना।
जीवनचक्र दृष्टिकोण के माध्यम से, एक समन्वित और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण अपनाकर देश में कुपोषण को चरणबद्ध तरीके से कम करना।
लक्ष्य
बच्चों(0- 6 वर्ष) में स्टंटिंग को रोकना और 2% प्रति वर्ष की दर से कम करना।
बच्चों (0-6 वर्ष) में कुपोषण को रोकना और 2% प्रति वर्ष की दर से कम करना।
छोटे बच्चों (6-59 महीने) में एनीमिया के प्रसार को 3% प्रति वर्ष की दर से कम करना।
15-49 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं और किशोरियों में एनीमिया के प्रसार को 3% प्रति वर्ष की दर से कम करना।
लो बर्थ वेट (जन्म के समय कम वजन) को 2% प्रति वर्ष की दर से कम करना।
वित्त पोषण
50% विश्व बैंक या अन्य बहुपक्षीय विकास एजेंसियों द्वारा।
50% केंद्र और राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से।
महत्वपूर्ण विशेषताएं
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
इसमें 18 मंत्रालयों / विभागों के अभिसरण के माध्यम से उच्च प्रभाव वाले हस्तक्षेपों की रूपरेखा तैयार की गई है।
पोषण अभियान ICT एप्लीकेशन, कन्वर्जेंस, कम्युनिटी मोबिलाइजेशन, व्यवहार परिवर्तन और जन आंदोलन, क्षमता निर्माण, प्रोत्साहन और पुरस्कार, नवाचार जैसे घटकों के माध्यम से देश भर में कुपोषण के मुद्दों को संबोधित करता है।
पोषण अभियान का कार्यान्वयन नीति आयोग में स्थापित तकनीकी सहायता इकाई (TSU) के माध्यम से किया जाता है, जो कार्यक्रम के लिए अनुसंधान, नीति और तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी।
अभियान की कार्यान्वयन स्थिति रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा प्रत्येक छह महीने में प्रस्तुत की जाती है।
पोषण अभियान के घटक
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।
अभिसरण।
व्यवहार संबंधी परिवर्तन।
शिकायत निवारण।
प्रोत्साहन।
नवाचार।
समेकित बाल विकास योजना-साझा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (ICDS-CAS)