(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र : 2 - बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।)
संदर्भ
हाल ही में, उत्तर प्रदेश में एक नई इलेक्ट्रिक वाहन (EV) विनिर्माण और गतिशीलता नीति, 2022 की घोषणा की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस नीति में लगभग 30,000 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- यह नीति त्रि-आयामी प्रोत्साहन व्यवस्था प्रदान करती है, जिसमें निर्माता, उपभोक्ता और बैटरी से संबंधित सुविधाएँ प्रदान करने वाले सेवा प्रदाता शामिल हैं।
- इस नीति को पहले चरण में राज्य के 17 जिलों में लागू किया जाएगा। इसके पश्चात् इसे अन्य जिलों तक भी विस्तारित किया जाएगा।
नीति के उद्देश्य एवं लाभ
- इस नीति का उद्देश्य राज्य में स्वच्छ गतिशीलता समाधानों (Clean Mobility Solutions) को तेजी अपनाने एवं राज्य में ई.वी. के लिये एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना है।
- यह नीति ई.वी. को बढ़ावा देने में मदद करेगी और डीजल एवं पेट्रोल पर निर्भरता को कम करेगी जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकें।
वाहन प्रोत्साहन हेतु छूट
रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से छूट
- इस नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु प्रथम तीन वर्षों के लिये 100% रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से छूट प्रदान की गई है।
- यह नीति पहले तीन वर्षों के पश्चात् राज्य में निर्मित ई.वी. पर चौथे और पांचवें वर्ष में भी छूट जारी रखने का प्रस्ताव रखती है।
खरीद पर सब्सिडी
- यह नीति इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर पहले दो लाख दोपहिया, पहले 50,000 तिपहिया और पहले 25,000 चौपहिया वाहनों की खरीद पर छूट की पेशकश करती है।
- इसके अंतर्गत प्रति दोपहिया ई.वी. की खरीद पर फैक्ट्री लागत का 15%, जो अधिकतम 5,000 रुपए हो सकता है, सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- प्रति तिपहिया ई.वी. की खरीद पर अधिकतम 12,000 रुपए तक की छूट दी जाएगी।
- प्रति चौपहिया ई.वी. वाहन की खरीद पर 1 लाख रूपए तक की छूट की व्यवस्था की गयी है।
- इसके अतिरिक्त यह नीति राज्य में पहले 400 निजी इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर भी सब्सिडी प्रदान करती है। यह सब्सिडी प्रति निजी ई-बस पर 20 लाख रुपये तक प्रदान की जाएगी।
- इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों को अग्रिम पेशकश द्वारा ई.वी. खरीद के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।